फर्जी शिक्षक बता रिक्शा चालक को भेजी गई वसूली नोटिस निरस्त, बेसिक शिक्षा विभाग की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल
24 दिसंबर 2024
श्रावस्तीः भिनगा क्षेत्र के गोड़पुरवा निवासी रिक्शा चालक को फर्जी शिक्षक बताकर भुगतान किए गए वेतन की वसूली के लिए 51 लाख 63 हजार 52 रुपये की रिकवरी नोटिस बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से भेजी गई थी। मीडिया में खबरें आने के बाद बीएसए ने इसे संज्ञान लेते हुए रिकवरी नोटिस को निरस्त कर दिया है। इस घटना का कारण लिपिकीय त्रुटि बताया गया है।
गोड़पुरवा गांव निवासी मनोहर यादव दिल्ली में रहकर हाथ रिक्शा चलाते हैं। वह निरक्षर भी हैं। वर्तमान समय में घर आए थे। शुक्रवार को उन्हें डाकिया के माध्यम से बीएसए कार्यालय से जारी 51 लाख 63 हजार 53 रुपये वसूली नोटिस मिली। इसमें उसे फर्जी शिक्षक भी बताया गया था।
बीएसए अजय कुमार ने बताया कि जमुनहा ब्लाक के उच्च प्राथमिक विद्यालय नौव्वापुरवा में फर्जी सहायक शिक्षक को पकड़ा गया था। फर्जी सहायक शिक्षक सुरेंद्र प्रताप सिंह को बर्खास्त करते हुए भिनगा कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया था। लिपिकीय त्रुटिवश इसमें भिनगा क्षेत्र के गोड़पुरवा निवासी मनोहर यादव को आरोपित बनाया गया था।
पड़ताल के बाद पता चला कि वसूली नोटिस अंबेडकर नगर जिले के सीहमई कारीरात गांव निवासी देवमणि को जारी होनी थी। पहले जारी नोटिस को निरस्त करते हुए वसूली की नई नोटिस जारी कर दी गई है।
अजब गजब: बेसिक शिक्षा विभाग ने फर्जी शिक्षक बता रिक्शाचालक को भेजा 51 लाख रुपए की रिकवरी नोटिस, जानिए किस जनपद का है मामला
22 दिसम्बर 2024
उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती में बेसिक शिक्षा विभाग ने रिक्शा चालक को 51 लाख रुपए की रिकवरी नोटिस भेज दिया है। एक सप्ताह में जमा कराने को कहा गया। यह सुनकर परिवार के होश उड़ गए।
यूपी के श्रावस्ती जिले में बेसिक शिक्षा विभाग ने फर्जी शिक्षक बताकर एक रिक्शा चालक को 51 लाख 63 हजार रुपये की रिकवरी नोटिस थमा दी है। भुगतान न करने पर आरसी जारी कराते हुए वसूली की चेतावनी भी दी गई है। एक सप्ताह में जमा कराने को कहा गया। यह सुनकर उसके परिवार के होश उड़ गए।
कोतवाली भिनगा क्षेत्र के गांव गोड़पुरवा निवासी मनोहर यादव पुत्र ठाकुर प्रसाद दिल्ली में रहकर रिक्शा चलाता है। परिवार के लोग गांव में ही रहते हैं। कुछ दिन पहले ही वह घर आया है। शुक्रवार को डाकिया से मनोहर को एक पत्र मिला। गांव के कुछ लोगों को दिखाने पर पता चला कि वह पत्र जिला बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से भेजा गया है जो रिकवरी नोटिस है।
इसमें उसे फर्जी शिक्षक बताया गया है और उसकी नियुक्ति समाप्त कर दी गई है। अब तक उसके द्वारा प्राप्त की गई धनराशि 51 लाख 63 हजार रुपये एक सप्ताह में जमा कराने को कहा गया। यह सुनकर उसके होश उड़ गए। उसका कहना है कि वह निरक्षर है और दिल्ली में रिक्शा चलाता है।
दूसरे के नाम व अभिलेख से नौकरी करने का है मामला
मनोहर को जारी की गई रिकवरी नोटिस में दावा किया गया है कि वह सुरेन्द्र प्रताप सिंह पुत्र बहादुर सिंह निवासी सीहमई कारीरात तहसील अकबरपुर अम्बेडकरनगर के फर्जी नाम व पते का प्रयोग कर बेसिक शिक्षा विभाग के अधीन श्रावस्ती के जमुनहा ब्लाक स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय नौव्वापुरवा में सहायक शिक्षक की नौकरी कर रहा था।
कूटरचित अभिलेखों का प्रयोग कर नौकरी अर्जित करने की पुष्टि होने पर 14 जुलाई वर्ष 2020 में उसकी नियुक्ति समाप्त कर दी गई। साथ ही कोतवाली भिनगा में मामला दर्ज कराया गया। 12 दिसम्बर को जिला बेसिक शिक्षाधिकारी की ओर से नोटिस जारी कर कथित रूप से बेसिक शिक्षा विभाग से फर्जी तरीके से नौकरी करते हुए प्राप्त की गई 51 लाख 63 हजार 53 रुपये एक सप्ताह में कोषागार में जमा कराने का निर्देश दिया गया। भुगतान न करने पर भू-राजस्व वसूली की तरह कार्रवाई की चेतावनी दी गई।
मामले की पुष्टि करके ही कार्रवाई होगी: बीएसए
बीएसए अजय कुमार ने बताया कि पुलिस विवेचना के बाद जो लिस्ट आई है उसमें दिए गए नाम के हिसाब से कार्रवाई की गई है। बाबू को थाने भेजकर फिर नाम चेक करने को कहा गया है। यदि कमी हुई तो सुधार किया जाएगा लेकिन यदि विवेचना में पुलिस ने यही नाम दिया है तो मामले की पुष्टि करके ही कार्रवाई होगी।
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