यूपी बोर्ड परीक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए लेआउट फाइनल, विशेष रूप से तैयार किया जाएगा बोर्ड मुख्यालय प्रयागराज व लखनऊ में कंट्रोल रूम
स्ट्रांग रूम की निगरानी के लिए ई-टेंडर आमंत्रित करने की प्रक्रिया पूरी
प्रयागराज : वर्ष 2025 की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा के प्रश्नपत्रों की निगरानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) से कराने के लिए यूपी बोर्ड ने लखनऊ में दो दिन की बैठक के बाद लेआउट फाइनल कर लिया है। यूपी बोर्ड सचिव भगवती सिंह ने ड्राफ्ट में शासन की मंशा के अनुरूप आवश्यक संशोधन के साथ ई-टेंडर के लिए रिक्वेस्ट फार प्रपोजल (आएफपी) की प्रक्रिया पूरी कर ली है। जल्द ही ई-टेंडर आमंत्रित कर एआइ व्यवस्था के लिए एजेंसी फाइनल की जाएगी। परीक्षा केंद्रों के स्ट्रांग रूम में रखे प्रश्नपत्रों की निगरानी के लिए यूपी बोर्ड मुख्यालय और शिविर कार्यालय लखनऊ में बनने वाले कंट्रोल रूम को विशेष रूप से डिजायन किया जाएगा।
यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए कुल 54,38,597 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। परीक्षा कराने के लिए यूपी बोर्ड सचिव ने 7,657 केंद्र प्रस्तावित किए हैं। इन केंद्रों के स्ट्रांग रूमों में रखे जाने वाले प्रश्नपत्रों की निगरानी एआइ से कराने के लिए शासन स्तर पर गठित कमेटी की पिछले दिनों लखनऊ में दो दिन हुई बैठक में रोडमैप निर्धारित कर लिया गया। इस संबंध में बुधवार को महानिदेशक स्कूल शिक्षा एवं बोर्ड सचिव की समिति के सदस्यों के साथ वर्चुअल मीटिंग हुई। उसी क्रम में लेआउट डिजायन में आवश्यक संशोधन के साथ ई-टेंडरिंग के लिए प्रक्रिया पूरी कर ली गई।
एआइ से निगरानी के लिए यूपी बोर्ड मुख्यालय व शिविर कार्यालय लखनऊ में बनने वाले कंट्रोल रूम में अलग केबिन बनाकर विजिटर एरिया भी निर्धारित किया जाएगा। इसमें विशेष रूप से चार-पांच कंप्यूटर लगाए जाएंगे, जिससे इंटरनेट मीडिया के विविध प्लेटफार्मों (ट्विटर, फेसबुक, इंस्ट्राग्राम, यू-ट्यूब) पर भी नजर रखी जाएगी। इसके अतिरिक्त राज्य स्तरीय दोनों कंट्रोल रूमों में एलईडी वाल, बड़ी संख्या में कंप्यूटर, कियास्क आदि लगाए जाएंगे, जो एआइ के साफ्टवेयर पर परीक्षा के दौरान 24 घंटे संचालित रहेंगे।
स्ट्रांग रूम में निर्धारित समय से पहले व बाद में किसी के प्रवेश करने की कोशिश तथा निर्धारित लोगों की संख्या से कम या ज्यादा के प्रवेश की कोशिश करने पर एआइ के माध्यम से कंट्रोल रूम व अधिकारियों को अलर्ट संदेश मिल जाएगा। इससे प्रश्नपत्र की शुचिता प्रभावित करने की कोशिश को समय रहते रोका जा सकेगा। एआइ व्यवस्था के लिए 25 करोड़ रुपये यूपी बोर्ड को पहले ही मिल चुका है।
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