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Sunday, December 1, 2024

15 जनवरी तक होंगे दशमोत्तर छात्रवृत्ति के आवेदन, शासन ने जारी की संशोधित समय सारिणी

15 जनवरी तक होंगे दशमोत्तर छात्रवृत्ति के आवेदन, शासन ने जारी की संशोधित समय सारिणी


लखनऊ । शैक्षिक सत्र 2024-25 में दशमोत्तर छात्रवृत्ति आवेदन से वंचित विद्यार्थियों को अंतिम मौका दिया गया है। बड़ी संख्या में विद्यार्थियों के योजना से वंचित होने की सूचना पर शासन ने संशोधित समय सारिणी जारी की है। जारी संशोधित समय सारिणी के अनुसार 15 जनवरी तक आवेदन और 23 जनवरी तक कॉलेजों को सत्यापित कर अग्रसारित करना होगा।


शैक्षिक सत्र 2024-24 में उपसचिव रजनीकांत पांडेय ने दशमोत्तर कक्षाओं में अध्ययनरत बच्चों को छात्रवृत्ति योजना से लाभान्वित करने के लिए संशोधित आवेदन की समय सारिणी जारी की है। जिसके अनुसार 31 दिसंबर तक कॉलेजों को सॉफ्टवेयर पर मास्टर डेटा अपलोड करना होगा। छह जनवरी तक डीआईओएस व 10 जनवरी तक समाज कल्याण विभाग को फीस सहित अन्य डेटा को सत्यापित करना अनिवार्य होगा।


इसी तरह दशमोत्तर कक्षाओं (कक्षा 11 व 12 संग स्नातक, परास्नातक व तकनीकी शिक्षा) में अध्ययनरत विद्यार्थी 15 जनवरी तक ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। आवेदन के बाद तीन दिन तक त्रुटियों में सुधार का मौका देते हुए 17 जनवरी तक आवेदन की हार्ड कॉपी स्कूल में जमा करनी होगी। 23 जनवरी तक कॉलेज आवेदित फार्म व अपलोड डेटा का सत्यापन करने के बाद फार्म निरस्त या अग्रसारण की कार्रवाई पूरी करेंगे।


आवेदन के बाद जांच पूरी करते हुए समाज कल्याण विभाग बच्चों के खाते में प्रतिपूर्ति राशि का अंतरण करेगा। सचिव का पत्र मिलने के बाद समाज कल्याण विभाग ने डीआईओएस के माध्यम से सभी प्रधानाचार्यों को संशोधित आवेदन समय सारिणी भेजते हुए निर्धारित समयावधि में दशमोत्तर छात्रवृत्ति आवेदन प्रक्रिया पूरी कराने का निर्देश दिया है।


संशोधित दशमोत्तर छात्रवृत्ति आवेदन समय सारिणी प्रधानाचार्यों को भेजी गई है। आवेदन नहीं करने की दशा में विद्यार्थी की तो समय से जांच कर फॉर्म अग्रसारित नहीं करने पर कॉलेज प्रधानाचार्य की जिम्मेदारी होगी।

यूपी बोर्ड प्रश्नपत्रों की नए सिरे से बनेगी रूपरेखा, 15 दिसंबर से पहले दो दिवसीय कार्यशाला में होगा मंथन, 2026 की यूपी बोर्ड परीक्षा से लागू हो सकता है नया प्रारूप

यूपी बोर्ड प्रश्नपत्रों की नए सिरे से बनेगी रूपरेखा, 15 दिसंबर से पहले दो दिवसीय कार्यशाला में होगा मंथन, 2026 की यूपी बोर्ड परीक्षा से लागू हो सकता है नया प्रारूप

■ कक्षा नौ से 12 तक के प्रश्नपत्रों के प्रारूप पर विचार

■ हाई ऑर्डर थिंकिंग स्किल पर होगा गंभीर मंथन


प्रयागराज । यूपी बोर्ड के हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा के प्रश्नपत्रों की रूपरेखा नए सिरे से तय की जाएगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के परिप्रेक्ष्य में कक्षा नौ से 12 तक की परीक्षाओं के प्रश्नपत्र का प्रारूप फिर से निर्धारित करने के लिए बोर्ड 15 दिसंबर से पहले दो दिनी कार्यशाला आयोजित करने जा रहा है।


प्रश्नपत्रों में हाई ऑर्डर थिंकिंग स्किल (हॉट्स) समेत अन्य प्रकार के प्रश्नों को कितने अनुपात में शामिल करना है और प्रश्नपत्र में सरल, सामान्य और कठिन प्रश्नों की संख्या कितनी होनी चाहिए आदि बिन्दुओं पर विशेषज्ञ मंथन करेंगे।


वैचारिक समझ बढ़ेगीः प्रश्नपत्रों में बदलाव का मकसद छात्र-छात्राओं में रटने और परीक्षा के लिए सीखने की बजाए वैचारिक समझ बढ़ाने पर जोर होगा। नया प्रारूप तैयार करने के बाद शासन को भेजा जाएगा जिसकी मंजूरी मिलने के बाद 2026 की परीक्षा से लागू हो सकता है। सचिव भगवती सिंह के अनुसार प्रश्नपत्रों के प्रारूप पर कार्यशाला से यूपी बोर्ड के विषय विशेषज्ञों की समझ भी बेहतर होगी।


क्षमताओं और योग्यताओं का करेंगे परीक्षण

बोर्ड परीक्षा और प्रवेश परीक्षा सहित माध्यमिक विद्यालय परीक्षाओं की वर्तमान प्रकृति और आज की कोचिंग संस्कृति विशेष रूप से माध्यमिक विद्यालय स्तर पर बहुत नुकसान पहुंचा रही है। इससे वास्तव में सीखने की बजाए विद्यार्थी अपना मूल्यवान समय परीक्षा, कोचिंग और तैयारी में दे रहा है। ये परीक्षाएं छात्रों को एक ही स्ट्रीम में बहुत ही सीमित सामग्री सीखने के लिए मजबूर करती हैं। बोर्ड परीक्षाओं को इस तरह बनाया जाएगा कि वे महीनों की कोचिंग और याद करने की बजाय मुख्य रूप से विद्यार्थियों की मूल क्षमताओं और योग्यताओं का परीक्षण कर सकें।

बीएसए की पहल पर कबाड़ी को किताबें बेचने के मामले में बीईओ की गिरफ्तारी को जिलाधिकारी ने बताया नियम विरुद्ध, सीओ और एसओ के खिलाफ कार्यवाही हेतु एसपी को लिखा पत्र

बीएसए की पहल पर कबाड़ी को किताबें बेचने के मामले में बीईओ की गिरफ्तारी को जिलाधिकारी ने बताया नियम विरुद्ध, सीओ और एसओ के खिलाफ कार्यवाही हेतु एसपी को लिखा पत्र


बांसी। जिलाधिकारी डॉ. राजा गणपति आर ने परिषदीय विद्यालय की किताबें कबाड़ी को बेचने के मामले में शुक्रवार को हुई बीईओ बांसी की गिरफ्तारी को नियम विरुद्ध बताते हुए प्रभारी निरीक्षक और सीओ बांसी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए एसपी को पत्र लिखा है। इस मामले को संज्ञान में लाने के लिए बीएसए ने जिलाधिकारी को पत्र लिखा था।


बीएसए ने डीएम लिखे पत्र में कहा था कि पुस्तकें कबाड़ी को बेचने के आरोप में बीईओ कार्यालय के अनुचर सहाबुद्दीन और रामजस के विरुद्ध पुलिस ने बिना विभागीय जांच प्राथमिकी दर्ज की थी। इस प्राथमिकी में बीईओ अखिलेश कुमार सिंह का नाम नहीं था। सिर्फ अनुचरों के बयान को आधार बनाकर अखिलेश कुमार सिंह के नाम को प्रकाश में लाकर गिरफ्तारी की गई है। उन्होंने मुख्य सचिव के शासनादेश का हवाला देते हुए कहा है कि यदि किसी अधिकारी और कर्मचारी द्वारा बरती अनियमितता प्रकाश में आती है तो उसके विरुद्ध जांच के बाद अनुशासनिक विभागीय कार्रवाई की जानी चाहिए।


बीएसए ने कहा है कि विभागीय अनुशासनिक कार्रवाई में यदि यह पाया जाता है कि उसकी कोई आपराधिक भूमिका है तो उसके विरुद्ध पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराए जाने पर विचार किया जाता है। अन्यथा विभागीय कार्रवाई में जांच अधिकारी की रिपोर्ट पर दंड दिए जाते हैं। बीएसए ने कहा है कि प्रभारी निरीक्षक और सीओ बांसी ने शासनादेश का पालन नहीं किया। उन्होंने डीएम से प्रभारी निरीक्षक और सीओ बांसी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की। बीएसए की शिकायत के आधार पर डीएम ने एसपी को पत्र लिखा है।


बीईओ की गिरफ्तारी के मामले में शासनादेश का उल्लंघन किया गया है। किसी आपराधिक मामले में विभागीय जांच में दोष साबित होने पर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। इस मामले में बांसी के सीओ और कोतवाल के खिलाफ कार्रवाई के लिए एसपी को पत्र लिखा गया है। ~ डॉ0 राजा गणपति आर, जिलाधिकारी




BEO Arrested: कबाड़ी के यहां किताब की बिक्री मामले में बीईओ गिरफ्तार

30 नवंबर 2024
सिद्धार्थनगर। बांसी कोतवाली की पुलिस ने परिषदीय विद्यालय की पुस्तकों को कबाड़ी से बेचने के मामले शुक्रवार को पांचवें आरोपी खंड शिक्षा अधिकारी बांसी अखिलेश सिंह को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद उन्हें जेल भेज दिया है।


बताते चलें कि 15 अक्तूबर परिषदीय विद्यालय की पुस्तक बेचने के मामले में कोतवाली पुलिस ने दो कबाड़ी और दो खंड शिक्षा अधिकारी बांसी के कार्यालय सहायक कुल चार लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। 


बच्चों को पढ़ने के लिए निशुल्क पुस्तकें उपलब्ध कराई गई कक्षा एक से आठ तक की पुस्तक खंड शिक्षा अधिकारी बांसी के कार्यालय में पड़ी थी। जिसे विद्यालयों में न भेजकर अतिरिक्त आमदनी के लिए कबाड़ी के हाथ बेच दिया था। 15 अक्तूबर को मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने एक पिकअप से कक्षा एक से आठ तक की 8 क्विंटल किताबों को ले जाते समय कबाड़ी को पकड़ा था।


पकड़े गए कबाड़ी कस्बे के शास्त्रीनगर वार्ड निवासी अंकित कसेरा व प्रतीक कसेरा उर्फ गोपाल और खंड शिक्षा अधिकारी बांसी कार्यालय सहायक शहाबुद्दीन पुत्र मो इस्लाम निवासी नेउरी थाना मिश्रौलिया व अनुचर रामजस निवासी प्रतापनगर कस्बा बांसी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। 


इसमें पांचवें आरोपी के रूप में बीईओ थे। पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए लगी थी। शुक्रवार को मौके पर पहुंचकर दबोच लिया। इस संबंध में कोतवाल बांसी राम कृपाल शुक्ल ने बताया कि पांचवें आरोपी खंड शिक्षा अधिकारी बांसी अखिलेश सिंह को गिरफ्तार कर न्यायालय भेज दिया गया है।