अब खंड शिक्षा अधिकारी (BEO) भी बन सकेंगे GIC के प्रधानाचार्य, शासन ने बनाई पदोन्नति की नियमावली, स्वीकृति के लिए UPPSC को भेजा, विरोध भी हुआ शुरू
प्रयागराज। बेसिक शिक्षा परिषद में तैनात खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) भी अब पदोन्नत होकर राजकीय इंटर कॉलेजों (जीआईसी) के प्रधानाचार्य बन सकते हैं। इसके लिए शासन से नियमावली तैयार कर दी गई है। उसे स्वीकृति के लिए उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) को भेजा गया है। स्वीकृति मिलने के बाद पदोन्नति की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
जीआईसी में प्रधानाचार्य का पद राजपत्रित होता है। इसके 50 प्रतिशत सीधी भर्ती से भरे जाते हैं। प्रधानाचार्यों की भर्ती पीसीएस के साथ होती है और ग्रेड पे- 5400 का होता है। इसके अलावा 50 प्रतिशत पद पदोन्नति से भरने का नियम है, लेकिन पिछले एक दशक से यह विवादित है, इसलिए पदोन्नति प्रक्रिया ठप है।
शुरू हो गया नियमावली का विरोध
प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति के लिए बनाई गई नियमावली का विरोध शुरू हो गया है। राजकीय शिक्षक संघ के अध्यक्ष रामेश्वर पांडेय ने बताया कि सीआई से आई बनने के बाद प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति मिलती थी, वह भी 17 प्रतिशत, अब सीधे बेईओ को इस पद पर पदोन्नति देना गलत है।
बीईओ ग्रेड पे 4800 का होता है। यह प्रवक्ता के बराबर है। प्रवक्ता से हेडमास्टर में परोन्नति होने के बाद वह अगले चरण में वह प्रधानाचार्य बन पाते हैं, जबकि बीईओ को इसका लाभ एक ही प्रमोशन पर देने की तैयारी है। संगठन इसका विरोध करेण।
उन्होंने बताया कि बीईओ का पद निरीक्षण केडर का है और प्रधानाचार्य शिक्षण कैडर का है। इसलिए उनका प्रमोशन इस पद पर नहीं होना चाहिए।
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