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Friday, September 6, 2024

UP Shikshamitra andolan : प्रदेश भर से शिक्षामित्रों ने लखनऊ में डाला डेरा, मानदेय बढ़ाने और नियमितीकरण करने की मांग की, नारेबाजी के साथ दिखाई ताकत


आजीविका का समाधान होने तक जारी रहेगा धरना

शिक्षा मित्र अड़े

प्रदेशभर के शिक्षा मित्र संगठनों ने इको गार्डन व शिक्षा निदेशालय में डाला डेरा

18 अक्टूबर 2023 को प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा से हुई वार्ता पर अमल नहीं


लखनऊ: मानदेय बढ़ाने और नियमित करके आजीविका का समाधान कराने के लिए शिक्षामित्र अड़ गए हैं। गुरुवार को प्रदेशभर से बड़ी संख्या में पहुंचे शिक्षामित्रों ने ईको गार्डेन व बेसिक शिक्षा निदेशालय परिसर में डेरा डाल दिया। उनका कहना है कि जब तक मुख्यमंत्री या शासन का सक्षम अधिकारी उनकी मांगे पूरी नहीं करता धरना खत्म नहीं होगा। दोनों जगह शिक्षामित्र सरकार से टकराने की जगह संवाद व समन्वय बनाकर चल रहे हैं, इसीलिए मंच से ललकारने की बजाय सिर्फ मांगें ही दोहराई जाती रही।

उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ ने ईको गार्डेन में शिक्षामित्र आजीविका रैली/धरना प्रदर्शन करने का आह्वान किया था। शिक्षक दिवस पर प्रदेशभर के सभी संगठनों से जुड़े शिक्षामित्रों का सुबह से ही पहुंचना शुरू हो गया। दोपहर तक धरना स्थल परिसर व बाहर सड़क पर बसों व अन्य वाहनों की कतारें लग गईं। 

संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिव कुमार शुक्ल ने धरने में सरकार से अनुरोध किया कि शिक्षामित्रों को ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका चलाने में परेशानी हो रही है, उसी का समाधान पाने के लिए यहां आए हैं। मुख्यमंत्री से सुरक्षित भविष्य का आशीर्वाद पाने की अभिलाषा है। यदि अनसुनी हुई तो शिक्षामित्र शांत नहीं बैठेंगे। समाधान पाने के लिए अनवरत संघर्ष करते रहेंगे।


प्रदेश महामंत्री सुशील कुमार यादव ने कहा कि 18 अक्टूबर 2023 को शिक्षामित्रों की प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा से वार्ता करके लिखित आश्वासन मिला था कि उन्हें नियमित किया जाएगा, मूल विद्यालय में वापसी होगी और मानदेय बढ़ोतरी की जाएगी, लेकिन दस माह बीत जाने के बाद भी शासन ने अब तक कोई आदेश जारी नहीं किया है। 

प्रदेश संरक्षक गाजी इमाम आला ने सभी से एकता बनाए रखने का आह्वान किया। कोषाध्यक्ष रमेश मिश्र, वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्यामलाल यादव, प्रदेश मंत्री कौशल कुमार सिंह, संगठन मंत्री श्रीराम द्विवेदी, प्रदेश प्रवक्ता तेजभान सिंह सहित दर्जनों वक्ताओं ने संबोधित किया। शिक्षा निदेशालय परिसर में आदर्श समायोजित शिक्षक-शिक्षामित्र वेलफेयर की ओर से धरना चल रहा है। वहां प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश चंद्र शर्मा भी पहुंचे।



तीन हजार से अधिक बसों से राजधानी पहुंचे प्रदेश के शिक्षामित्र, सीएम से वार्ता होने तक आन्दोलन जारी

शिक्षामित्रों की हुंकार, लखनऊ आए हैं और अपना हक लेकर ही जाएंगे


लखनऊ । नयमितीकरण, मानदेय बढ़ाने समेत अन्य मांगों को लेकर गुरुवार को प्रदेश भर से आए हजारों शिक्षामित्रों ने इको गार्डन में धरने के साथ हुंकार भरी। शिक्षामित्रों के सीएम आवास के घेराव की चेतावनी से प्रशासन पहले से ही सतर्क था। भारी संख्या में पुलिस और पीएसी तैनात थी। मुख्यमंत्री से वार्ता की मांग कर रहे शिक्षामित्रों को दोपहर बाद प्रशासन के अधिकारियों ने सीएम के ओएसडी से वार्ता कराई, लेकिन बात नहीं बनी। शिक्षामित्रों का कहना है कि जब तक मुख्यमंत्री से वार्ता नहीं हो जाती, धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। 


उप्र. प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के बैनर तले गुरुवार को प्रदेश भर के करीब 50 हजार शिक्षामित्र लखनऊ के आलमबाग स्थित धरना स्थल इको गार्डन पहुंचे और अपनी आवाज बुंलद की। शिक्षामित्रों ने कहा कि लखनऊ आए हैं, हक लेकर जाएंगे, सरकार शिक्षामित्रों को नियमित करे, नियमितीकरण की कार्रवाई होने तक मानदेय बढ़ाएं, हमारी मांगें पूरी हो, चाहे जो मजूबरी हो। 


इन्हीं नारों के साथ शिक्षामित्रों ने अपने गुस्से को बयां किया। शिक्षामित्रों को नियमित करें, सहायक शिक्षकों के समान सुविधाएं दी जाएं आदि स्लोगन लिखी तख्ती लेकर शिक्षामित्र आए थे। उप्र. प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिव कुमार शुक्ला ने कहा कि करीब एक लाख 40 हजार शिक्षामित्र प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में 24 वर्षों से बच्चों को पढ़ा रहे हैं। राज्य और केंद्र सरकार के राष्ट्रीय कार्यक्रमों में प्रतिभाग कर रहे हैं। फिर भी सरकार शिक्षामित्रों की अनदेखी कर रही है। अब शिक्षामित्र अपना हक लेकर ही जाएंगे।

इको गार्डन में हजारों की संख्या में पहुंचे शिक्षामित्रों के चलते कानपुर रोड, वीआईपी रोड, आशियाना से लेकर तेलीबाग तक जाम रहा। प्रदेश भर से आए हजारों शिक्षामित्रों ने गुरुवार को इको गार्डन में धरना दिया। सीएम के ओएसडी से वार्ता के बावजूद नहीं माने।



सात वर्ष से नहीं बढ़ाया शिक्षामित्रों का मानदेय

प्रदेश महामंत्री सुशील कुमार यादव ने कहा कि शिक्षामित्रों की जब तक मुख्यमंत्री से वार्ता नहीं हो जाती है, आन्दोलन जारी रखेंगे। शिक्षामित्रों को हर माह सिर्फ 10 हजार रुपये मानदेय दिया जा रहा है, जबकि काम शिक्षकों के बराबर लिय जा रहा है। वो भी 11 माह का। अधिकांश शिक्षामित्र घर से करीब 70 किमी. दूर स्कूलों में पढ़ा रहे हैं। वर्ष 2017 से सरकार ने मानदेय नहीं बढ़ाया है। शिक्षामित्र वापसी की मांग कर रहे।


स्वास्थ्य बीमा और आयुष्मान का लाभ मिले

संघ वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्याम लाल यादव ने कहा कि अधिकांश शिक्षामित्र 45 वर्ष से अधिक के हो गए हैं। कई बीमारियों से पीड़ित हैं। इन्हें स्वास्थ्य बीमा और इलाज के लिये आयुष्मान योजना का लाभ मिलना चाहिये। चिकित्सीय अवकाश की व्यवस्था की जाए। इतने कम मानदेय में परिवार का पेट पालना मुश्किल हो रहा है। कई शिक्षामित्र आर्थिक परेशानी के चलते खुदकुशी कर चुके हैं। 


मुख्यमंत्री से मुलाकात कर समाधान कराएं

आंदोलन का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने कहा कि ओबीसी और एससी वर्ग के नेताओं और मंत्रियों के आवास का घेराव कर अदालत के आदेश का पालन करने का दबाव डाल रहे हैं। ताकि डिप्टी सीएम, मंत्री और प्रदेश अध्यक्ष मुख्यमंत्री योगी से मुलाकात कर इस मामले का समाधान कराएं। अभ्यर्थी चार वर्ष से आन्दोलन कर रहे हैं। अभ्यर्थियों ने कहा कि कोर्ट ने मूल चयन सूची रद्द करते हुए सरकार को तीन महीने में नई सूची जारी करने का आदेश दिया है।


UP Shikshamitra andolan : प्रदेश भर से शिक्षामित्रों ने लखनऊ में डाला डेरा, मानदेय बढ़ाने और नियमितीकरण करने की मांग की, नारेबाजी के साथ दिखाई ताकत

लखनऊ में प्रदेश भर से जुटे हजारों शिक्षामित्र, इको गार्डन में धरना

अजीविका रैली में उमड़े शिक्षामित्र, प्रदर्शन

लखनऊ। उप्र. प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के बैनर तले शिक्षामित्रों ने बृहस्पतिवार को अजीविका रैली निकाली और ईको गार्डन में प्रदर्शन किया। शिक्षामित्रों को संबोधित करते हुए संगठन के प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार शुक्ला ने मुख्यमंत्री से नियमित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि कम मानदेय में शिक्षामित्रों को घर चलाने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए उनके भविष्य को सुरक्षित करने के लिए सरकार जरूरी निर्णय ले। पूर्व में मानदेय बढ़ाने का आश्वासन मिला था, लेकिन आजतक कोई निर्णय नहीं हुआ है। प्रदर्शन में महामंत्री सुशील कुमार, गाजी इमाम आला, श्यामलाल यादव, रमेश मिश्रा, श्रीराम द्विवेदी, श्याम मिश्रा समेत बड़ी संख्या में शिक्षामित्र शामिल हुए। 


राजधानी लखनऊ में शिक्षामित्रों का धरना प्रदर्शन शुरू हो गया है। शिक्षामित्रों की मांग है कि मानदेय बढ़ाया जाए और उन्हें नियमित किया जाए।

उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षकमित्र संघ के नेतृव में गुरुवार को भारी संख्या में इको गार्डन में जुटे शिक्षामित्र धरने पर बैठे। प्रदेशभर से आए शिक्षामित्रों ने नियमितिकरण की मांग को लेकर आवाज बुलंद की। नारेबाजी के साथ ही अपनी मांगें रखीं। शिक्षामित्रों का कहना है कि उन्हें भी समान काम का समान पैसा दिया जाय। शिक्षकों की तरह अवकाश, मेडिकल व अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएं।

शिक्षामित्रों का कहना है यह हमारी आखिरी लड़ाई है। सरकार ने मांगे नहीं मानी तो शिक्षामित्र विधान भवन का घेराव करेंगे। शिक्षामित्रों ने अल्टीमेटम दिया है। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक मित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिव कुमार शुक्ला और महामंत्री सुनील कुमार का कहना है कि प्रदेश सरकार से शिक्षामित्रों का सिर्फ शोषण कर रही है। 

अभी तक न मानदेय बढ़ाया है। शिक्षामित्र शिक्षकों के समान बच्चों को पढ़ा रहे है। समान काम का समान मानदेय दिया जाए। इको गार्डन में प्रदेश भर से भारी संख्या में महिला एवम पुरुष शिक्षामित्र बसों से आए हैं। भारी संख्या में पुलिस और पीएसी तैनात हैं। ताकि शिक्षामित्रों को विधान भवन का घेराव न करने जा पाएं।

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