अब विधानसभा में उठेगा जूनियर एडेड शिक्षक भर्ती का मुद्दा, चार साल से नियुक्ति मांग रहे परीक्षा में सफल 43 हजार अभ्यर्थी
प्रयागराज। अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में प्रधानाध्यापक व सहायक अध्यापक के पदों पर चार साल से नियुक्ति का इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों का मुद्दा सदन में उठेगा। इसके लिए अभ्यर्थियों ने विधानसभा व विधान परिषद सदस्यों से संपर्क किया है। इन पदों की लिखित परीक्षा में सफल तकरीबन 43 हजार अभ्यर्थियों की नियुक्ति अटकी है।
जूनियर एडेड शिक्षक भर्ती का विज्ञापन 2021 में आया था, जिसके तहत प्रधानाध्यापक के 390 व सहायक अध्यापक के 1507 पदों पर भर्ती होनी थी। इसके लिए अक्तूबर 2021 में परीक्षा कराई गई और नवंबर 2021 में परिणाम भी आ गया। हालांकि, परिणाम में गड़बड़ी को लेकर कई अभ्यर्थी न्यायालय चले गए और चयनितों की नियुक्ति प्रक्रिया बीच में ही रोक दी गई।
उच्च न्यायालय ने 15 फरवरी 2024 को समस्त रिट खारिज कर भर्ती का मार्ग प्रशस्त कर दिया। अब आरक्षण नीति स्पष्ट न होने से चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति अटकी है। लिखित परीक्षा में 43 हजार से अधिक अभ्यर्थी सफल हुए थे, जिन्हें काउंसलिंग में शामिल होना है। इसके बाद चयनित अभ्यर्थियों की अंतिम लिस्ट जारी की जाएगी। नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने के लिए शासन की ओर से चार बार महानिदेशक स्कूल शिक्षा को पांच बार पत्र भेजा जा चुका है।
जूनियर एडेड शिक्षक भर्ती के प्रदेश अध्यक्ष नागेंद्र पांडेय का कहना है कि 16 दिसंबर से विधानसभा का सत्र शुरू हो रहा है। इसमें जूनियर एडेड शिक्षक भर्ती 2021 का मुद्दा उठाने के लिए विधानसभा व विधान परिषद के सदस्यों से वार्ता की जा रही है। शिक्षक विधायक राज बहादुर सिंह चंदेल से छह बार वार्ता हुई है। अन्य कई विधायकों से भी इस बारे में बात की गई है। शिक्षक विधायक ने पिछली बार विधानपरिषद में जोर-शोर से यह मुद्दा उठाया था।
उस समय शिक्षा मंत्री ने जबाव दिया था कि कोर्ट से आदेश आते ही भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। कोर्ट से ऑर्डर आए हुए लगभग दस महीने हो गए हैं, पर अभी तक भर्ती एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाई है। इसके कारण लगभग 43 हजार अभ्यर्थी मानसिक रूप से परेशान हैं। इस भर्ती को आए चार वर्ष होने जा रहे हैं और अभी तक उसमें आरक्षण का पेच, सीटों की संख्या का निर्धारित न होना, मेरिट कैसे बनेगी आदि समस्याओं का निराकरण नहीं हो सका है।
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