आत्मरक्षा के लिए 32 लाख बालिकाओं को जूडो-कराटे व ताइक्वांडो का प्रशिक्षण देने का लक्ष्य, अब तक 4.9 लाख छात्राएं विद्यालयों में ले चुकीं हैं ट्रेनिंग
स्वयं की सुरक्षा के साथ दे रहे कानून की भी जानकारी
लखनऊ : परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों की छात्राओं को मिशन शक्ति के तहत आत्मरक्षा के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। वर्ष 2024-25 में कुल 32 लाख बालिकाओं को स्वयं की सुरक्षा के लिए ट्रेनिंग देने के साथ बचाव के लिए कानून और वूमेन हेल्पलाइन नंबर 1090 इत्यादि के बारे में भी जागरूक किया जा रहा है। इस वर्ष अब तक 4.9 लाख छात्राओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है।
मिशन शक्ति के पांचवें चरण के तहत बीती तीन अक्टूबर से छात्राओं को प्रशिक्षण का विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इन छात्राओं को स्वयं की रक्षा के लिए जूडो कराटे व ताइक्वांडो का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
छात्राओं को बाल विवाह, यौन हिंसा और छेड़खानी से अपना बचाव करने के बारे भी जागरूक किया जा रहा है। विशेषज्ञ उन्हें बाल अधिकारों के बारे में जानकारी दे रहे हैं। अपनी सुरक्षा के लिए वे क्या-क्या उपाय करें और किस तरह मुसीबत से बचें, प्रशिक्षण कार्यक्रमों में उन्हें इसकी जानकारी दी जा रही है। कोई भी ब छात्रा सुरक्षा के कारणों से अपनी पढ़ाई न छोड़े, इस पर विशेष जोर म दिया जा रहा है।
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि सभी स्कूल अपने यहां पढ़ रहीं बालिकाओं को यह प्रशिक्षण अनिवार्य रूप से स दिलाएं। जिन 32 लाख छात्राओं ने के इस बार ट्रेनिंग के लिए पंजीकरण कराया है, उन सभी को आत्मरक्षा नि के लिए दक्ष बनाया जाए। पिछले साल 16 लाख छात्राओं को म आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया गया था। इस बार यह लक्ष्य दोगुणा कर दिया गया है।
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