मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर 1076 के नाम पर शिक्षकों से ठगी का प्रयास
प्रयागराज के बेसिक शिक्षा विभाग के कई शिक्षकों को आए है र हैं फोन
■ व्हाट्सएप पर एपीके फाइल भेजकर फोन हैक करने की गई कोशिश
प्रयागराज । साइबर अपराधी नए-नए तरीके अपनाकर ठगी करने में जुटे हैं। अब मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर 1076 के नाम पर बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों को व्हाट्सएप पर एपीके फाइल भेजकर सर्वे के नाम पर ठगी का प्रयास किया जा रहा है। हाल ही में प्रयागराज के तीन प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापक को फोन कॉल आ चुके हैं। हालांकि शिक्षकों की सूझबूझ से साइबर अपराधी अपनी मंशा में कामयाब नहीं हो सके।
हाल ही में फिरोजाबाद में 12 शिक्षकों के मोबाइल फोन को एपीके फाइल के जरिए हैक करने का मामला सामने आया है। वहीं प्रयागराज में अब तक तीन शिक्षकों के पास फोन कॉल आ चुकी है। साइबर अपराधी 1076 नंबर का उपयोग कर शिक्षकों से संपर्क कर रहे हैं। यह नंबर मुख्यमंत्री हेल्पलाइन का है, जिससे शिक्षक आसानी से भरोसा कर लेते हैं। फीडबैक के नाम पर जानकारी मांगी जा रही है। निर्धन परिवार का सर्वे करने के नाम पर व्हाट्सएप पर एक लिंक भेजा जा रहा है। इसमें आधार कार्ड और अन्य निजी जानकारी अपलोड करने की मांग की जाती है। फर्जी एप डाउनलोड करने के बाद फोन हैक हो रहा है।
व्हाट्सएप पर एपीके फाइल भेजकर डाउनलोड करने की सलाह दी गई। हालांकि तीनों प्रधानाध्यापकों ने सूझबूझ का परिचय देते हुए डाउनलोड करने से साफ मना कर दिया। साथ ही कॉल रिकॉर्ड कर शिक्षकों के ग्रुप में सचेत रहने के लिए साझा किया गया है।
साइबर हैकर्स के निशाने पर उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षक, जानिए कैसे हो रहा है फ्राड और कैसे करें बचाव?
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षक इन दिनों साइबर हैकर्स के निशाने पर हैं। हाल ही में फिरोजाबाद में 12 शिक्षकों के मोबाइल एपीके फाइल के जरिए हैक किए जाने की खबर ने सभी को चौंका दिया है। अब राज्यभर के शिक्षक मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर 1076 से आने वाली संदिग्ध कॉल्स को लेकर असमंजस में हैं। इन कॉल्स में विभागीय फीडबैक के नाम पर एप डाउनलोड करने और आधार कार्ड समेत निजी जानकारी अपलोड करने के लिए कहा जा रहा है।
कैसे हो रहा है फ्रॉड?
शिक्षकों को 1076 नंबर से कॉल कर यह विश्वास दिलाया जा रहा है कि यह मुख्यमंत्री हेल्पलाइन है। पहले उनसे विभागीय कार्यों और फीडबैक से जुड़े सवाल किए जाते हैं। इसके बाद एक लिंक भेजा जाता है, जिसमें आधार कार्ड और अन्य निजी जानकारी भरने या फोटो अपलोड करने की मांग की जाती है। कुछ शिक्षकों ने लिंक पर क्लिक किया, जिससे उनके मोबाइल हैक हो गए।
शिक्षामित्र धर्मेंद्र कुमार बताते हैं, "मेरे पास भी 1076 से कॉल आई। इसे मुख्यमंत्री हेल्पलाइन समझकर रिसीव कर लिया था। लेकिन सतर्कता बरतने के कारण ठगी से बच गया।" वहीं, शिक्षक अरुण गुप्ता ने बताया, "कॉल के बाद भेजे गए लिंक पर क्लिक करने से मैंने परहेज किया।"
शिक्षकों के बीच बढ़ रही चिंता
तीन दिनों में प्रदेशभर में 200 से अधिक शिक्षकों को ऐसी कॉल्स आ चुकी हैं। इस घटना ने शिक्षकों में चिंता बढ़ा दी है। शिक्षकों का कहना है कि इस मामले में विभागीय अधिकारियों की तरफ से कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी जा रही है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी फिरोजाबाद, आशीष पांडेय ने कहा, "यह फ्रॉड कॉल्स हो सकती हैं। शिक्षकों को किसी भी संदिग्ध कॉल का जवाब देने से पहले अधिकारियों से परामर्श लेना चाहिए।"
सतर्कता के उपाय
उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षकों को साइबर फ्रॉड से बचाने के लिए निम्नलिखित सतर्कता उपाय सुझाए गए हैं:
1. संदिग्ध कॉल से बचें: 1076 या अन्य अज्ञात नंबर से आने वाली कॉल्स को तुरंत न उठाएं।
2. लिंक पर क्लिक न करें: किसी भी अज्ञात लिंक पर क्लिक न करें।
3. निजी जानकारी साझा न करें: आधार कार्ड, पासवर्ड या अन्य संवेदनशील जानकारी किसी को न दें।
4. फीडबैक सत्यापित करें: अगर फीडबैक के लिए कॉल आती है, तो पहले संबंधित अधिकारी से सत्यापन करें।
5. साइबर क्राइम सेल से संपर्क करें: किसी भी फ्रॉड का संदेह हो तो तुरंत पुलिस की साइबर क्राइम सेल को सूचित करें।
6. अन्य शिक्षकों को सतर्क करें: अपने साथी शिक्षकों को ऐसी घटनाओं से अवगत कराएं।
साइबर अपराधी नए-नए तरीके अपनाकर शिक्षकों को निशाना बना रहे हैं। ऐसे में शिक्षकों को जागरूक और सतर्क रहना आवश्यक है। किसी भी संदिग्ध कॉल या लिंक पर भरोसा न करें और विभागीय और पुलिस अधिकारियों से परामर्श लेना न भूलें। सतर्कता ही इस साइबर जाल से बचने का सबसे बड़ा हथियार है।
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