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Sunday, September 29, 2024

स्कूल स्तर पर ही अच्छे फुटबॉलर बनेंगे छात्र, उत्तर प्रदेश में फुटबॉल को बढ़ावा देने के लिए सरकार की अहम पहल

स्कूल स्तर पर ही अच्छे फुटबॉलर बनेंगे छात्र, उत्तर प्रदेश में फुटबॉल को बढ़ावा देने के लिए सरकार की अहम पहल


लखनऊ: उत्तर प्रदेश में फुटबॉल को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने अहम पहल की है। अब स्कूली स्तर पर ही छात्रों को अच्छे फुटबॉलर और कोच बनाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए प्रदेश सरकार ने सुपर स्पोर्ट्स इंटरनेशनल के प्रमुख फुटबॉल कोचिंग प्लेटफार्म 'सुपरकोच' के साथ साझेदारी की है। इस पहल के तहत ‘द गेम चेंजर प्रोजेक्ट’ के माध्यम से प्रदेश में फुटबॉल के विकास का व्यापक कार्यक्रम शुरू किया जाएगा।


प्रोजेक्ट के तहत पहले चरण में प्राथमिक स्कूलों के फिजिकल एजुकेशन (पीई) शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। लखनऊ, गोरखपुर, वाराणसी, झांसी और मेरठ जैसे पांच जिलों में यह प्रक्रिया पूरी की गई है। अगले चरणों में जमीनी स्तर पर खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने और क्षेत्रीय फुटबॉल लीग के आयोजन की योजना है।


इस प्रोजेक्ट का सबसे बड़ा उद्देश्य प्रदेश के 1.35 करोड़ प्राथमिक स्कूलों के बच्चों को फुटबॉल की ओर आकर्षित करना और उन्हें यूरोपीय फुटबॉल अकादमियों की तर्ज पर प्रशिक्षित करना है। 


स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष दीपक कुमार ने बताया कि यह साझेदारी न केवल खेल प्रतिभा को विकसित करेगी, बल्कि शारीरिक शिक्षा को भी मजबूत बनाएगी। इस प्रोजेक्ट के सफल क्रियान्वयन से उत्तर प्रदेश फुटबॉल का एक बड़ा केंद्र बन सकता है।



स्कूल स्तर पर ही अच्छे फुटबॉलर बनेंगे छात्र, द गेम चेंजर प्रोजेक्ट के तहत फुटबॉल के विकास पर होगा काम

प्रमुख फुटबॉल कोचिंग प्लेटफॉर्म सुपरकोच के साथ हुआ समझौता


लखनऊ। प्रदेश में अब स्कूली स्तर पर ही छात्रों को अच्छा फुटबॉलर बनाया जाएगा। न सिर्फ खिलाड़ी विद्यालय स्तर पर ही कोच भी तैयार किए जाएंगे। इसके लिए प्रदेश सरकार ने प्रमुख फुटबॉल कोचिंग प्लेटफॉर्म सुपरकोच के साथ समझौता किया है। जो द गेम चेंजर प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश में जमीनी स्तर पर फुटबॉल विकास कार्यक्रम शुरू करेगा।

सुपर स्पोर्ट्स इंटरनेशनल द्वारा विकसित इस प्लेटफॉर्म के तहत परिषदीय स्कूलों में फुटबॉल के क्षेत्र में प्रतिभा की पहचान करना, कोच और खिलाड़ियों के विकास पर ध्यान केंद्रित करना है। इसके माध्यम से प्रदेश को फुटबॉल का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने का प्रयास किया जाएगा। इसके लिए परिषदीय विद्यालय एक प्रशिक्षण केंद्र के रूप में काम करेंगे। जहां खिलाड़ियों को यूरोपीय अकादमियों की तरह प्रशिक्षित किया जाएगा।


स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और माध्यमिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने कहा कि सुपरकोच के साथ यह साझेदारी स्कूलों में खेल और शारीरिक शिक्षा को बढ़ावा देगी। 


इस तरह होगा चरणबद्ध काम

पहले चरण में सुपरकोच एप से प्राथमिक स्कूलों में फिजिकल एजुकेशन (पीई) के शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया है। सुपरकोच टीम ने पांच जिलों लखनऊ, गोरखपुर, वाराणसी, झांसी, मेरठ को कवर किया है। दूसरे चरण में योग्य कॅरिअर कोच पीई शिक्षकों के साथ मिलकर जमीनी स्तर पर फुटबॉल प्रशिक्षण को बेहतर बनाएंगे। तीसरे में वरिष्ठ खिलाड़ियों की पहचान की जाएगी, उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा। इन्हें प्रारंभिक कोच के रूप में भर्ती किया जाएगा। चौथे में क्षेत्रीय स्तर पर फुटबॉल लीग और टूर्नामेंट आयोजित किए जाएंगे। इनमें सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों की राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए खोज की जाएगी, ताकि उन्हें बेहतर अवसर मिल सके।



प्राथमिक विद्यालयों के 1.35 करोड़ बच्चे खेलेंगे फुटबाल

प्राथमिक विद्यालयों के 1.35 करोड़ बच्चों की फुटबाल खेलने की प्रतिभा को निखारा जाएगा। प्रदेश सरकार इन बच्चों को फुटबाल खेलना सिखाएगी। स्कूली स्तर पर फुटबाल को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने सुपर स्पोर्ट्स इंटरनेशनल की प्रमुख फुटबाल कोचिंग प्लेटफार्म सुपरकोच के साथ साझेदारी की है। द गेम चेंजर प्रोजेक्ट के तहत प्राथमिक स्कूलों में फुटबाल प्रतिभा की पहचान की जाएगी।

सुपरकोच के सहयोग से प्राथमिक स्कूलों में फुटबाल प्रशिक्षण केंद्र विकसित किया जाएगा। यहां बच्चों को यूरोपीय अकाडमी में सफल साबित हुए तरीकों का उपयोग करके प्रशिक्षित किया जाएगा।

इस प्रोजेक्ट के तहत शारीरिक शिक्षा के शिक्षकों को सुपरकोच एप का उपयोग करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि राज्य भर में फुटबाल प्रशिक्षण के लिए एक मानकीकृत और संगठित दृष्टिकोण सुनिश्चित किया जा सके। स्कूल गेम्स फेडरेशन आफ इंडिया के अध्यक्ष और अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने कहा कि सुपरकोच के साथ यह साझेदारी फुटबाल प्रतिभा को विकसित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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