आकांक्षी जनपदों से अपने गृह जनपद में ट्रांसफर को लेकर मुखर हुए परिषदीय शिक्षक, बहराइच-श्रावस्ती में धरना प्रर्दशन के बाद उम्मीदों का उभार
आकांक्षी जनपदों से अपने गृह जनपद में ट्रांसफर को लेकर मुखर हुए परिषदीय शिक्षकों की उक्त समस्यायों को लेकर हाल में बहराइच के बाद श्रावस्ती में हुए धरना प्रदर्शन की मांग और इसके लिए गठित नए संगठन की आहट को देखते हुए आने वाले समय में यह मुद्दा जोर पकड़ने की उम्मीद है
आकांक्षी जिलों में कार्यरत परिषदीय शिक्षकों ने अपने गृह जनपद में स्थानांतरण की मांग को लेकर हाल ही में श्रावस्ती और बहराइच में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। इन शिक्षकों का कहना है कि वह अपने मूल जिले से 300 से 800 किमी की दूरी पर तैनात हैं, जिससे उनके पारिवारिक और सामाजिक जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है।
विशेष रूप से, परिवार में चिकित्सा जरूरतों के समय उपस्थित न हो पाने के कारण कई शिक्षक गंभीर मानसिक तनाव और बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। ऐसे में, शिक्षकों का कहना है कि इस दूरी के चलते वे अपने परिवार के साथ महत्वपूर्ण क्षणों में शामिल नहीं हो पाते, जो कि उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है।
शीतकालीन अवकाश में स्थानांतरण की मांग
शिक्षकों ने मांग की है कि सरकार बैचवार स्थानांतरण की योजना तैयार करे, जिसमें वरिष्ठता के आधार पर शिक्षकों का गृह जनपद में ट्रांसफर किया जाए। इस प्रक्रिया को शीतकालीन अवकाश के दौरान तेजी से पूरा किया जाए, ताकि छात्रहित में कार्यमुक्ति और कार्यभार ग्रहण जल्द हो सके।
धरने के बाद एक नए संगठन की बढ़ी सक्रियता
बहराइच और श्रावस्ती में हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद यह मुद्दा जोर पकड़ रहा है, और इसके लिए नए संगठन की सक्रियता भी देखी जा रही है। आने वाले समय में यह आंदोलन और भी व्यापक रूप लेने की संभावना है, जिससे आकांक्षी जिलों से बड़ी संख्या में शिक्षक गृह जनपद में स्थानांतरण की मांग करेंगे।
सरकार से आग्रह किया गया है कि शिक्षकों की समस्याओं को देखते हुए तत्काल प्रभाव से स्थानांतरण प्रक्रिया को लागू किया जाए, ताकि वे मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रहकर शिक्षा की गुणवत्ता में अपना योगदान दे सकें।
No comments:
Write comments