बिना मान्यता और सेवानिवृत्त पदाधिकारियों के ज्ञापन पर शिक्षा विभाग की रोक, केवल मान्यता प्राप्त संघों की सुनी जाएगी बात
माध्यमिक शिक्षा में बिना मान्यता और सेवानिवृत्त पदाधिकारियों वाले संगठनों से नहीं होगी कोई वार्ता और न होगा ज्ञापन पर विचार
लखनऊ। अब बिना मान्यता वाले और सेवानिवृत्त पदाधिकारियों वाले संगठनों से माध्यमिक शिक्षा विभाग में कोई वार्ता नहीं होगी। न ही उनके ज्ञापन पर विचार होगा। हालांकि मान्यता प्राप्त संगठनों के साथ नियमित बैठक कर शिक्षकों की समस्याओं का समाधान होगा। बड़ी संख्या में संगठन बढ़े हैं। वहीं शासन से भी संगठन शिकायतें कर रहे हैं। इस पर मांगे जा रहे जवाब व सूचनाओं से विभाग परेशान है। इसे देखते हुए निदेशक ने विभागीय अधिकारियों को इस बारे में निर्देश जारी किया है।
प्रदेश में शिक्षक संगठनों की बढ़ती बाढ़ एवं सीएम पोर्टल आईजीआरएस पर लगातार दर्ज हो रही शिकायतों के बाद माध्यमिक शिक्षा विभाग ने यह निर्णय किया है। विभाग ने इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश जारी करने के साथ मुख्यमंत्री सचिवालय एवं नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग को भी पत्र भेजा है।
कुछ महीनों के दौरान विभिन्न शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर संगठनों की ओर से सीधे मुख्यमंत्री पोर्टल पर अनाप-शनाप शिकायतें दर्ज कराई जा रही है। जिस पर मुख्यमंत्री सचिवालय की ओर से विभाग से रिपोर्ट तलब की गई । विभागीय जांचों में ज्यादातर शिकायत करने वाले फर्जी संगठन एवं फर्जी लेटरपैड का इस्तेमाल करने वाले पाए गए जबकि कुछ शिकायतें व्यक्तिगत स्वार्थ से जुड़ी पाई गई।
उन्होंने कहा है कि कार्मिक विभाग के शासनादेश के अनुसार सिर्फ मान्यता प्राप्त संघों, महासंघों, परिसंघों के ज्ञापन पर ही विचार करें। जिन मान्यता प्राप्त संगठनों में सेवानिवृत्त सरकारी सेवक पदाधिकारी हैं, उनके ज्ञापन पर भी विचार नहीं किया जाएगा।
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