DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बागपत बाँदा बांदा बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लख़नऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Saturday, September 7, 2024

तीन लाख रुपये रिश्वत लेने में जेल गए संयुक्त शिक्षा निदेशक को शासन ने किया निलंबित, शिक्षक भी हुआ बर्खास्त, बर्खास्तगी की कार्रवाई रोकने के लिए ही रुपए मांगने का था आरोप

तीन लाख रुपये रिश्वत लेने में जेल गए संयुक्त शिक्षा निदेशक को शासन ने किया निलंबित


शिक्षक भी हुआ बर्खास्त, बर्खास्तगी की कार्रवाई रोकने के लिए ही रुपए मांगने का था आरोप


आगरा। तीन लाख रुपये रिश्वत लेने में जेल गए संयुक्त शिक्षा निदेशक आरपी शर्मा को शासन ने निलंबित कर दिया है। जिस डेट में उन्हें रंगे हाथ रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था उसी डेट से उन्हें निलंबित किया गया है। 

डीसी वैदिक इंटर कॉलेज में तैनात सहायक अध्यापक अजयपाल सिंह के खिलाफ फर्जी नियुक्ति की शिकायत हुई थी। मामले की संयुक्त शिक्षा निदेशक आरपी शर्मा जांच कर रहे थे। अजयपाल सिंह ने विजिलेंस में शिकायत की थी कि जांच को निस्तारित करने के एवज में दस लाख रुपये की उनसे मांग की गई है। फाइल निस्तारण से पहले पहली किस्त के रूप में तीन लाख रुपये एडवांस मांगे गए थे। शिकायत पर गोपनीय जांच कराई गई। 

गोपनीय जांच में इस बात की पुष्टि हुई कि लेन-देन के बाद संयुक्त निदेशक माध्यमिक शिक्षा के कार्यालय में फाइल का निस्तारण किया जाता है। शिक्षक की फाइल भी पेंडिंग में है।  ट्रेप करने की कार्रवाई के दौरान जिला अधिकारी के यहां से दो गवाह भी मौजूद रहे। अजय पाल  सिंह तय समय पर रिश्वत की रकम देने गया। रकम उसने आरोपित अधिकारी को दे दी। इसी दौरान विजिलेंस टीम ने उन्हें दबोच लिया।

 इस कार्रवाई से शिक्षा विभाग में खलबली मच गई। संयुक्त शिक्षा निदेशक के पकड़े जाने के बाद कई और लोग भी विजिलेंस के सामने आए जिन्होंने कहा कि उनसे भी रिश्वत मांगी जाती थी। शासन के द्वारा संयुक्त शिक्षा निदेशक आरपी शर्मा, जो जेल में बंद हैं, उन्हें निलंबित कर दिया गया है। इधर निदेशक की ओर से शिकायतकर्ता अजय पाल सिंह को भी बर्खास्त कर दिया गया है। विभाग ने भी यह सिद्ध कर दिया है उन पर बर्खास्तगी की कार्रवाई होनी थी लेकिन यह लटकी पड़ी थी। चर्चा है कि संयुक्त शिक्षा निदेशक आरपी शर्मा जानबूझकर बर्खास्तगी की फाइल को लंबित रखे हुए थे जिससे उन्हें कुछ फील गुड हो सके। 


फर्जी नियुक्ति करने वाले निशाने पर, क्या इसलिए आरपी शर्मा मामले को दिया जा रहा तूल?

आगरा। जिला विद्यालय निरीक्षक रहे (दिवंगत) दिनेश कुमार ने 57 लोगों की माध्यमिक शिक्षा विभाग में तैनाती की थी। ये सभी नियुक्तियां ठेके पर की गई थीं। कुछ विभागीय चर्चित बाबू और तत्कालीन डीआईओएस दिनेश कुमार की कार्यशैली संदिग्ध रही थी। दिनेश कुमार का निधन हो चुका है।  इन नियुक्तियों की शिकायतें भी विजीलेंस में की गई हैं। इन नियुक्ति की जांच होने के चलते खलबली मची हुई है। कहा जा रहा है कि इस मामले में कई अधिकारी और कर्मचारी फंस सकते हैं। इधर यूपी एजुकेशन ऑफिसर्स एसोसिएशन ने आरपी शर्मा प्रकरण की जांच के लिए शासन को ज्ञापन दिया था। अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने जांच समिति बना दी है। इसमें सतर्कता विभाग के सचिव राजेश कुमार और गृह विभाग के विशेष सचिव वीके सिंह हैं। एसोसिएशन द्वारा उठाए गए बिंदुओं पर यह समिति जांच करेगी। 

No comments:
Write comments