यूपी बोर्ड ने मांगी तीन वर्ष के प्रायोगिक परीक्षकों की रिपोर्ट
प्रयागराज । वर्ष 2025 की लिखित परीक्षा की तिथि घोषित करने के साथ ही यूपी बोर्ड ने इंटरमीडिएट की प्रायोगिक परीक्षा को लेकर भी तैयारी तेज कर दी है। बिना किसी विसंगति के पारदर्शी ढंग से प्रायोगिक परीक्षा संपन्न कराने के लिए यूपी बोर्ड सचिव भगवती सिंह ने पिछले तीन वर्ष की प्रायोगिक परीक्षा में लगाए गए उन परीक्षकों की रिपोर्ट क्षेत्रीय कार्यालयों से मांगी है, जिनके खिलाफ परीक्षा संबंधी की गई शिकायतें जांच में सही मिली हैं। इसमें ड्यूटी पर न जाने एवं परीक्षा के दौरान किसी तरह की गड़बड़ी करने वालों के नाम मांगे गए हैं। रिपोर्ट मिलने के बाद यूपी बोर्ड उनकी ड्यूटी लगाने को लेकर निर्णय लेगा।
इंटरमीडिएट की प्रायोगिक परीक्षा की तिथि अभी घोषित नहीं की गई है, लेकिन आयोजन के लिए परीक्षकों की ड्यूटी लगाने के पूर्व यूपी बोर्ड उनका विवरण ठीक कराने में जुटा है, ताकि उन्हीं परीक्षकों की ड्यूटी लगे, जो विद्यालयों में संबंधित विषय पढ़ाते हों। कई बार शिकायतें आती हैं कि प्रायोगिक परीक्षा के विषय से भिन्न विषय के शिक्षक की ड्यूटी परीक्षक के रूप में लग गई है।
ये भी शिकायतें आती रही हैं कि परीक्षक संबंधित केंद्र पर पहुंचे ही नहीं। साथ ही पूर्णांक से अधिक अंक दिए जाने की भी कुछ शिकायतें बोर्ड को पहले मिल चुकी हैं। ऐसे में वर्ष 2025 की प्रायोगिक परीक्षा के लिए ड्यूटी लगाने के पहले यूपी बोर्ड 2022, 2023 एवं 2024 की प्रायोगिक परीक्षा में परीक्षक के रूप में नियुक्त शिक्षकों की रिपोर्ट जुटा रहा है।
क्षेत्रीय कार्यालय जांच रिपोर्ट के आधार पर ऐसे शिक्षकों की सूची तैयार कर रहा है, जिनके विरुद्ध तीन वर्ष की प्रायोगिक परीक्षा को लेकर आई शिकायतें जांच में सही मिली हैं। बोर्ड का जोर इस परीक्षा को पारदर्शी और शुचितापूर्ण ढंग से संपन्न कराना है, इसलिए परीक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर ड्यूटी लगाने की योजना तय की गई है।
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