निदेशक तक पहुंचा प्राचार्यों और प्रबंधकों में बढ़ी तनातनी का मामला, 2019 के विज्ञापन के तहत 290 प्राचार्यों को मिली थी नियुक्ति, अब तक 100 का इस्तीफा
प्रयागराज। अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में प्रबंधकों व प्राचार्यों के बीच तनातनी बढ़ गई है। इस मसले पर प्रदेशभर के 70 प्रचार्यों ने बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश प्राचार्य परिषद के बैनर तले उच्च शिक्षा निदेशक से मिलकर अपनी शिकायत दर्ज कराई और ज्ञापन सौंपा।
प्राचार्यों ने उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमित भारद्वाज को बताया कि वर्ष 2019 के विज्ञापन संख्या-49 के तहत अशासकीय महाविद्यालयों में प्राचार्यों के 290 पदों पर भर्ती की गई थी। तीन साल पहले सभी प्राचार्यों को नियुक्ति भी मिल गई। लेकिन, इस दौरान प्रचार्यों को प्रबंधन की मनमानी के कारण काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
प्राचार्य परिषद की ओर से कई बार उचित फोरम पर समस्याओं को रखा गया। लेकिन, अभी तक समाधान की बात सामने नहीं आई। उत्तर प्रदेश के विभिन्न महाविद्यालयों में प्रबंध तंत्र द्वारा अनेकों प्राचार्यों को अवैध तरीके से नोटिस देकर निलंबित व बर्खास्त कर दिया गया। प्राचार्यों को इस्तीफे के लिए मजबूर किया गया। अब तक 100 प्राचार्य प्रबंधन की मनमानी के कारण इस्तीफा देकर अपने मूल पद पर वापस जा चुके हैं।
हाल ही में गाजियाबाद, ललितपुर एवं कानपुर के प्रतिष्ठित महाविद्यालयों के प्राचायों को प्रबंधन ने मनमानी करते हुए निलंबित कर दिया। गाजियाबाद के एक कॉलेज के मामले में उच्च शिक्षा निदेशक व कुलपति के हस्तक्षेप के बाद भी कॉलेज प्रबंधन मनमानी पर अड़ा है। जबकि, कुलपति ने कॉलेज प्रबंधन को निर्देश दिए हैं कि प्राचार्य का निलंबन वापस लिया जाए और उन्हें पद की जिम्मेदारी सौंपी जाए।
प्राचार्यों ने कहा कि प्रबंधन उन्हें शासन की मंशा के अनुरूप काम करने से रोक रहा है। निदेशक से मांग की गई कि प्राचार्यों के निलंबन को रोकने के लिए विश्वविद्यालय अधिनियम/परिनियम को संशोधित किया जाए और निलंबन पर कुलपति की संस्तुति मिलने पर ही उसे प्रभावी माना जाए। निदेशक के सामने कुछ अन्य मांगें भी रखी गई। जो प्राचार्य मातृ संस्था से अवकाश लेकर प्राचार्य पद पर आए हैं, उन्हें पांच वर्ष के लिए असाधारण अवकाश दिया जाए।
राजकीय की जगह अशासकीय कॉलेजों में भी कर्मचारियों को आउटसोर्सिंग पर रखने के लिए बजट आवंटित किया जाए। निदेशक डॉ. अमित भारद्वाज ने प्राचार्यों की मांग पर त्वरित कार्यवाही का आश्वासन दिया। प्राचार्यों ने कहा कि मांगें पूरी नहीं हुई तो अब राज्यपाल से मिलेंगे।
इस मौके पर प्रो. विवेक द्विवेदी, प्रो. ब्रजेंद्र सिंह, प्रो. मुकेश, प्रो. रणंजय, प्रो. अनूप, प्रो. निवेदिता मलिक, प्रो.अलका रानी, प्रो. प्रदीप पांडेय, प्रो. ब्रजेश जायसवाल रहे।
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