फर्जी खबरें और साइबर अपराध रोकने के लिए छात्रों को डिजिटल वॉरियर बनाएगी उत्तर प्रदेश पुलिस
फर्जी खबरें और साइबर अपराध रोकने के लिए डीजीपी की पहल
सभी विभागाध्यक्षों और कार्यालयाध्यक्षों को जारी किए गए दिशा-निर्देश
लखनऊ। प्रदेश में फर्जी खबरें और साइबर अपराध रोकने के लिए पुलिस स्कूल-कॉलेजों व विवि के छात्रों और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को डिजिटल वॉरियर बनाएगी। महाकुंभ 2025 के आयोजन को देखते हुए प्रयागराज में हुए डिजिटल वॉरियर के पायलट प्रयोग के अच्छे नतीजे सामने आने पर अब यह व्यवस्था पूरे प्रदेश में लागू करने की तैयारी है। डीजीपी प्रशांत कुमार ने इस संबंध में शनिवार को सभी विभागाध्यक्षों व कार्यालयाध्यक्षों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए प्रदेश पुलिस ने वर्ष 2023 में व्हाट्सएप कम्युनिटी ग्रुप बनाए थे। इसमें समाज के सक्रिय विभिन्न वर्गों के लोगों को जोड़ा गया था। इस ग्रुप की सहायता से अब भ्रामक खबरों के खंडन के साथ पुलिस के अच्छे कार्यों को लोगों तक पहुंचाया जा रहा है।
वर्तमान में करीब 10 लाख लोग डिजिटल वालंटियर्स के रूप में और 2 लाख पुलिसकर्मी कम्यूनिटी ग्रुप से जुड़े हैं। इन वालंटियर्स को गांव, मोहल्ले और स्थानीय कस्बों से जोड़ा गया है। इस पहल के अच्छे नतीजों को देखते हुए डीजीपी ने अब सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स और कॉलेज व विवि के छात्रों को यूपी पुलिस का डिजिटल वॉरियर बनाने का निर्णय लिया है।
ऐसे बनेंगे डिजिटल वॉरियर
निर्देश के मुताबिक साफ-सुथरी छवि वाले युवाओं को डिजिटल वॉरियर बनाया जाएगा। इसके लिए उन्हें एक फॉर्म भरना होगा। उन्हें प्रशिक्षित करने के लिए कार्यशालाओं का आयोजन होगा। सभी स्कूलों, कॉलेजों और विवि में साइबर क्लब बनाए जाएंगे। एक शिक्षक को इसका नोडल अधिकारी नामित किया जाएगा। डीजीपी मुख्यालय की ओर से उत्कृष्ट कार्य करने वाले डिजिटल वॉरियर को प्रोत्साहित व पुरस्कृत भी किया जाएगा ।
इन श्रेणियों में होगा चुनाव
फेक न्यूज के खंडन और साइबर अपराध के प्रति सचेत करने के लिए, साइबर अपराधों के प्रति जागरूकता के लिए, साइबर ट्रेनर और पुलिस के अभियानों व सराहनीय कार्यों के प्रचार-प्रसार के लिए डिजिटल वॉरियर का चुनाव होगा।
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