यूजी-पीजी में अलग-अलग विषय तो भी बन सकेंगे तकनीकी कॉलेज में शिक्षक
एआईसीटीई रेग्यूलेशन-डिग्री 2019 में संशोधन की तैयारी,
असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए एमटेक तो एसोसिएट और प्रोफेसर बनने को पीएचडी अनिवार्य
नई दिल्ली। अब यूजी और पीजी में अलग-अलग ब्रांच (विषय) में पढ़ाई करने वाले छात्र भी तकनीकी कॉलेजों में शिक्षक बन सकेंगे। वह दोनों में से किसी भी ब्रांच का चयन कर सकते हैं। मसलन, यदि आपने बीटेक कंप्यूटर साइंस और एमटेक मैकेनिकल इंजीनियरिंग में की होगी, तो कंप्यूटर साइंस या मैकेनिकल इंजीनियरिंग ब्रांच के लिए शिक्षक पद के योग्य होंगे।
अभी तक शिक्षक बनने के लिए बीटेक और एमटेक दोनों में एक ही ब्रांच या विषय की पढ़ाई अनिवार्य थी। इसके अलावा असिस्टेंट प्रोफेसर से एसोसिएट प्रोफेसर बनने के लिए प्रमोशन का आधार सिर्फ रिसर्च पेपर नहीं होगा। इसमें लचीलापन लाते हुए अब अकेडमिक, रिसर्च पेपर व इनोवेशन और छात्रों का 360 फीडबैक को भी शामिल किया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) तकनीकी कॉलेजों में एआईसीटीई रेग्यूलेशन (डिग्री) 2019 में संशोधन कर रहा है। पुराना नियम एक जनवरी 2016 से लागू हुआ था। उसकी जगह तकनीकी कॉलेजों के लिए अब एआईसीटीई रेग्यूलेशन (डिग्री) अगस्त 2024 आ रहा है। इसमें मुख्य तौर पर शिक्षकों की भर्ती, और प्रमोशन के नियमों में बदलाव होना है। इसका लाभ एआईसीटीई के मान्यता प्राप्त इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, आर्किटेक्चर समेत अन्य तकनीकी कॉलेजों को होगा।
प्रमोशन में तीन श्रेणियों का आधार बनेंगे 100 अंक
अभी तक असिस्टेंट प्रोफेसर से एसोसिएट प्रोफेसर बनने के लिए रिसर्च पेपर मुख्य आधार होता था। लेकिन नए नियमों में अकेडमिक, रिसर्च पेपर व इनोवेशन और छात्रों का 360 फीडबैक मुख्य होगा। इसमें छात्रों के फीडबैक के 30 अंक, एसीआर के 10 अंक, डिपार्टमेंट एक्टिविटी के 30 अंक और इंस्टीट्यूशन एक्टिविटी के 30 अंक रहेंगे। प्रमोशन में रिसर्च इनोवेशन, रिसर्च फंडिंग, क्वालिटी पब्लिकेशन, पढ़ाना, स्टार्टअप व इनोवेशन प्रोजेक्ट, पेटेंट, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर का भी मूल्यांकन होगा।
सेवानिवृत्ति की आयु 70 साल का फैसला राज्य करेंगे
तकनीकी कॉलेजों के शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की आयु 65 साल से बढ़ाकर 70 साल करने की भी सिफारिश है। लेकिन एआईसीटीई इस फैसले का अधिकार राज्य सरकारों को देगा। वे चाहें तो रिटायरमेंट की आयु 70 कर सकते हैं।
राज्य अपने 10 फीसदी शिक्षकों की उच्च शिक्षा की क्वालिफिकेशन अपग्रेड कराएं
नए नियमों में विभिन्न राज्यों के 10 फीसदी शिक्षकों की क्वालिफिकेशन अपग्रेड करने का प्रावधान है। इसमें एआईसीटीई विभिन्न राज्य सरकारों को प्रस्ताव बनाकर देगा। इसमें उसके शिक्षकों की एमटेक व पीएचडी की पढ़ाई पूरी करवाई जाएगी। इसका सारा खर्चा एआईसीटीई देगा। इसके तहत एमटेक उम्मीदवार को 9000 रुपये और पीएचडी के लिए 15 हजार रुपये प्रति महीने का स्टाइपेंड दिया जाएगा। इन शिक्षकों की एमटेक और पीएचडी की पढ़ाई आईआईटी, आईआईएम, आईआईआईटी, एनआईटी परिसर में होगी।
डीन, प्रिंसिपल, डायरेक्टर को पढ़ाने के दो घंटे कम
नए नियमों में डीन, प्रिंसिपल और डायरेक्टर या किसी भी प्रशासनिक पद पर तैनात अधिकारी के पढ़ाने के हर हफ्ते के घंटों में दो घंटे कम किए गए हैं। असिस्टेंट प्रोफेसर को हफ्ते में 16 घंटे, एसोसिएट प्रोफेसर को 14, प्रोफेसर, सीनियर, एचएजी प्रोफेसर को 12 तो डायरेक्टर व प्रिंसिपल को चार घंटे की पढ़ाई या लैब वर्क शामिल है।
घटती मांग वाली ब्रांच के शिक्षक होंगे एडवांस कोर्स में अपग्रेड
दुनियाभर में नौकरियों में लगातार बदलाव से सिविल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रिोनिक्स इजीनियरिंग में भी छात्रों की संख्या लगातार घट रही है।
एआईसीटीई के पास ऐसे करीब डेढ़ से दो लाख शिक्षक हैं। ब्रांच बंद होने से उनकी नौकरी पर संकट आ रहा है। इसलिए ऐसे शिक्षकों को रोजगार के उभरते क्षेत्रों में एआईसीटीई अपने खर्चे पर छह महीने का पीजी एडवांस सर्टिफिकेट कोर्स आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), डेटा साइंस, साइबर सिक्योरिटी, क्लाउड टेक्नोलॉजी, मशीन लर्निंग, 3 डी प्रिंटिंग में करवा रहा है। ताकि वे इन उभरते क्षेत्रों में निपुण होकर कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में अपना भविष्य बना सकें।
एआईसीटीई ने आईआईटी और एनआईटी में 21 सेंटर बनाए हैं। यहां 30 से 50 शिक्षकों पर प्रति सेंटर 20 लाख का खर्च होगा।