स्कूलों में सुरक्षा उपायों का मुआयना कराए सरकार : हाईकोर्ट, राज्य सरकार ने स्कूलों और विद्यार्थियों की सुरक्षा की कार्ययोजना बनाकर पेश की
कोर्ट ने पहले के आदेश में प्रदेश के स्कूलों की सेफ्टी ऑडिट रिपोर्ट की थी तलब
लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने सुरक्षा मानकों व संबंधित नियम-कानूनों का उल्लंघन कर चल रहे स्कूलों और विद्यार्थियों की सुरक्षा मामले का सख्त संज्ञान लिया है। कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया कि स्कूलों में सुरक्षा उपायों का गंभीरता से मुआयना कराए। हालांकि विद्यार्थियों की सुरक्षा से जुड़े इस मामले की सुनवाई के समय राज्य सरकार ने पहले के आदेश के तहत कार्ययोजना पेश की।
न्यायमूर्ति आलोक माथुर और न्यायमूर्ति वृजराज सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश गोमती रिवर बैंक रेजिडेंटस की ओर से वर्ष 2020 में दाखिल जनहित याचिका पर दिया। इसमें शहर के आवासीय क्षेत्रों में मानकों के उल्लंघन कर चल रहे स्कूलों का मुद्दा उठाया गया है। ऐसे 16 स्कूलों की लगाई गई सूची में जापलिंग रोड स्थित सीएमएस स्कूल समेत अन्य स्कूलों के नाम हैं। इस मामले में पहले कोर्ट ने प्रदेश के स्कूलों की सेफ्टी ऑडिट रिपोर्ट तलब की थी। साथ ही जानकारी देने के लिए प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी को तलब किया था।
कोर्ट के आदेश के तहत बीते पांच सितंबर को माध्यमिक शिक्षा सचिव वेदपाल मिश्र कोर्ट में पेश हुए। साथ ही कोर्ट के आदेश के अनुपालन के संबंध में अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा दीपक कुमार और संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून-व्यवस्था अमित वर्मा के हलफनामे भी पेश किए गए।
सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया था कि संबंधित अधिकारी सुप्रीम कोर्ट द्वारा अविनाश मेहरोत्रा के मामले में दिए गए सुरक्षा संबंधी दिशा-निर्देशों को लागू करने के लिए नीति बनाने की प्रक्रिया में हैं। इस पर कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वर्ष 2021 के नए दिशा- निर्देशों के तहत सुरक्षा संबंधी कार्ययोजना बनाकर एक अक्तूबर तक पेश करे।
मामले में नियुक्त न्यायमित्र
अधिवक्ता ने अर्जी दाखिल कर कोर्ट को बताया था कि हाल ही में बाराबंकी के जहांगीराबाद स्थित अवध चिल्ड्रेन एकेडमी नामक निजी स्कूल की एक मंजिल ढहने से 15-20 बच्चों को चोट आई थी। इस घटना की छपी खबरें भी फोटो के साथ पेश की। कोर्ट ने इसे दिशा-निर्देशों का टेस्ट केस मानकर संबंधित अधिकारियों को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया था।
लखनऊ में बच्चों को स्कूल से लाने ले जाने के मामले में आदेश न मानने वालों की रिपोर्ट तलब
हाईकोर्ट ने इसी मामले में लखनऊ में बच्चों को स्कूल से लाने ले जाने के पहले दिए आदेश का उल्लंघन करने वाले स्कूलों की सूची संबंधित प्राधिकारी से मांगी है। कहा, ऐसे स्कूलों के प्राधिकारियों से कोर्ट के इस आदेश का पालन करने की कोशिश और बातचीत जारी रखी जाए। कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई पर छह नवंबर को संबंधित प्राधिकारी को रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया। पहले कोर्ट ने इस मामले में डीसीपी यातायात को एक अक्तूबर को तलब किया था। इसके तहत संयुक्त पुलिस आयुक्त अमित वर्मा ने जवाबी हलफनामा दाखिल कर कोर्ट को बताया था कि शहर के कुछ स्कूलों ने पांचवीं कक्षा तक के बच्चों को वैन से स्कूल लाने और ले जाने की व्यवस्था कर ली है। वहीं, कुछ स्कूल अभी ऐसा नहीं कर पा रहे हैं। इस पर कोर्ट ने कहा था कि निर्देशों का पालन न करने बालों की जानकारी दें, जिससे कोर्ट आदेश दे सके।
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