डीएलएड की वर्तमान सीटें ही भरना मुश्किल, फिर भी 105 नए कॉलेजों को मान्यता देने की तैयारी
प्रयागराज। डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) की मान्यता के लिए 105 विद्यालयों ने आवेदन किया है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी) के सचिव ने विद्यालयों के मानकों की जांच करके फाइल शासन को भेज दी है। शासन से स्वीकृति के बाद इन विद्यालयों में डीएलएड की पढ़ाई शुरू हो सकेगी।
दो वर्षीय डीएलएड की पढ़ाई 67 जिला प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) में होती है। इसके अलावा करीब 2900 निजी प्रशिक्षण केंद्र हैं। सभी केंद्रों पर 2.28 लाख सीटें हैं।
पिछले पांच वर्ष से शिक्षक भर्ती नहीं आई, इसलिए युवाओं का इस कोर्स के प्रति रुझान कम हुआ है। हर वर्ष हजारों सीटें खाली रह जाती हैं, फिर भी डीएलएड कोर्स की मान्यता के लिए इस वर्ष 105 आवेदन आए थे।
प्रयागराज। डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) के दो वर्षीय पाठ्यक्रम की सभी सीटें भरना इस साल भी चुनौती बनी हुई है। प्रदेश में सरकारी और निजी संस्थानों में कुल 2.28 लाख सीटें हैं, लेकिन अब तक केवल एक लाख आवेदन ही प्राप्त हुए हैं। 9 अक्टूबर तक आवेदन की अंतिम तिथि है, जिसके बाद आवेदन तिथि बढ़ने की संभावना कम है। इससे स्पष्ट है कि इस बार भी बड़ी संख्या में सीटें खाली रह सकती हैं।
इसके बावजूद इस साल 105 नए विद्यालयों ने डीएलएड की मान्यता के लिए आवेदन किया है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी) के सचिव ने इन विद्यालयों की जांच करके फाइल शासन को भेज दी है। शासन से स्वीकृति मिलने के बाद इन विद्यालयों में डीएलएड की पढ़ाई शुरू हो सकेगी।
वर्तमान में 67 जिला प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) और करीब 2900 निजी प्रशिक्षण केंद्रों में डीएलएड की पढ़ाई होती है। इन सभी केंद्रों पर 2.28 लाख सीटें हैं, लेकिन पिछले पांच वर्षों से शिक्षक भर्ती नहीं आने के कारण युवाओं का इस कोर्स के प्रति रुझान कम हो गया है। हर साल हजारों सीटें खाली रह जाती हैं, फिर भी इस वर्ष 105 नए कॉलेजों ने डीएलएड की मान्यता के लिए आवेदन किया है।
इस स्थिति ने सवाल खड़ा किया है कि जब मौजूदा सीटें ही पूरी नहीं भर रही हैं, तो नए कॉलेजों की मान्यता कितनी प्रभावी होगी?
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