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Tuesday, November 5, 2024

बेसिक शिक्षा विभाग के प्रस्ताव पर विपक्ष हुआ हमलावर, मायावती के बाद अखिलेश, प्रियंका और आप ने भी उठाए सवाल

बेसिक शिक्षा विभाग के प्रस्ताव पर विपक्ष हुआ हमलावर, मायावती के बाद अखिलेश, प्रियंका और आप ने भी उठाए सवाल


सरकार के निर्णय से रुक जाएगी गरीव वच्चों की पढ़ाई: अखिलेश

सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार के इस निर्णय से गरीव वच्चों की पढ़ाई रुक जाएगी। भाजपा सरकार स्कूलों में व्यवस्था सुधारने की बजाए 27,764 प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों को बंद करने का षड़यंत्र कर रही है। सरकारी स्कूल बंद हो जाएंगे तो अभिभावक के पास निजी स्कूलों में वच्चों को भेजने को मजबूर होंगे।


निर्णय दलित, पिछड़े व गरीबों के खिलाफ : प्रियंका

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव कांग्रेस बाकी ने सोमवार को एक्स पर पोस्ट किया कि उन की भाजपा सरकार ने 27,764 प्राइमरी व जूनियर हाई स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया है। यह कदम शिक्षा क्षेत्र के साथ- साथ दलित, पिछड़े, कानून लाई थी, जिसके तहत व्यवस्था की गई थी कि हर एक किलोमीटर की परिधि ✓ में एक प्राइमरी स्कूल हो ताकि हर तबके के बच्चों के लिए स्कूल सुलभ हो सके। 


कल्याणकारी नीतियों और योजनाओं का मकसद मुनाफा कमाना नहीं बल्कि जनता का कल्याण करना है। भाजपा नहीं चाहती कि कमजोर तबके के बच्चों के लिए शिक्षा सुलभ हो। गरीब और वंचित तबकों के बच्चों के खिलाफ है। यूपीए सरकार शिक्षा का अधिकार को छीनना चाहती हैं।



आप निर्णय के विरोध में नौ को करेगी प्रदर्शन: संजय सिंह

आप के उम्र प्रभारी संजय सिंह ने कहा कि सरकार का यह निर्णय उचित नहीं है। यह निर्णय दलित, पिछड़े, गरीब व आदिवासी बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। अच्छी व्यवस्था नहीं होगी तभी छात्रों का इन स्कूलों से मोहभंग हुआ होगा। पहले भी ऐसे 26 हजार स्कूलों का विलय कर उन्हें कंपोजिट स्कूल बनाया जा चुका है। नौ नवंबर को आप पूरे प्रदेश में इसके विरोध में प्रदर्शन करेगी।



50 से कम संख्या वाले परिषदीय स्कूल बंद करने से गरीबों के बच्चों का नुकसान – मायावती 

लखनऊ । बसपा सुप्रीमो मायावती ने राज्य सरकार के 50 से कम छात्रों वाले प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने के फैसले को गलत करार देते हुए कहा है कि ऐसे में गरीब बच्चे आखिर कहां पढ़ेंगे। उन्होंने रविवार को सोशल मीडिया एक्स पर लिखते हुए कहा है कि राज्य सरकार ने 50 से कम छात्रों वाले बदहाल 27764 परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने के बजाय जरूरी सुधार करके उन्हें बेहतर बनाने का उपाय करना चाहिए।

यूपी व देश के अधिकतर राज्यों में खासकर प्राइमरी व सेकंडरी शिक्षा का बहुत ही बुरा हाल है। इस कारण गरीब परिवार के करोड़ों बच्चे अच्छी शिक्षा तो दूर सही शिक्षा से भी लगातार वंचित हैं।


बसपा प्रमुख ने कहा, गरीब बच्चे कहां जाएंगे
 50 से कम छात्रों वाले स्कूलों बंद करना गलत उन्होंने कहा है कि ओडिसा सरकार द्वारा कम छात्रों वाले स्कूलों को बंद करने का भी फैसला अनुचित है। सरकारों की इसी प्रकार की गरीब व जनविरोधी नीतियों का परिणाम है कि लोग निजी स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाने को मजबूर हो रहे हैं, जैसा कि सर्वे से स्पष्ट है, लेकिन सरकार द्वारा शिक्षा पर समुचित धन व ध्यान देकर इनमें जरूरी सुधार करने के बजाय इनको बंद करना ठीक नहीं है।




हजारों स्कूलों को बंद करने का फैसला उचित नहीं : मायावती

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा 50 से कम छात्रों वाले बदहाल 27,764 परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने का फैसला उचित नहीं है। ऐसे में गरीब बच्चे आखिर कहां और कैसे पढ़ेंगे। राज्य सरकार को दूसरे स्कूलों में उनका विलय करने के बजाय उनमें जरूरी सुधार करके बेहतर बनाने के उपाय करने चाहिए। बसपा सुप्रीमो ने रविवार को सोशल मीडिया पर जारी बयान में कहा कि यूपी व देश के अधिकतर राज्यों में खासकर प्राइमरी व सेकंडरी शिक्षा का बुरा हाल है। इसकी वजह से गरीब परिवारों के करोड़ों बच्चे अच्छी शिक्षा से दूर होने के साथ सही शिक्षा से भी वंचित हैं। ओडिसा सरकार द्वारा कम छात्रों वाले स्कूलों को बंद करने का फैसला भी अनुचित है। सरकारों की इसी गरीब व जनविरोधी नीतियों का परिणाम है कि लोग प्राइवेट स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाने को मजबूर हो रहे हैं। जैसा कि सर्वे से स्पष्ट है, लेकिन सरकार द्वारा शिक्षा पर समुचित धन व ध्यान देकर इनमें जरूरी सुधार करने के बजाय इनका बंद करना ठीक नहीं है।



प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने का विरोध

कांग्रेस के प्रवक्ता डॉ. सुधांशु बाजपेयी ने प्रदेश में प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने का विरोध किया है। जारी बयान में उन्होंने कहा कि 27 हजार प्राथमिक विद्यालयों को बंद करना प्रदेश की गरीब जनता के साथ अन्याय है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार शिक्षा-स्वास्थ्य जैसे बुनियादी सरोकारों से दूर जाति-धर्म नफरत के आधार पर वोट हासिल करने का प्रयास कर रही है। 

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