8 साल से लटकी प्राइमरी शिक्षकों की पदोन्नति जल्द, पदोन्नति के लिए नई नीति करीब करीब तय
लखनऊ। प्रदेश के प्राइमरी शिक्षकों की पदोन्नति के लिए नई नीति करीब करीब तय हो चुकी है। बेसिक शिक्षा विभाग इसे शीघ्र ही अन्तिम रूप देकर शासन को भेजने की तैयारी में है। शासन की मुहर लगते ही इसे जारी किया जाएगा। इससे करीब दो लाख शिक्षकों को लाभ होगा। यह पदोन्नति हर तीन साल पर होगी।
नई नीति में प्राइमरी में पदोन्नति पाने वाले शिक्षक उसी स्कूल में प्रधानाध्यापक भी बन सकेंगे, जहां वे तैनात थे। अभी सहायक अध्यापक पद से पदोन्नति के बाद उच्च प्राइमरी में सहायक अध्यापक या दूसरे प्राइमरी स्कूल में प्रधानाध्यापक के पद पर पदोन्नति का प्रावधान है।
नई नीति प्रभावी होने के बाद स्कूल शिक्षा महानिदेशालय द्वारा बनाए गए मानकों को पूरा करने वाले उसी स्कूल में प्रधानाध्यापक बन सकेंगे। शिक्षकों की पदोन्नति भी हर तीन साल पर होगी। अभी शिक्षकों को पांच साल के बाद प्रोन्नति मिलती है। हालांकि वर्ष 2016 के बाद से विभाग में शिक्षकों की कोई पदोन्नति नहीं हुई है। तीन साल पर पदोन्नति की नीति-2015 से पूर्व भी रही है, जिसे बाद में सरकार ने पांच साल में तब्दील कर दिया था।
सरकार ने शिक्षकों की ज्येष्ठता को जल्द से जल्द अन्तिम रूप भी निर्देश दिए हैं ताकि नई नीति होते ही पदोन्नति की प्रक्रिया अनुसार शुरू की जा सके। शिक्षकों की ज्येष्ठता सूची का लंबे समय से लटका पड़ा है। कर बेसिक शिक्षा अधिकारियों लापरवाही के कारण ज्येष्ठता सूची को तैयार करने के लिए जिलों से सूची प्रेषित किये जाने की तिथियां 10 से अधिक बार बढ़ाई गईं। कारण अलग-अलग अलग-अलग जिलों ने अलग-अलग तरीके से ज्येष्ठता सूची तैयार की, जिससे तमाम तरह की विसंगतियां उत्पन्न हुईं। मसलन कुछ जिलों में यह चयन गुणांक के आधार पर तैयार कर दिया गया तो कुछ जिलों में जन्मतिथि के आधार पर सूची तैयार की गई।
आठ साल से लगाए हैं प्रोन्नति की आस
नेशनल काउन्सिल फॉर टीचर एजुकेशन के दिशा-निर्देशों के तहत किसी भी शिक्षक को पदोन्नति के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा पास करना अनिवार्य है। प्रदेश में प्राइमरी के 75 फीसदी से अधिक सहायक अध्यापक टीईटी पास करने के बाद भी बीते आठ सालों से पदोन्नति की आस लगाए बैठे हैं। कुछ शिक्षकों का जब धैर्य जवाब दे गया तो वे हाईकोर्ट चले गए। हाईकोर्ट ने जब जवाब तलब किया तो आनन-फानन में जिलों से जानकारियां मंगाई जाने लगीं। हाईकोर्ट को बता दिया गया कि जिलों से सूचनाएं एकत्र की जा रही हैं। जल्द ही इस बारे में कोर्ट को अवगत करा दिया जाएगा।
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