कई विद्यालयों में नहीं हुए प्रैक्टिकल, यूपी बोर्ड ने 16 तक बढ़ा दी है तिथि, अब दूसरे के साथ पहले चरण की भी पूरी होंगी प्रयोगात्मक परीक्षाएं
बड़ी संख्या में परीक्षकों ने अपलोड नहीं किए नंबर, विद्यालय भी नहीं पहुंचे
09 फरवरी 2025
प्रयागराज। यूपी बोर्ड-2025 की इंटरमीडिएट की पहले चरण की प्रयोगात्मक परीक्षाएं एक से आठ फरवरी तक आयोजित की गईं थीं। इस दौरान तमाम विद्यालयों में परीक्षकों के न पहुंचने के कारण परीक्षा नहीं हो सकी। वहीं, कई परीक्षकों ने एप के माध्यम से पोर्टल पर प्रयोगात्मक परीक्षा के नंबर भी अपलोड नहीं किए। ऐसे में यूपी बोर्ड ने पहले चरण की प्रयोगात्मक परीक्षा की तिथि 16 फरवरी तक बढ़ा दी है।
पहले चरण में अलीगढ़, मेरठ, मुरादाबाद, कानपुर, प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी व गोरखपुर मंडल के जिलों में परीक्षाएं आयोजित की गईं थीं। वहीं, नौ फरवरी से आगरा, सहारनपुर, बरेली, लखनऊ, झांसी, चित्रकूट, अयोध्या, आजमगढ़, देवीपाटन व बस्ती मंडल के जिलों में प्रयोगात्मक परीक्षाएं शुरू करा दी गई हैं, जो 16 फरवरी तक चलेंगी।
इंटरमीडिएट के 53 विषयों की प्रयोगात्मक परीक्षाओं में कुल 19,481 परीक्षक लगाए गए हैं। पहले चरण में 9,977 व दूसरे चरण में 9,504 परीक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह की ओर से क्षेत्रीय कार्यालय मेरठ, बरेली, प्रयागराज, वाराणसी एवं गोरखपुर के अपर सचिवों को पत्र जारी कर कहा गया है कि कई परीक्षकों ने प्रथम चरण की प्रयोगात्मक परीक्षा के अंक माध्यमिक शिक्षा परिषद के पोर्टल पर अंक अपलोड नहीं किए हैं।
जनपदों की ओर यह भी अवगत कराया गया है कि प्रथम चरण में कुछ विद्यालयों में परीक्षक के समय से उपस्थित न होने के कारण परीक्षा संपन्न नहीं कराई जा सकी है। सचिव ने निर्देश दिए है कि प्रथम चरण की प्रयोगात्मक परीक्षा की तिथि 16 फरवरी तक बढ़ी दी गई है। परीक्षकों द्वारा प्रयोगात्मक परीक्षा संपन्न कराएं। साथ ही शत-प्रतिशत परीक्षार्थियों के अंक परिषद के पोर्टल पर अपलोड किए जाएं।
यूपी बोर्ड : हर जिले में 5 फीसदी स्कूलों में प्रैक्टिकल की होगी रैंडम जांच, गड़बड़ी मिलने पर की जाएगी सख्त कार्रवाई
■ विद्यालय में संसाधन न होने पर दूसरे स्कूल में होगी परीक्षा
29 जनवरी 2025
प्रयागराज । यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट की प्रयोगात्मक परीक्षाएं एक फरवरी से शुरू होंगी। यूपी बोर्ड की ओर से प्रत्येक जिले के पांच फीसदी विद्यालयों में प्रयोगात्मक परीक्षा की औचक जांच कराई जाएगी। इसमें किसी प्रकार की गड़बड़ी मिलने पर संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। बोर्ड सचिव भगवती सिंह ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को प्रयोगात्मक परीक्षा से संबंधित दिशा-निर्देश भेजे हैं।
लिखा है कि प्रयोगात्मक परीक्षा के लिए विद्यालय में प्रयोगशाला, आवश्यक उपकरण एवं सामग्री का अभाव होने पर किसी दूसरे निकटतम संसाधनयुक्त विद्यालय में प्रयोगात्मक परीक्षाएं कराई जाए और इसकी सूचना समय से संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को भी दी जाए। राजकीय विद्यालय में संसाधनों के अभाव के लिए डीआईओएस स्वयं जिम्मेदार होंगे।
सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में संसाधनों की कमी होने पर डीआईओएस संबंधित विद्यालय के प्रबंधक व प्रधानाचार्य के विरुद्ध सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे। वित्तविहीन विद्यालयों में यह स्थिति आने पर पर विद्यालय की मान्यता वापस निरस्त कर दी जाएगी।
इंटर की प्रयोगात्मक परीक्षाएं प्रथम चरण में एक से आठ फरवरी और दूसरे चरण में नौ से 16 फरवरी तक कराई जाएगी। सचिव ने वॉयस रिकॉर्डर युक्त सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में ही प्रयोगात्मक परीक्षाएं कराने के निर्देश दिए हैं। वाह्य परीक्षकों को मोबाइल ऐप के उपयोग से जिओ लाकेशनयुक्त बच्चों के ग्रुप फोटो और उसी दिन पोर्टल पर अंक अपलोड करने होंगे।
आंतरिक परीक्षकों को भी अपने विद्यालय की लॉग-इन आईडी से यूपी बोर्ड की वेबसाइट पर प्रयोगात्मक परीक्षा के अंक उसी दिन अनिवार्य रूप से अपलोड करने होंगे। प्रयोगात्मक परीक्षा के पर्यवेक्षण के लिए सेक्टर मजिस्ट्रेट भी नियुक्त किए जाएंगे।
No comments:
Write comments