यूपी बोर्ड के अंक पत्रों में होगा बदलाव, अंकों के अलावा ग्रेडिंग और क्रेडिट का भी होगा उल्लेख, 28 और 29 अक्तूबर को होगी कार्यशाला
प्रयागराज। नई शिक्षा नीति के अंतर्गत यूपी बोर्ड के पाठ्यक्रमों में कई बदलाव की तैयारी चल रही है। विषयों की संख्या बढ़ने के साथ ही मूल्यांकन के तरीकों में भी बदलाव किया जाएगा। इसके अलावा अंक पत्रों में भी बदलाव होगा। पाठ्यक्रम बदलने के बाद जो अंक पत्र मिलेगा, उसमें ग्रेडिंग और क्रेडिट का भी उल्लेख होगा।
नई शिक्षा नीति-2020 तैयार है, लेकिन किसी भी राज्य में अब तक इसे लागू नहीं किया गया है। हर राज्य में लागू करने के लिए मंथन चल रहा है। उसी क्रम में यूपी बोर्ड भी मंथन कर रहा है। इसके लिए 13 और 14 अगस्त को यूपी बोर्ड की एक कार्यशाला हो चुकी है। इसमें हाईस्कूल में 10 और इंटरमीडिएट में सात विषय पढ़ाने को लेकर चर्चा हुई थी। इसके अलावा व्यावसायिक कोर्स पढ़ाने पर जोर दिया गया था। व्यावसायिक शिक्षा से रोजगार की संभावना बढ़ेगी। इसलिए इसे छठवीं से पढ़ाने की तैयारी है।
पाठ्यक्रम के बाद कॉपियों के मूल्यांकन और अंक पत्र में बदलाव को लेकर 17 से 19 अक्तूबर तक कार्यशाला होनी थी, जो अब 28 और 29 अक्तूबर को होगी।
अब 28 और 29 अक्तूबर को होगी कार्यशाला
पाठ्यक्रम में बदलाव को लेकर 17 से 19 अक्तूबर तक होने वाली कार्यशाला में सीबीएसई के पूर्व चेयरमैन अशोक गांगुली और पूर्व परीक्षा नियंत्रक पवनेश कुमार को आना था। किसी कारणवश वह इन तिथियों पर नहीं आ पाएंगे, इसलिए अगली तिथि निर्धारित की गई है। यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने बताया कि अब यह कार्यशाला 28 और 29 अक्तूबर को होगी। सीमैट के सभागार में यह कार्यशाला होगी। इसमें मूल्यांकन प्रणाली और अंक निर्धारण पर चर्चा की जाएगी।
यूपी बोर्ड हाईस्कूल परीक्षा में 30 अंक के आंतरिक मूल्यांकन का बदलेगा मानक, एकरूपता लाने का निर्णय
हाईस्कूल परीक्षा के आंतरिक मूल्यांकन का बदलेगा मानक
यूपी बोर्ड ने एकरूपता को मानक निर्धारित कर तैयार किया प्रारूप
निर्धारित 30 अंक को कुछ श्रेणी में बांट बनेगी मूल्यांकन व्यवस्था
प्रयागराज : यूपी बोर्ड की हाईस्कूल परीक्षा के लिए छात्र-छात्राओं के विषयवार आंतरिक मूल्यांकन में विद्यालय व शिक्षकवार अलग- अलग व्यवस्था नहीं चलेगी। शैक्षिक सत्र 2025-2026 से विषयवार परीक्षार्थियों के आंतरिक मूल्यांकन का मानक बदल जाएगा। इसके लिए यूपी बोर्ड ने प्रारंभिक तौर पर एक प्रारूप तैयार किया है। इसे विशेषज्ञों के परामर्श से अंतिम रूप दिया जाएगा। इसी माह कार्यशाला भी होगी। उसके बाद परीक्षार्थियों के विषयवार आंतरिक मूल्यांकन के लिए गाइडलाइन जारी की जाएगी। उसी अनुरूप शिक्षकों को आंतरिक मूल्यांकन करना होगा।
आंतरिक मूल्यांकन 30 अंक का होता है, जिसके अंक विषयों की बोर्ड की लिखित परीक्षा में जुड़ते हैं। वर्तमान में शिक्षक छात्र-छात्राओं से उनके विषय एवं प्रोजेक्ट वर्क से जुड़े कुछ प्रश्न पूछकर तथा छमाही लिखित परीक्षा के अंकों के आधार पर आंतरिक मूल्यांकन के अंक देते हैं। इससे एक ही विद्यालय तक में अलग-अलग सेक्शन के छात्र छात्राओं के आंतरिक मूल्यांकन के तरीके में एकरूपता नहीं रहती। इस कारण किसी को पूरे 30 अंक तक तो किसी को इकाई तक में ही अंक मिलते हैं। ऐसे में यूपी बोर्ड ने आंतरिक मूल्यांकन में एकरूपता लाने का निर्णय लिया है।
बोर्ड सचिव भगवती सिंह के निर्देशन में अपर सचिव (पाठ्यपुस्तक) सत्येंद्र सिंह ने शोध सहायकों के सहयोग से एक प्रारूप तैयार किया है। प्रारूप को बोर्ड अधिकारियों, विषय विशेषज्ञों, कुछ प्रधानाचार्यों एवं प्रवक्ताओं की 17 अक्टूबर से 19 अक्टूबर तक आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला में विमर्श के बाद अंतिम रूप दिया जाएगा। कार्यशाला में यूपी बोर्ड के पूर्व सचिव पवनेश कुमार, सीबीएसई बोर्ड के पूर्व चेयरमैन अशोक गांगुली विशेष रूप से आएंगे।
नए ड्राफ्ट में आंतरिक मूल्यांकन के 30 अंक को अलग-अलग श्रेणी के प्रश्नों के लिए बांटा गया है। उदाहरण के तौर पर मौखिक परीक्षा (वायवा) के लिए पूर्णांक पांच या कुछ और अंक तय किया गया है। इसी तरह प्रोजेक्ट कार्य का पूर्णांक भी पांच या कुछ और अंक है। कुछ पूर्णांक भाषा वाचन पर है तो कुछ पूर्णांक गणित के सूत्र व विज्ञान के नियम पर है। इन श्रेणियों में पूर्णांक ऐसे निर्धारित किए गए हैं कि सभी का पूर्णांक योग 30 है। इस तरह परीक्षक को हर श्रेणी के पूर्णांक के क्रम में आंतरिक मूल्यांकन के समय अंक प्रदान करना होगा।
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