19 सालों से विभागीय उपेक्षा का दंश का सामना कर रहे विशेष शिक्षकों ने धरना देकर मांगा विनियमितीकरण
बीएन सिंह प्रतिमा के समक्ष एकत्र हुए शिक्षकों ने उपेक्षा का लगाया आरोप
कहा, के सभी मानकों पूरी करने के बावजूद 19 सालों से विभागीय उपेक्षा का दंश
वेतनवृद्धि, चिकित्सीय सुविधाएं पदोन्नति, पीएफ, बीमा जैसी सुविधाओं से अलग रखा गया
लखनऊ। दिव्यांग बच्यों को शिक्षित और प्रशिक्षित करने वाले विशेष शिक्षकों ने शनिवार को धरना देकर विनियमित करने की मांग की। उन्होंने अन्य कर्मचारियों को मिलने वाली सभी सुविधाओं से वंचित रखने का आरोप लगाया।
केडी सिंह बाबू स्टेडियम के बगल में स्थित कर्मचारी नेता स्व. बीएन सिंह प्रतिमा के समक्ष उत्तर प्रदेश विशेष शिक्षक एसोसिएशन के बैनर तले एकत्र हुए विशेष शिक्षकों ने विभागीय उपेक्षा का आरोप लगाया। संगठन के अध्यक्ष अनुज कुमार शुक्ला ने कहा कि समग्र शिक्षा अभियान के तहत दिव्यांग बच्चों की शिक्षा एवं पुर्नवास सेवाओं के लिए विशेष शिक्षकों नियुक्ति पहली बार वर्ष 2005 में की गई थी।
उन्होंने कहा कि विशेष शिक्षक शैक्षिक एवं व्यावसायिक योग्यता के सभी मानकों पूरी करने के बावजूद 19 सालों से विभागीय उपेक्षा का दंश झेल रहे हैं। उन्होंने कहा कि विशेष शिक्षकों को वेतनवृद्धि, चिकित्सीय सुविधाएं, पदोन्नति, पीएफ की व्यवस्था, बीमा आदि जैसी सुविधाओं से अलग रखा गया है।
उन्होंने सरकार से विनियमित कर पूर्ण बेतनमान सहित सभी शासकीय लाभ प्रदान करने की मांग की। उन्होंने कहा कि विनियमितीकरण की कार्यवाही पूरी होने तक बचपन डे केयर सेंटर्स में कार्यरत विशेष शिक्षकों की तर्ज पर रिजवी समिति की संस्तुति के अनुरूप वेतनमान स्वीकृत करने की मांग की।
इस मौके पर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री शिवबरन सिंह यादव, अयक्ष्क्ष एनडी द्विवेदी आदि कर्मचारी संगठनों के नेता मौजूद रहे।
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