यूपी बोर्ड : प्रबंधकों के सगे संबंधियों के विद्यालय नहीं बनेंगे परीक्षा केंद्र
ऐसे विद्यालयों में नकल कराने की आती थी शिकायतें, नकल विहीन परीक्षा के लिए कर रहे उपाय
प्रयागराज। यूपी बोर्ड को हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा कराने के लिए केंद्र बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। विद्यालयों से आवेदन ले लिए गए हैं। इस बार प्रबंधकों के सगे संबंधियों के विद्यालय परीक्षा केंद्र नहीं बनेंगे।
पिछले दिनों यूपी बोर्ड ने केंद्र बनाने की गाइड लाइन जारी की थी। नकलविहीन परीक्षा कराने के लिए केंद्र बनाने के साथ ही उसके उपाय शुरू हो गए हैं। कई निजी विद्यालयों के प्रबंधकों पर नकल कराने के आरोप लगते रहे हैं। प्रदेश में कई ऐसे वित्तविहीन विद्यालय हैं, जिनके प्रबंधक एक ही परिवार या उनके रिश्तेदारों के हैं। परीक्षा के दौरान वह विद्यालय केंद्र बनते हैं, फिर इन स्कूलों के विद्यार्थियों का केंद्र इन्हीं प्रबंधकीय वाले विद्यालयों में बन जाता है। ऐसे विद्यालयों में अक्सर नकल की शिकायत आती है लेकिन बोर्ड उनको केंद्र बनाने से नहीं रोक पा रहा था।
बोर्ड का नियम है कि एक ही प्रबंधक वाले दो विद्यालय आपस में केंद्र नहीं बनाए जाएंगे। लेकिन प्रबंधक बदले होने पर वह केंद्र बन जाते थे। ऐसे में इस बार एक ही परिवार के प्रबंधन वाले विद्यालयों की भी सूची बनाई जाएगी। विभागीय अधिकारियों और एलआईयू से भी इसकी रिपोर्ट ली जाएगी। अमूमन केंद्र के कुछ लोगों की मिलीभगत से नकल होती है। इस बार ऐसे संदिग्धों को चिहिनत किया जाएगा। यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने बताया कि परीक्षा केंद्र बनाने में हर स्तर पर सतर्कता बरती जाएगी।
उन्होंने बताया कि विद्यालयों में जितने बच्चे पढ़ते हैं, उससे ज्यादा की परीक्षा कराने के लिए प्रधानाचार्य मांग करते हैं, अब ऐसा नहीं होगा। जिस विद्यालय में जितने बच्चे होंगे, उससे ज्यादा का केंद्र नहीं बनाया जाएगा। सड़क के दो तरफ निर्मित विद्यालयों को भी केंद्र नहीं बनाया जाएगा।
यूपी बोर्ड : प्रबंधकीय विवाद वाले विद्यालय नहीं बनेंगे परीक्षा केंद्र, 25 सितंबर से शुरू होगी केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया
अधिकतम 2000 विद्यार्थियों का बनाया जाएगा केंद्र
प्रयागराज। यूपी बोर्ड हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा के लिए केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया 25 सितंबर से शुरू हो जाएगी। नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए केंद्र निर्धारण में काफी सतर्कता बरती जाएगी। यूपी बोर्ड ने केंद्र निर्धारण की नियमावली जारी कर दी है।
इस वार प्रबंधकीय विवाद वाले विद्यालयों को केंद्र नहीं बनाया जाएगा। इसके अलावा विद्यालयों के मध्य परीक्षार्थियों का पारस्परिक आवंटन नहीं किया जाएगा।
केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। इसके लिए कमेटी बना दी गई है। प्रत्येक केंद्र पर कम से 250 और अधिकतम 2000 परीक्षार्थी आवंटित किए जाएंगे। केंद्र बनाते समय यह देखा जाएगा कि एक परीक्षार्थी के लिए 20 वर्गफीट क्षेत्रफल होना चाहिए। इसी मानक के अनुसार परीक्षार्थियों का आवंटन किया जाएगा। पिछले वर्ष अधिकतम 1500 परीक्षार्थियों पर केंद्र बनाए गए थे। इस बार परीक्षार्थी की संख्या बढ़ाई गई, इससे केंद्रों की संख्या कम हो सकती है।
नकल रोकने के उपाय के क्रम में विवादित एडेड विद्यालयों को केंद्र नहीं बनाया जाएगा। प्रदेश में 4512 एडेड विद्यालय हैं। इसमें से करीब पांच सौ के विवाद कोर्ट तक पहुंच चुके हैं। इसके अलावा हर जिले में पांच से दस विद्यालयों के प्रबंधक और प्रधानाचार्य के विवाद डीआईओएस स्तर पर लंबित हैं।
बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने बताया कि एक ही प्रबंधक वाले विद्यालय के छात्र-छात्राओं का केंद्र उसके अधीन संचालित दूसरे विद्यालय में नहीं बनाया जाएगा। बालिका विद्यालयों में बालकों का सेंटर नहीं बनाया जाएगा। बालकों का केंद्र 12 किमी तक बनाया जाएगा। विषय परिस्थितियों में इसकी दूरी 15 किमी तक हो सकती है। बालिकाओं का केंद्र अधिकतम सात किमी किमी दूर बनाया जाएगा।
प्रश्न पत्रों की सुरक्षा के रहेंगे कड़े इंतजाम
केंद्र निर्धारण के समय ही प्रश्न पत्रों की सुरक्षा के इंतजाम कर दिए जाएंगे। विद्यालय के प्रवेश द्वार, प्रत्येक कक्ष, प्रश्नों और उत्तर पुस्तिकाओं को रखने वाले कमरे में वायर रिकॉर्डिंग वाला सीसीटीवी अनिवार्य है। प्रधानाचार्य कक्ष से अलग वायस रिकॉर्डिंग, नाइट विजन युक्त सीसीटीवी वाला सुरक्षित स्ट्रांग रूम होना चाहिए। प्रत्येक विद्यालय से हाईस्पीड इंटरनेट कनेक्टीविटी भी जरूरी है। सीसीटीवी के डीवीआर में रिकार्डिंग क्षमता 30 दिनों की होनी चाहिए।
यूपी बोर्ड | हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की केंद्र निर्धारण नीति में अहम बदलाव, एक केंद्र पर अधिकतम दो हजार छात्र देंगे परीक्षा
पिछले साल 1500 परीक्षार्थियों के आवंटन का था नियम
किमी परिधि में 12 आने वाले विद्यालयों में केंद्र निर्धारित होगा प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता वालों का भी सात किमी में केंद्र होगा
प्रयागराज। यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा 2025 में एक केंद्र पर अधिकतम दो हजार छात्र-छात्राएं परीक्षा देंगे। पिछले साल अधिकतम 1200 छात्रसंख्या आवंटित करने का नियम था। लेकिन, अधिक धारण क्षमता वाले राजकीय और सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में इससे छूट देते हुए अधिकतम 1500 छात्र- छात्राओं का परीक्षा केंद्र बनाने का प्रावधान किया गया था।
बोर्ड के सचिव भगवती सिंह की ओर से जिला विद्यालय निरीक्षकों को भेजी गई केंद्र निर्धारण नीति में अधिक धारण क्षमता वाले राजकीय, सहायता प्राप्त और वित्तविहीन स्कूलों में अधिकतम 2000 छात्र- छात्राओं का केंद्र बनाने का प्रावधान किया गया है। माना जा रहा है कि इससे परीक्षा केंद्रों की संख्या में कमी आएगी और बोर्ड परीक्षा की निगरानी में सहूलियत भी होगी। परीक्षा केंद्रों पर न्यूनतम छात्रसंख्या पिछले साल की तरह 250 ही है।
शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र की बालिकाएं, जिन्हें स्वकेंद्र की सुविधा नहीं है, उन्हें अधिकतम सात किलोमीटर की दूरी में परीक्षा केंद्र आवंटित किया जाएगा। 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता वाले परीक्षार्थियों को भी अधिकतम सात किलोमीटर दूरी में परीक्षा केंद्र आवंटित किया जाएगा। छात्रों का परीक्षा केंद्र 12 किलोमीटर की परिधि में आने वाले विद्यालयों में निर्धारित किया जाएगा। विषम भौगोलिक परिस्थिति एवं विद्यालय की अनुपलब्धता के दृष्टिगत हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट के परीक्षार्थियों को निकटस्थ 15 किलोमीटर की परिधि में परीक्षा केंद्र आवंटित किया जा सकता है।
राजकीय-एडेड कॉलेजों की अर्हता प्रमाणित कराएंगे
माध्यमिक शिक्षा परिषद वर्ष 2025 की बोर्ड परीक्षा के लिए राजकीय और सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों की अर्हता भी प्रमाणित कराई जाएगी। वर्ष 2024 की परीक्षाओं के लिए सॉफ्टवेयर से निर्धारित ऐसे राजकीय एवं अशासकीय सहायता प्राप्त परीक्षा केंद्र, जिन्हें जनपद स्तरीय केंद्र निर्धारण समिति ने परीक्षा केंद्र सूची से निरस्त किया है एवं इस वर्ष अनर्हता सूची में सम्मिलित (राजकीय एवं अशासकीय सहायता प्राप्त) परीक्षा ऑनलाइन भेजकर उनकी अर्हता केंद्रों की अलग-अलग सूची डीआईओएस को को प्रमाणित कराया जाएगा।
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