12 फरवरी से भेजे जाएंगे यूपी बोर्ड परीक्षा के प्रश्नपत्र, परीक्षा के दौरान छुट्टी में भी जिला नहीं छोड़ेंगे डीआईओएस
प्रयागराज : 24 फरवरी से शुरू हो रही यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा के लिए प्रश्नपत्रों को 12 फरवरी से जिलों को भेजना शुरू होगा और 16 फरवरी तक सभी जिलों में प्रश्नपत्र पहुंचा दिए जाएंगे। माध्यमिक शिक्षा निदेशक और यूपी बोर्ड के सभापति डॉ. महेन्द्र देव ने सभी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों, मंडलीय उप शिक्षा निदेशकों और जिला विद्यालय निरीक्षकों को 16 जनवरी को निर्देश भेजे हैं। अपरिहार्य कारणों से प्रश्नपत्र निर्धारित तिथि के एक-दो दिन पहले या बाद में भी पहुंच सकते हैं।
निदेशक ने डीआईओएस को निर्देश दिया है कि परीक्षा जैसे महत्वपूर्ण एवं अतिसंवेदनशील कार्य को देखते हुए परीक्षा अवधि के दौरान अवकाश तिथियों पर भी जिला मुख्यालय न छोड़ें। साथ ही कार्ययोजना बनाकर जिले में प्रश्नपत्र पहुंचने के तीन दिन पूर्व ही कंट्रोल रूम स्थापित करते हुए ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित कराएं कि जिला मुख्यालय या डीआईओएस कार्यालय पर हर समय कोई न कोई राजपत्रित अधिकारी अवश्य रहे। परीक्षा अवधि में विशेष परिस्थिति में ही वैकल्पिक व्यवस्था करते हुए अवकाश स्वीकृत किया जाए। जिला प्रशासन से अनुरोध करके डीआईओएस प्रश्नपत्रों के सील्ड कार्टन बॉक्स पहुंचने के पहले ही उसकी सुरक्षा के लिए आवश्यकतानुसार सशस्त्रत्त् पुलिस बल की व्यवस्था सुनिश्चित कर लें। प्रश्नपत्रों के पहुंचते ही उन्हें सुरक्षित स्थान पर पुलिस अभिरक्षा में रखवाया जाए। प्रश्नपत्रों के बॉक्स जिस कमरे में रखे जाएं उसमें लगे दरवाजे, खिड़की व कुंडी आदि की जांच कर लें तथा वहां दीमक, चूहों, नमी, वर्षा आदि से सुरक्षा की व्यवस्था सुनिश्चित कर लें। प्रश्नपत्रों की गोपनीयता व सुरक्षा के लिए जिला मुख्यालय एवं वितरण के बाद परीक्षा केंद्र पर प्रश्नपत्र पहुंचने के तीन दिन पहले से स्ट्रांग रूम स्थापित कर लिया जाए तथा 24 घंटे सातों दिन सीसीटीवी कैमरा क्रियाशील रखा जाए। कैमरे की रिकार्डिंग कम से कम छह महीने तक सुरक्षित रखी जाए और आवश्यकता पड़ने पर बोर्ड को उपलब्ध कराना होगा। पेपरलीक की आशंका को समाप्त करने के लिए परीक्षा केंद्रों पर प्रश्नपत्रों की प्राप्ति की तिथि से ही आवश्यकता के अनुसार टीम गठित कर उसकी निगरानी की व्यवस्था की जाएगी।
नकल की तो नहीं जंचेगी उत्तरपुस्तिका
प्रयागराज : यूपी बोर्ड की 24 फरवरी से शुरू हो रही हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा के दौरान कोई छात्र या छात्रा नकल करते पकड़ा गया तो उसकी कॉपी नहीं जांची जाएगी। एक करोड़ का जुर्माना या जेल की सजा नकल करवाने वालों पर ही लागू होगी। सचिव भगवती सिंह ने साफ किया है कुछ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म तथा अवांछित तत्व भ्रामक सूचनाएं प्रसारित कर रहे हैं कि उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अधिनियम-2024 के तहत अनुचित साधन का प्रयोग करने वाले परीक्षार्थियों को आर्थिक जुर्माना तथा कारावास की सजा दी जाएगी। संशोधित नियमावली में यह प्रावधान है कि जुर्माना या दंड उन परीक्षार्थियों पर लागू नहीं होंगे जो शैक्षणिक, तकनीकी, व्यावसायिक या अन्य योग्यता प्राप्त करने के लिए सार्वजनिक परीक्षा में सम्मिलित हो रहे हैं।
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