यूपी बोर्ड में 30 अंक का होगा आंतरिक मूल्यांकन, पाठ्यक्रम में बदलाव और आंतरिक मूल्यांकन के लिये दो दिवसीय कार्यशाला सीमैट में शुरू
प्रयागराज। नई शिक्षा नीति-2020 के अंतर्गत यूपी बोर्ड के पाठ्यक्रम में बदलाव और आंतरिक मूल्यांकन के लिए मंगलवार से दो दिवसीय कार्यशाला सीमैट में शुरू हो गई। पहले दिन आंतरिक मूल्यांकन और क्रेडिट फ्रेमवर्क पर चर्चा हुई। इस दौरान विशेषज्ञों ने कहा कि परीक्षा ऐसी हो कि बच्चे का समग्र मूल्यांकन हो। खासकर आंतरिक परीक्षा के मूल्यांकन पर लंबी चर्चा हुई।
केंद्र सरकार से नई शिक्षा नीति जारी कर दी गई लेकिन अब तक किसी राज्य ने उसे लागू नहीं किया है। हर राज्य में इसे लागू करने को मंथन चल रहा है। यूपी बोर्ड में उस नीति के अनुसार पाठ्यक्रम निर्धारण पर एक कार्यशाला पूर्व में हो चुकी है। दूसरी कार्यशाला अब शुरू हुई है।
इस कार्यशाला में सीबीएसई के पूर्व चेयरमैन अशोक गांगुली और पूर्व परीक्षा नियंत्रक पवनेश कुमार शामिल हुए। पिछली कार्यशाला पाठ्यक्रम पर फोकस थी। इसमें मूल्यांकन पर जोर दिया गया। नई शिक्षा नीति के अंतर्गत बोर्ड परीक्षा 70 अंकों की होगी और 30 अंकों का आंतरिक मूल्यांकन होगा। 30 अंकों की परीक्षा तीन बार में कराने की व्यवस्था थी लेकिन विशेषज्ञ इस पर सहमत नहीं।
विशेषज्ञों ने कहा कि यह परीक्षा 15-15 की अंकों की दो बार में कराई जाए। इसके लिए एक मानक निर्धारित किया जाए और उसी के अनुसार यूपी बोर्ड के सभी विद्यालयों में मूल्यांकन हो। इस मूल्यांकन में पूरा पाठ्यक्रम समाहित होना चाहिए। अध्याय वार अंक भी तय होने चाहिए।
क्रेडिट व्यवस्था लागू करने की तैयारी
नई शिक्षा नीति के अंतर्गत अब प्रत्येक कक्षा में क्रेडिट दिया जाएगा। क्रेडिट व्यवस्था कक्षा एक से ही लागू होगी लेकिन अब तक यह शुरू नहीं हुई है। यूपी बोर्ड में 10 विषय पढ़ाने जाने की तैयारी है लेकिन उसके अनुसार संसाधन उपलब्ध होने में समय लग सकता है। इसलिए वर्तमान में पढ़ाए जा रहे छह विषयों के अनुसार ही क्रेडिट व्यवस्था शुरू करने की तैयारी है। इसका फायदा बच्चे को अगली कक्षा में प्रवेश के लिए मिलेगा। यह भी मूल्यांकन की एक प्रणाली है।
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