राज्य मुक्त विद्यालय परिषद की बाधा दूर, जल्द होगा गठन, नियमावली भी हो गई तैयार, नई शिक्षा नीति के तहत होगी पढ़ाई
प्रयागराज। विद्यालय में नियमित पढ़ाई न कर पाने वाले विद्यार्थियों के लिए गठित किए जा रहे राज्य मुक्त विद्यालय परिषद की बाधा अब दूर हो गई है। इसकी नियमावली भी तैयार कर ली गई है। इसी हफ्ते उसे शासन को भेज दिया गया है। शासन से स्वीकृत होने के बाद आने वाले कुछ महीनों में इसका गठन किया जा सकता है। उसके बाद प्रवेश का क्रम शुरू हो जाएगा। नई शिक्षा नीति के तहत इसमें पढ़ाई होगी।
यूपी बोर्ड के अंतर्गत पत्राचार शिक्षा संस्थान 1980 से चल रहा है। इसमें बच्चों का पंजीकरण 11 वीं और 12वीं में होता है। दो दशक से पहले इसे मुक्त विद्यालय परिषद बनाने की योजना बनी थी। 29 अगस्त 2008 को इसका अधिनियम पारित हो गया। सितंबर में प्रमुख सचिव ने इसका शासनादेश जारी किया। शासनादेश में लिखा कि परिषद संचालन के लिए सोसाइटी पंजीकरण कराएं।
पत्राचार संस्थान के अफसरों ने कहा कि यूपी बोर्ड की तरह मुक्त विद्यालय परिषद काम करेगा। इसलिए इसके सोसाइटी पंजीकरण की जरूरत नहीं है। इसके बाद पत्राचार संस्थान से उचित पैरवी न होने पर फाइल ठंडे बस्ते में पड़ी रही। पिछले वर्ष अपर निदेशक माध्यमिक सुरेंद्र तिवारी को यहां का कार्यभार मिला। उन्होंने पुरानी फाइल निकलवाई और शासन में कई बैठकें करवाई।
अफसरों ने माना की पूर्व में जारी हुआ शासनादेश विसंगतिपूर्ण था। इसलिए पिछले दिनों उसे वापस ले लिया गया। अब इसके गठन की प्रक्रिया आगे बढ़ने लगी है। अपर निदेशक की निगरानी में इसकी नियमावली भी बनाई गई थी। अब वह उसे भी भेज दिया गया है। मुक्त विद्यालय परिषद बनने पर नई शिक्षा नीति के तहत पढ़ाई होगी।
अधिनियम से पहले ही बन गई फर्जी वेबसाइट
प्रयागराज। मुक्त विद्यालय परिषद का अधिनियम बना लेकिन धरातल पर नहीं आ सका। लेकिन इसके नाम से पहले ही फर्जी वेबसाइट बन गई। कुछ लोग इस नाम का सोसाइटी पंजीकरण कराकर प्रवेश लेने लगे। परीक्षा करवाकर अंक पत्र बांटने लगे। ठगों ने परिषद के नाम से चार वेबसाइट भी बना ली थी। पिछले दिनों अपर निदेशक अजय द्विवेदी ने साइबर थाने में ठगों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया। साइबर टीम फर्जी वेबसाइट को बंद कराने की प्रक्रिया कर रही है।
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