हाईकोर्ट में अपील नहीं करने से डीएलएड की काउंसलिंग रुकी, डीएलएड की अर्हता इंटर करने का हाईकोर्ट ने दिया था आदेश
प्रयागराज। डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) में प्रवेश के लिए आवेदन ले लिए गए हैं, लेकिन अर्हता विवाद के चलते काउंसलिंग प्रक्रिया रुकी है। इसकी अर्हता स्नातक है, लेकिन हाईकोर्ट ने उसे इंटरमीडिएट करने का आदेश दिया था। इसके खिलाफ पीएनपी को अपील करना है। अपील में देरी के चलते आगे की प्रक्रिया ठप है।
डीएलएड के दो वर्षीय पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएपी) ने 18 सितंबर से 15 अक्तूबर तक ऑनलाइन आवेदन लिया था। इस कोर्स के लिए सरकारी और निजी विद्यालयों में कुल 2.28 लाख सीटें के सापेक्ष 3.26 लाख आवेदन आए। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 16 अक्तूबर को मेरिट जारी होनी थी। उसके बाद 17 से 30 अक्तूबर तक काउंसलिंग व विद्यालय आवंटन होना था। 10 दिसंबर तक प्रवेश प्रक्रिया पूरी करके 12 दिसंबर से प्रशिक्षण शुरू हो जाना था।
आवेदन के दौरान ही अक्तूबर के प्रथम सप्ताह में हाई कोर्ट के आदेश चलते काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू नहीं हुई। दरअसल, यशांक खंडेलवाल समेत कई लोगों ने डीएलएड की अर्हता को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने कोर्ट को बताया था कि डीएलएड स्पेशल कोर्स (दिव्यागं बच्चों को पढ़ाने के लिए) की योग्यता इंटरमीडिएट है। इसलिए डीएलएड के लिए भी इंटरमीडिएट होना चाहिए। प्रदेश में एक ही कोर्स के लिए अलग-अलग अर्हता उचित नहीं है। इस पर कोर्ट ने डीएलएड के लिए इंटरमीडिएट अर्हता निर्धारित कर दी।
वहीं, पीएनपी के अफसरों ने बताया कि नेशनल काउंसिल फार टीचर्स एजुकेशन (एनसीटीई) के अनुसार डीएलएड की योग्यता 1998 से स्नातक निर्धारित है। उसी आधार पर प्रवेश लिया जा रहा है। हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ पीएनपी को अपील करना था। इसके लिए विधिक राय ली जा रही थी। अब तक अपील न होने से डीएलएड का सत्र देर से शुरू होगा।
बेसिक शिक्षा विभाग आदेश के खिलाफ अपील तक न कर सका दाखिले के लिए काउंसिलिंग का कोई कार्यक्रम जारी नहीं
कोर्ट के आदेश के खिलाफ विभाग ने अपील के लिए विधिक राय मांगी थी
प्रयागराज । डीएलएड प्रशिक्षण 2024 के दूसरे चरण के आवेदन पूरे हो चुके हैं लेकिन प्रवेश की काउंसिलिंग का कोई कार्यक्रम तय नहीं है। हाईकोर्ट ने पिछले महीने राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की गाइडलाइन के अनुरूप 12वीं पास अभ्यर्थियों को डीएलएड में प्रवेश का मौका देने के आदेश दिए थे। बेसिक शिक्षा विभाग न तो अब तक इस आदेश के खिलाफ अपील कर सका है और न ही 12 वीं पास अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आवेदन ही आमंत्रित किए जा सके हैं।
जो अब तक मिल नहीं सकी है। यही कारण है कि सिंगल बेंच के आदेश को चुनौती नहीं दी जा सकी है। आज की तारीख में सिंगल बेंच का आदेश प्रभावी है और यदि 12वीं पास अभ्यर्थियों को आवेदन का दिए बगैर प्रवेश प्रक्रिया शुरू होती है तो हाईकोर्ट की अवमानना हो जाएगी। प्रवेश के लिए काउंसिलिंग नहीं होती तो प्रशिक्षण शुरू होने में देरी होगी जो पहले से काफी लेट हो चुका है।
पिछले साल डीएलएड में प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन दो जून से शुरू हुए थे जबकि इस साल 18 सितंबर से आवेदन लिए गए। वर्तमान परिस्थितियों से एक बात तो साफ है कि नौ सितंबर के आदेश के अनुसार डीएलएड का प्रशिक्षण 12 दिसंबर को शुरू होना नामुमकिन है।
2.33 लाख सीटों पर 3,25,440 दावेदार
प्रदेश के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक भर्ती के लिए अनिवार्य डिप्लोमा इन एलिमेंटरी एजुकेशन (डीएलएड या पूर्व में बीटीसी) की 2,33,350 सीटों पर प्रवेश के लिए 325440 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। दूसरे चरण के ऑनलाइन आवेदन में 354904 अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया था। इनमें से 327241 ने फीस जमा की, 325440 ने अंतिम रूप से आवेदन किया।
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