एजुकेटर भर्ती रद्द करने और शासकीय कर्मचारी का दर्जा देने की मांग को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का जोरदार प्रदर्शन
लखनऊ। राजधानी लखनऊ में मंगलवार को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन करते हुए शासकीय कर्मचारी का दर्जा और एजुकेटर भर्ती को रद्द करने की मांग की। प्रदेश भर से हजारों की संख्या में कार्यकर्ता ईको गार्डेन में जुटीं, जहां आंगनबाड़ी अधिकार संयुक्त मोर्चा के बैनर तले यह विरोध प्रदर्शन किया गया। कार्यकर्ताओं की प्रमुख मांग थी कि उन्हें शासकीय कर्मचारी का दर्जा दिया जाए, और तब तक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 18,000 रुपये व सहायिकाओं को 9,000 रुपये प्रति माह मानदेय सुनिश्चित किया जाए।
प्रदर्शन की अध्यक्षता मोर्चा की संयोजक सरिता सिंह और सह संयोजक प्रभावती देवी ने की। उन्होंने आक्रामक स्वर में एजुकेटर भर्ती को तत्काल प्रभाव से रद्द करने की मांग की, यह तर्क देते हुए कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर एजुकेटर की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पहले से ही बच्चों को शिक्षित करने का काम कर रही हैं।
सरिता सिंह ने कहा, "सरकार की नीतियों में यह विरोधाभास स्पष्ट है कि जब आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बच्चों की शिक्षा के साथ-साथ पोषण और स्वास्थ्य संबंधी जिम्मेदारियों को निभा रही हैं, तो अलग से एजुकेटर की भर्ती क्यों की जा रही है?" उन्होंने चेतावनी दी कि अगर यह भर्ती रद्द नहीं की गई, तो कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन और अधिक उग्र हो सकता है।
सरकार पर दबाव बढ़ा
वहीं, प्रदर्शनकारियों का कहना था कि एजुकेटर की नियुक्ति आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भूमिका को कमजोर करने की साजिश है। कार्यकर्ताओं ने स्पष्ट किया कि वे किसी भी हालत में इस भर्ती को स्वीकार नहीं करेंगी, और अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे आगे व्यापक स्तर पर आंदोलन करने के लिए तैयार हैं।
प्रदर्शन के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने "एजुकेटर भर्ती बंद करो", "हम भी शिक्षक हैं, हमें हमारा हक दो" जैसे नारे लगाए, और जोर दिया कि शासकीय कर्मचारी का दर्जा उनके अधिकारों को सुनिश्चित करने का सबसे उचित समाधान है।
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