यूपी बोर्ड परीक्षा से पहले अब ऑनलाइन इम्तिहान, राजकीय विद्यालयों का परिणाम सुधारने के लिए की गई पहल
■ कक्षा नौ से 12 वीं तक के विद्यार्थियों की दिसंबर में होगी परीक्षा
■ ऑनलाइन परीक्षा में सिर्फ गणित और विज्ञान से पूछे जाएंगे प्रश्न
प्रयागराज । बोर्ड परीक्षा में सूबे के राजकीय विद्यालयों का प्रदर्शन सुधारने की कवायद राज्य परियोजना कार्यालय ने शुरू कर दी है। यूपी बोर्ड परीक्षा से पहले कक्षा 9 से 12वीं तक के छात्र- छात्राओं को पहली बार ऑनलाइन परीक्षा देनी होगी। गणित और विज्ञान विषय की ऑनलाइन परीक्षा होगी। यह परीक्षा 12 दिसंबर से प्रस्तावित है। इसके बाद रिपोर्ट कार्ड दिया जाएगा। कमजोर विद्यार्थियों की एक माह बाद फिर से परीक्षा कराई जाएगी। इस संबंध में अपर राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा माध्यमिक ने सभी डीआईओएस को पत्र जारी कर निर्देश दिया है।
राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत कक्षा 9 से 12वीं तक के विद्यार्थियों के शैक्षिक स्तर का आकलन करने, सीखने के परिणामों में वृद्धि करने तथा उनकी अंतिम परीक्षाओं की तैयारी को सशक्त बनाने के लिए यह परीक्षा आयोजित की जाएगी। कक्षा 9-10वीं में गणित एवं विज्ञान और 11वीं व 12वीं में गणित, भौतिक, रसायन एवं जीव विज्ञान विषय की परीक्षा कराई जाएगी। आईआईटी, जेईई और नीट की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन विशेष परीक्षा भी प्रस्तावित है।
शिक्षकों का 25 तक होगा पंजीकरण
परीक्षा के लिए प्रधानाचार्य और शिक्षक 25 नवंबर तक पंजीकरण कर सकते हैं। विद्यार्थियों का पंजीकरण 26 से 30 नवंबर तक https://gov.embibe.com/uttarpradesh/student/in-hi/ पर होगा।
घर से भी दे सकेंगे परीक्षा
ऑनलाइन परीक्षा विद्यार्थी घर से भी दे सकेंगे। विद्यार्थी विद्यालय परिसर स्थित कम्प्यूटर लैब अथवा घर में उपलब्ध उपकरणों के माध्यम से परीक्षा दे सकेंगे। सभी विद्यालय के संबंधित विषय के शिक्षकों की जिम्मेदारी होगी कि उनके विषय के सभी विद्यार्थी परीक्षा में शामिल हों।
यह है कार्यक्रम
12 दिसंबर को कक्षा नौ व 10 की गणित, कक्षा 11-12 की भौतिक विज्ञान, 13 दिसंबर को कक्षा 9-10 की विज्ञान, कक्षा 11-12 की रसायन विज्ञान, 14 दिसंबर को कक्षा 11-12 गणित व जीव विज्ञान, 15 दिसंबर को कक्षा 11-12 आईआईटी, जेईई और नीट की परीक्षा होगी।
एक सप्ताह में रिजल्ट, कमजोर छात्र के लिए अतिरिक्त कक्षा
परीक्षा सम्पन्न होने के एक सप्ताह के अंदर विद्यार्थी की रिपोर्ट तैयार की जाएगी। जिसमें उनके अंक, कमजोर और सुदृढ़ विषयों का समावेश होगा। यह रिपोर्ट संबंधित विद्यालय से साझा की जाएगी। कमजोर छात्र की एक माह तक अतिरिक्त कक्षाएं चलाकर उसे दोबारा परीक्षा में शामिल होने के योग्य तैयार किया जाए। पुनः परीक्षा के बाद विद्यार्थी की प्रगति का मूल्यांकन किया जाएगा।
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