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Monday, September 23, 2024

69000 भर्ती विवाद के बीच उछला ईडब्ल्यूएस आरक्षण का मुद्दा, जानिए पूरा मामला

69000 भर्ती विवाद के बीच उछला ईडब्ल्यूएस आरक्षण का मुद्दा, जानिए पूरा मामला


प्रयागराज । परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण विवाद के कारण नए सिरे से पूरी चयन सूची बनाने के हाईकोर्ट के डबल बेंच के आदेश का मामला अभी थमा भी नहीं था कि इस भर्ती में ईडब्ल्यूएस का मुद्दा उछल गया है। 


इस भर्ती में आर्थिक रूप से पिछड़े (ईडब्ल्यूएस) अभ्यर्थियों ने 10 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। अभ्यर्थियों का कहना है कि 69000 भर्ती के लिए सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा (एटीआरई) की अधिसूचना परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने एक दिसंबर 2018 को जारी की थी।


प्रदेश सरकार इसी तिथि से भर्ती प्रक्रिया शुरूमानकर ईडब्ल्यूएस वर्ग को आरक्षण का लाभ नहीं दे रही है, जबकि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में रामशरण मौर्या बनाम उत्तर प्रदेश सरकार के केस में माना है कि एटीआरई एक पात्रता परीक्षा है जो किसी भी उम्मीदवार के उत्तीर्ण होने पर नौकरी की गारंटी नहीं देता है। भर्ती तब से शुरू मानी जाएगी जब जिला आवेदन प्रक्रिया शुरू होगी क्योंकि प्राथमिक शिक्षक का पद जिला स्तरीय भर्ती का है। 


सामान्य वर्ग प्रतियोगी छात्र मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष धर्मेद्र मिश्र का कहना है कि इस लिहाज से ईडब्ल्यूएस को आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए क्योंकि 69000 शिक्षक भर्ती का विज्ञापन बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव ने 25 मई 2020 को जारी किया था और संविधान में 103वें संशोधन के बाद केंद्र सरकार ने 12 जनवरी 2019 को ईडब्ल्यूएस आरक्षण लागू किया था और यूपी में 18 फरवरी 2019 में यह लागू हुआ था।


आज होनी है सुनवाई 
हालांकि हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने यह याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद ईडब्ल्यूएस वर्ग के अभ्यर्थियों ने डबल बेंच में अपील की। 17 सितंबर को सुनवाई के दौरान बेसिक शिक्षा परिषद के अधिवक्ता ने जब बात कही की 69000 भर्ती का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है और 23 सितंबर को अगली सुनवाई होनी है तो डबल बेंच ने सुनवाई टाल दी। डबल बेंच में इस मामले की सुनवाई अब 16 अक्तूबर को रखी गई है।

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