स्कूलों के विलय को लेकर बेसिक शिक्षा विभाग का यू-टर्न, विपक्ष की घेराबंदी के बाद विलय के प्रस्ताव से पीछे हटा विभाग, विद्यालयों के विलय पर महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने दी सफाई
लखनऊ : प्रदेश में 50 या उससे कम छात्र संख्या वाले स्कूलों का पास के दूसरे परिषदीय व प्राथमिक स्कूलों में विलय अब नहीं किया जाएगा। स्कूलों का विलय किए जाने से संबंधित खबर प्रकाशित होने के बाद शुरू हुए राजनीतिक रविरोध को देखते हुए बेसिक शिक्षा विभाग ने इस प्रस्ताव को फिलहाल स्थगित कर दिया है। इस मुद्दे पर विपक्षी दलों के घेरने के बाद विभाग बैकफुट पर आ गया है। बसपा सुप्रीमो मायावती के बाद अब कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा व आम आदमी पार्टी (आप) के उप्र प्रभारी संजय सिंह ने भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरा तो अब विभाग इस पर सफाई दे रहा है।
बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट कर और महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा की ओर से सोमवार को लिखित सफाई दी गई कि किसी भी स्कूल को बंद कर उसे पास के दूसरे विद्यालय में विलय करने की कोई प्रक्रिया गतिमान नहीं है। ऐसे में 27,764 स्कूलों को बंद कर उनका पास के विद्यालयों में विलय नहीं किया जाएगा।
बीती 23 अक्टूबर को मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशकों व जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों के साथ हुई समीक्षा बैठक का 13 पृष्ठों का जो कार्यवृत्त महानिदेशक स्कूल शिक्षा की ओर से जारी किया गया है, उसमें दूसरे पृष्ठ पर 50 से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों को दूसरे विद्यालयों में विलय करने के लिए किन-किन चीजों का ध्यान रखा जाना चाहिए और आगे 13 व 14 नवंबर से सभी जिलों में बैठक कर प्रस्ताव तैयार करने के भी निर्देश दिए गए हैं। महानिदेशक स्कूल शिक्षा के हस्ताक्षर से ही 30 अक्टूबर की तारीख में कार्यवृत्त जारी किया गया है। फिलहाल विरोध बढ़ने के बाद अब इस पर लीपापोती की जा रही है।
विद्यालयों को मर्ज करने के मामले से पीछे हटा बेसिक शिक्षा विभाग, कहा- विभाग की ऐसी कोई योजना नहीं, स्कूलों में छात्र संख्या बढ़ाने पर जोर
लखनऊ। प्रदेश के 50 से कम नामांकन वाले परिषदीय विद्यालयों के मर्ज करने के मामले में बेसिक शिक्षा विभाग सोमवार को बैकफुट आ गया। बसपा सुप्रीमो मायावती के बाद सोमवार को कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी व आप के सांसद संजय सिंह ने इस मामले में प्रदेश सरकार को घेरा। इसके बाद विभाग ने इस मामले पर अपनी सफाई जारी की।
विभाग के आधिकारिक एक्स एकाउंट से ट्वीट किया गया कि प्राथमिक विद्यालयों को पास के विद्यालयों में विलय (मर्ज) करने की बात भ्रामक व निराधार है। किसी भी विद्यालय को बंद किए जाने की कोई प्रक्रिया गतिमान नहीं है। प्रदेश का प्राथमिक शिक्षा विभाग विद्यालयों में मानव संसाधन और आधारभूत सुविधाओं के विकास, शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर करने तथा छात्रों, विशेषकर बालिकाओ के, ड्राप आउट दर को कम करने के लिए प्रयत्न कर रहा है।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने कहा कि प्रदेश के विद्यालयों में कायाकल्प, निपुण, प्रेरणा आदि योजनाओं के माध्यम से शिक्षा क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति व सुधार हुए हैं। विभाग के लिए प्रदेश के छात्रों का हित सर्वोपरि है। हम विद्यालयों में बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए प्रयास कर रहे हैं।
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