जिलों से बायोमीट्रिक हाजिरी की व्यवस्था वाले संस्थानों की जानकारी मांगी,
छात्रवृत्ति फर्जीवाड़ा रोकने को आधार आधारित हाजिरी, छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति में फर्जीवाड़ा रोकने की कवायद
लखनऊ । प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की ओर से संचालित छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए अब आधार आधारित बायोमीट्रिक हाजिरी अनिवार्य करने की तैयारी चल रह रही है। शासन स्तर पर समीक्षा के बाद अब सभी जिलों से ऐसी संस्थाओं की सूची मांगी गई, जिनमें अभी तक बायोमीट्रिक हाजिरी की व्यवस्था नहीं की गई है।
कक्षा नौ से लेकर उच्चशिक्षा तक के प्रदेश में संचालित सभी शासकीय, सहायता प्राप्त और मान्यता प्राप्त वित्त विहीन विद्यालयों में पढ़ने वाले अन्य पिछड़ा वर्ग (अल्पसंख्यक पिछड़े वर्ग को छोड़कर) के विद्यार्थियों को वार्षिक आय के आधार पर इस योजना का लाभ मिलता है। इसमें छात्र के माता- पिता या अभिभावक की वार्षिक आय दो लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।
अभी तक केवल यही अनिवार्य है कि छात्र का बैंक खाता आधार सीडेड हो तथा मोबाइल नंबर आधार लिंक्ड हो। पात्र छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति प्रबंधन प्रणाली की वेबसाइट (scholarship.up.gov.in) पर आनलाइन आवेदन करना होता है। साथ ही अंतिम रूप से सबमिट आवेदन के प्रिंटआउट के साथ आय, जाति, आधार व आधार सीडेड बैंक खाते का विवरण एवं शैक्षिक अभिलेख शिक्षण संस्थान में जमा करना होता है। अब इसमें बायोमीट्रिक हाजिरी की शर्त भी जोड़ी जाएगी।
जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी अन्य शर्तों के साथ बायोमीट्रिक हाजिरी की रिपोर्ट देखने के बाद ही आवेदन को आनलाइन अग्रसारित करेंगे। शासन के निर्देश पर पिछड़ा वर्ग कल्याण निदेशालय ने दशमोत्तर छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति योजना के तहत समूह-एक के पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत और आवेदन करने वाले छात्रों की शैक्षणिक सत्र 2024-25 के संदर्भ में बायोमीट्रिक हाजिरी या फेशियल आथेंटिकेशन की समीक्षा शुरू की है।
पूछा, किन संस्थानों में नहीं है व्यवस्था
बायोमीट्रिक हाजिरी से संबंधित कार्यवाही की जिम्मेदारी श्रीट्रान इंडिया को सौंपी गई है। निदेशालय ने सभी जिला पिछडा वर्ग कल्याण अधिकारियों से यह जानकारी मांगी है कि जिला स्तर पर कुल कितने संस्थानों ने अभी तक बायोमीट्रिक हाजिरी की शुरुआत नहीं की है? यह सूचना कारण सहित मांगी गई है।
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