143 स्कूलों में शिक्षक ही नहीं बचे, तीन साल से फंसी है एडेड जूनियर की शिक्षक भर्ती
15 अक्टूबर 2024
प्रयागराज। सूबे के अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में सहायक अध्यापकों के 1504 और प्रधानाध्यापकों के 390 पदों पर तीन साल बाद भी भर्ती नहीं होने के कारण इन स्कूलों में ताला पड़ने की नौबत आ गई है। शिक्षा निदेशालय की ओर से शासन को भेजी गई सूचना के मुताबिक प्रदेश के 3049 एडेड जूनियर हाईस्कूलों में 143 स्कूलों में न तो कोई शिक्षक बचा है और न प्रधानाध्यापक ही है। यदि चयन प्रक्रिया जल्द पूरी नहीं हुई तो कई अन्य स्कूलों पर ताला पड़ जाएगा।
हाईकोर्ट से भर्ती का रास्ता फरवरी में ही साफ हो चुका है लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग के अफसर अब तक नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं कर सके हैं। भर्ती में देरी को लेकर कुछ स्कूलों के प्रबंधकों ने हाईकोर्ट में याचिकाएं भी की हैं कि यदि सरकार भर्ती पूरी नहीं कर पा रही है तो चयन का अधिकार एक बार फिर से प्रबंधकों को दे दिया जाए। सूत्रों के अनुसार मामले में शासन स्तर पर एक उच्च स्तरीय बैठक जल्द होने वाली है।
संशोधित परिणाम में 3369 अभ्यर्थी हुए थे फेल
परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने दो साल पहले छह सितंबर 2022 को संशोधित परिणाम जारी किया था जिसमें पूर्व में सफल 3369 अभ्यर्थी फेल हो गए थे। संशोधित परिणाम में सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए परीक्षा में सम्मिलित 2,71,071 अभ्यर्थियों में से 42,066 जबकि प्रधानाध्यापकों की भर्ती के लिए 14,931 अभ्यर्थियों में से 1544 को सफल घोषित किया गया था। जबकि उससे पहले 15 नवंबर 2021 को घोषित परिणाम में सहायक अध्यापकों के लिए 45,257 और प्रधानाध्यापकों के लिए 1,722 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया था।
शिक्षक भर्ती : जूनियर एडेड विद्यालयों में रिक्त 1894 पदों पर होना है चयन, 2022 में आया था परिणाम, परीक्षा पास कर भटक रहे 43,610 अभ्यर्थी
11 अक्टूबर 2024
प्रयागराज। जूनियर एडेड विद्यालयों में शिक्षक भर्ती की परीक्षा उत्तीर्ण कर 43,610 अभ्यर्थी दो वर्ष से नौकरी के लिए भटक रहे हैं। वह शिक्षा निदेशक से लेकर लखनऊ तक के चक्कर लगा रहे हैं और कई बार प्रदर्शन भी कर चुके हैं।
परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी) ने 2021 में जूनियर एडेड विद्यालयों में शिक्षक और प्रधानाचार्य के 1894 पदों पर भर्ती का विज्ञापन निकाला था।
इसके लिए प्रदेश से लाखों आवेदन आए थे। इसकी परीक्षा 17 अक्तूबर-2021 को कराई गई। 150 अंकों की परीक्षा में 90 से अधिक अंक पाने वालों को सफल घोषित किया गया। इसका परिणाम 15 नवंबर-2021 को घोषित कर दिया। परिणाम आया तो कुछ अभ्यर्थियों ने उसको हाईकोर्ट में चुनौती दी। उनका आरोप था कि परिणाम में गड़बड़ी हुई है।
हाईकोर्ट के आदेश पर परिणाम संशोधित किया गया। पीएनपी ने संशोधित परिणाम छह सितंबर-2022 को जारी कर दिया। इसके खिलाफ भी कुछ अभ्यर्थी हाईकोर्ट गए। हाईकोर्ट ने 15 फरवरी 2024 को सभी याचिकाएं खारिज कर दीं। आदेश दिया कि संशोधित परिणाम के आधार पर चयन हो।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद चयन प्रक्रिया शुरू होनी चाहिए थी। नियमानुसार रिक्त 1894 पदों के सापेक्ष काउंसलिंग होगी। सफल अभ्यर्थियों की मेरिट बनेगी और रिक्त पदों के अनुसार चयन होगा। यह मामला बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल के पास लंबित है। पिछले दिनों कई अभ्यर्थी लखनऊ में निदेशक से मिले लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ।
इससे सफल अभ्यर्थियों में आक्रोश है। अभ्यर्थी ज्ञानवेंद्र सिंह ने बताया कि चयन प्रक्रिया न होने से उनका भविष्य अधर में अटका है। वह इसके लिए निदेशालय में आंदोलन करेंगे।
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