DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बागपत बाँदा बांदा बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लख़नऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Friday, January 10, 2025

यूपी बोर्ड परीक्षा में नकल कराने पर आजीवन कारावास, एक करोड़ तक का जुर्माना, वर्ष 2024 का अधिनियम होगा लागू

यूपी बोर्ड परीक्षा में नकल कराने पर आजीवन कारावासएक करोड़ तक का जुर्माना, वर्ष 2024 का अधिनियम होगा लागू

शुचिता प्रभावित करने, पेपर लीक कराने, नकल पर कड़ा दंड

नकल माफिया व सात्वरों पर शिकंजा कसने की तैयारी

24 फरवरी से 12 मार्च के मध्य होगी बोर्ड परीक्षा,54.38 लाख छात्र- छात्राओं ने परीक्षा के लिए कराया है पंजीकरण


प्रयागराज : यूपी बोर्ड की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा में भी अब उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अधिनियम 2024 लागू होगा। इसमें परीक्षा की शुचिता प्रभावित करने, प्रश्नपत्र लीक कराने, प्रश्नपत्र हल कराने की कोशिश आदि पर साल्वरों एव साल्वर गिरोह को आजीवन कारावास एवं एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने से दंडित किया जाएगा। इस संबंध में यूपी बोर्ड सचिव भगवती सिंह की ओर से सभी क्षेत्रीय अपर सचिवों एवं जिला विद्यालय निरीक्षकों को जल्द निर्देश जारी किए जाएंगे।


नकलविहीन और शुचितापूर्ण परीक्षा संपन्न कराने की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप वर्ष 2025 की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की परीक्षा की तैयारी यूपी बोर्ड कर रहा है। यूपी बोर्ड की परीक्षा अर्हकारी होने के कारण इसमें अनुचित साधनों का निवारण अधिनियम 2024 लागू किया जा रहा है। अभी तक यूपी बोर्ड परीक्षा में उप्र सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अधिनियम 1998 के तहत कार्रवाई की जा रही थी। इसमें परीक्षा के निष्पक्ष संचालन में प्रश्नपत्र या उसके किसी भाग या प्रश्नपत्र की फोटोकापी कराकर नकल कराने की कोशिश करने पर अधिकतम एक वर्ष कारावास या पांच हजार रुपये जुर्माना अथवा दोनों से दंडित किए जाने का प्रविधान था।


नए अधिनियम में कोई व्यक्ति या साल्वर गिरोह यदि प्रथम बार परीक्षा प्रभावित करेगा तो तीन से 14 वर्ष तक कारावास तथा 10 लाख से 25 लाख रुपये तक जुर्माने से दंडित किया जाएगा। यदि इस अपराध की साल्वर गिरोह द्वारा पुनरावृत्ति की जाती है तो आजीवन कारावास एवं 50 लाख से एक करोड़ रुपये तक जुर्माने से दंडित किया जाएगा। नकलविहीन परीक्षा संपन्न कराने के लिए यूपी बोर्ड परीक्षाएं सीसीटीवी की निगरानी में तो कराएगा, परीक्षा केंद्रों के स्ट्रांग रूमों में प्रश्नपत्रों की निगरानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से कराने की योजना पर भी काम कर रहा है।


No comments:
Write comments