नकल रोकने के लिए यूपी बोर्ड में हो सकता AI का प्रयोग, तीन वर्ष पहले आया था प्रस्ताव, अब तक प्रयोग नहीं हुआ शुरू
प्रयागराज। यूपी बोर्ड की परीक्षा में नकल रोकने के लिए इस बार एआई का प्रयोग हो सकता है। इसको लेकर तैयारी चल रही है। एआई के जरिये कंट्रोल रूम से परीक्षा की निगरानी होगी और नकल करने वाले पकड़े जाएंगे।
हाल ही में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का प्रयोग करते हुए कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) ने परीक्षा से पहले 400 सॉल्वर पकड़े हैं। एसएससी ने उन सॉल्वरों का प्रवेश पत्र ही जारी नहीं किया था। इससे बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े पर रोक लगी।
ऐसे ही अन्य परीक्षाओं में एआई के प्रयोग को लेकर अधिकारी सक्रिय हो गए हैं। यूपी बोर्ड ने भी नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए एआई के प्रयोग को लेकर काम शुरू कर दिया है। यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने बताया कि एआई का प्रयोग किस तरह किया जाए, अभी इस पर बैठकों का दौर चल रहा है।
उन्होंने कहा कि कोशिश है कि कंट्रोल रूम से एआई के जरिये प्रत्येक परीक्षा केंद्र की निगरानी हो। खासकर स्ट्रांग रूम पर विशेष निगरानी रहेगी। अगर कोई अनाधिकृत रूप से स्ट्रांग रूम खोलता है तो पता चल जाएगा।
उन्होंने कहा कि मानव की निगरानी के सापेक्ष एआई ज्यादा बेहतर विकल्प है। पिछले वर्ष यूपी बोर्ड मुख्यालय में बने कंट्रोल रूम से पूरी परीक्षा की निगरानी हुई थी। अब उसी में एआई का प्रयोग होने से व्यवस्था और अपग्रेड हो जाएगी।
तकनीक के खतरे भी हैं:
एआई के प्रयोग से जहां एक ओर नकल और शिक्षा माफिया पर लगाम लगाने की तैयारी की जा रही है, वहीं इसके संभावित खतरे भी हैं। बोर्ड के अधिकारी तकनीकी रूप से अपग्रेड नहीं हैं। ऐसे में इस तकनीक का अगर दुरुपयोग हुआ तो परिणाम कुछ और भी हो सकते हैं। बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि पिछले तीन वर्ष से यूपी बोर्ड की परीक्षा में एआई के प्रयोग को लेकर चर्चा हो रही है।
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