महिला व बाल संरक्षण गृहों को गोद लेंगे अधिकारी, मुख्य सचिव ने जारी किए निर्देश
लखनऊ। प्रदेश में संचालित सरकारी महिला और बाल संरक्षण गृहों को सभी विभाग के अधिकारियों द्वारा गोद लिया जाएगा। एक अधिकारी को कम से कम एक संरक्षण गृह को गोद लेना होगा। इस पहल से संरक्षण गृहों में रहने वाली निराश्रित महिलाओं व बच्चों को पारिवारिक माहौल देने का प्रयास किया जाएगा। इस संबंध में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने सभी अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।
गोद लेने वाले अधिकारियों के परिजनों से अपेक्षा की गई है कि वे इन बच्चों के साथ खेलें और पढ़ाएं। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने स्टांप एवं पंजीकरण, राज्य कर विभाग, महिला कल्याण, समाज कल्याण सहित सभी विभागों के प्रमुखों को पत्र भेजकर चार तरह के सहयोग की अपेक्षा की गई है।
प्रदेश के 62 बाल संरक्षण गृह और 09 महिला संरक्षण गृह में रहने वाले बच्चों और महिलाओं की मदद का जिक्र है। इन स्थानों पर विषम स्थितियों से निकले बच्चे और महिलाओं को रखा जाता है। उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए ये चार सहयोग मांगे गए हैं। इन स्थानों पर रहने वाले बच्चों और महिलाओं के मन की बात सुनने के लिए अधिकारी वहां जाएं और कम से कम एक गृह को गोद लें।
प्रशासनिक अधिकारी स्वयं या अपने परिवार के साथ होली, दिवाली, ईद, क्रिसमस आदि त्योहार का कुछ समय निराश्रितों के साथ बिताएं, जिससे बच्चों को अपनेपन का एहसास होगा। अधिकारी इन गृहों में रहने वाले बच्चों व महिलाओं को शैक्षिक रूप से सक्षम बनाएं।
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