प्रदेश में जल्द खुलेंगे 16 राजकीय संस्कृत विद्यालय, पांच में छात्रावास की सुविधा भी उपलब्ध होगी
लखनऊ : प्रदेश में जल्द 16 राजकीय संस्कृत विद्यालय स्थापित किए जाएंगे। इनमें से पांच विद्यालयों में छात्रों के लिए छात्रावास की सुविधा भी उपलब्ध होगी। संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए विद्यालयों की संख्या में बढ़ोतरी की जा रही है। इन विद्यालयों के निर्माण में कुल 117 करोड़ रुपये खर्च होंगे। निर्माण कार्य के लिए 17 करोड़ की पहली किस्त जारी कर दी गई है।
प्रदेश में अभी सिर्फ दो राजकीय संस्कृत स्कूल ही हैं। जिन जिलों में यह विद्यालय बनाए जा रहे हैं, उनमें वाराणसी, रायबरेली, बिजनौर, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, जालौन, अमेठी, मुरादाबाद, एटा, हरदोई, अयोध्या, सीतापुर, चित्रकूट, प्रयागराज, और मथुरा शामिल हैं। इनमें से जिन पांच राजकीय संस्कृत विद्यालयों में 100 बेड का छात्रावास बनाया जाएगा उनमें अयोध्या, सीतापुर, चित्रकूट, प्रयागराज और मथुरा शामिल हैं।
विद्यार्थियों को बेहतर ढंग से देववाणी का ज्ञान देने के लिए यह पहल की जा रही है। स्कूली शिक्षा महानिदेशालय की ओर से सभी जिलों के जिला विद्यालय निरीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि तय समय- सीमा के भीतर गुणवत्तापूर्ण ढंग से इन विद्यालयों का निर्माण किया जाए। समय-समय पर निर्माण कार्य का निरीक्षण कर रिपोर्ट महानिदेशालय को भेजी जाए।
कार्यदायी संस्था अगर किसी भी तरह की गड़बड़ी करती पाई जाए तो तत्काल उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए। अभी प्रदेश में 1,164 संस्कृत विद्यालय हैं। इनमें राजकीय संस्कृत स्कूल, अशासकीय सहायताप्राप्त विद्यालय व वित्तविहीन स्कूल शामिल हैं। यहां प्रथमा (कक्षा आठ) से लेकर उत्तर मध्यमा द्वितीय (इंटरमीडिएट) तक की शिक्षा दी जा रही है। ऐसे में इन विद्यालयों के खुलने से छात्रों को काफी लाभ होगा।
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