परीक्षाएं 23 दिसंबर से और पेपर कितने नंबर का? यह पता नहीं, बेसिक स्कूलों की अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं शुरू होने वाली हैं लेकिन विभाग के अलग-अलग निर्देशों से असमंजस
लखनऊ: बेसिक स्कूलों में 23 दिसंबर से अर्द्ध वार्षिक परीक्षाएं होनी हैं। स्कीम जारी कर गई है लेकिन शिक्षक परेशान है कि किस पूर्णाक के आधार पर नंवर दें? टर्म परीक्षाओं, अर्द्धवार्षिक और वार्षिक परीक्षाएं 100, 120 या 200 में से कितने पूर्णाक पूणर्णांक का ही पता नहीं 100, 120 या 200 नंबर में से किस आधार पर जांचें कॉपियां और कैसे बनाएं मार्कशीट की होगी?
वेसिक सकूलों में कक्षा एक से आठ तक की अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं की स्कीम जारी कर दी गई है। परीक्षाएं 23 दिसंबर से हैं। उसी के साथ लिखित और मौखिक अंकों का विवरण भी दिया गया है। उसमें लिखा है कि लिखित अर्द्धवार्षिक परीक्षा में सभी प्रश्न पत्रों के पूर्णांक 50 होंगे। शिक्षकों का कहना है कि वार्षिक परीक्षा 50 पूर्णांक की पहले से ही होती है। वहीं एक टर्म एग्जाम हो चुके हैं। उसका पूर्णाक 10 था। एक और टर्म एग्जाम होगा तो वह भी 10 नंवर का होगा। इस तरह साल भर में कुल पूर्णांक 120 हो गया।
पहले यह थी व्यवस्था
पहले अर्द्धवार्षिक परीक्षा 30 अंक की होती थी। वहीं, टर्म एग्जाम 10-10 नंवर के होते थे। 50 अंक की वार्षिक परीक्षा होती थी। इस तरह पूर्णाक 100 हो जाता था। शिक्षकों का कहना है कि तव कोई कंफ्यूजन नहीं होता था। पिछले साल से यह गड़बड़ी देखने को मिल रही है। विभाग के स्तर से मार्गदर्शन भी नहीं दिया जाता। यही वजह है कि अलग-अलग स्कूल अलग-अलग पूर्णाक तय करके नंवर देते हैं।
मार्कशीट के प्रोफार्मा में 200 पूर्णांक
शिक्षकों की मुसीबत तब और बढ़ गई जब उन्होंने मार्कशीट तैयार करने का प्रोफार्मा देखा। उसमें टर्म एग्जाम 20-20 नंबर के हैं। अर्द्धवार्षिक परीक्षा के पूर्णाक 60 दिए गए हैं। वार्षिक परीक्षा 100 पूर्णांक की होनी है। इस तरह कुल पूर्णांक 200 हो गया। अब शिक्षक तय नहीं कर पा रहे है कि किस पूर्णांक को मानकर वे कॉपी जांचें और मार्कशीट बनाएं। इस बारे में प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक असोसिएशन के अध्यक्ष विनय कुमार सिंह का कहना है कि शिक्षक बहुत कन्फ्यूज है। इससे मूल्यांकन में काफी दिक्कत आएगी। विभाग को इस बारे में स्पष्ट करना चाहिए कि किस आधार पर मूल्यांकन किया जाए और मार्कशीट तैयार की जाए।
ये गड़बड़ी सुधारी
बेसिक शिक्षा विभाग ने इस बार स्कीम भी गलत जारी कर दी थी। जो स्कीम जारी की गई थी उसमें कक्षा 6 में हिंदी और कक्षा सात और आठ में विज्ञान की परीक्षा का कोई जिक्र ही नहीं था। विवाद उठने पर विभाग ने शुक्रवार को संशोधित स्कीम जारी कर दी।
असमंजस : सौ की परीक्षा में दो सौ अंक देंगे गुरुजी, रिपोर्ट फार्म में अधिक पूर्णाक देख परेशान हो रहे शिक्षक, प्रत्येक बच्चे की ऑनलाइन की जा रही हॉलिस्टिक (समग्र) रिपोर्ट
लखनऊ। बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से जारी हो रहे नित नए आदेशों ने शिक्षकों को पशोपेश में डाल दिया है। ऑनलाइन की जा रही छात्र- छात्राओं को हॉलिस्टिक रिपोर्ट (समग्र रिपोर्ट) में गुरुजी को अब पूर्णांक से भी ज्यादा अंक देने होंगे।
पूरे सत्र में 100 अंकों की परीक्षा होती है, लेकिन रिपोर्ट में पूर्णांक 200 दिया गया है। परिषदीय स्कूलों में प्रतिवर्ष 10-10 अंकों की दो सत्र परीक्षा के अलावा 30 अंकों की अर्धवार्षिक और 50 अंकों की वार्षिक परीक्षा होती है। इस तरह पूरे सत्र में कुल 100 अंकों की परीक्षा होती है।
इसी के आधार पर इस बार की प्रथम सत्र परीक्षा सितंबर माह में 10 अंकों की हो चुकी है। इसके अंक भी परिणाम रजिस्टर में दर्ज किए जा चुके हैं। अर्द्धवार्षिक परीक्षा का भी कार्यक्रम जारी किया जा चुका है।
इसका भी पूर्णांक 50 दिया गया है। इसके बावजूद कक्षा तीन, चार और पांच की ऑनलाइन की जा रही रिपोर्ट में सत्र परीक्षा का पूर्णांक 20 और अर्द्धवार्षिक का 60 दिया गया है। साल भर में होने वाली परीक्षाओं का कुल पूर्णांक 100 है, जबकि हॉलिस्टिक रिपोर्ट में वर्षभर की परीक्षाओं का पूर्णांक 200 दर्ज करना है।
शिक्षकों की समझ नहीं आ रहा कि जब सत्र परीक्षा 10 अंकों की हुई है तो वे 20 पूर्णांक में से अंक कैसे भरें। आगे होने वाली परीक्षाओं में भी यही स्थिति होने वाली है।
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