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Tuesday, January 14, 2025

तदर्थ शिक्षकों के मामले में लापरवाही पर शासन सख्त, नियमितीकरण व वेतन भुगतान के लिए काफी दिनों से संघर्ष कर रहे शिक्षक

तदर्थ शिक्षकों के मामले में लापरवाही पर शासन सख्त, नियमितीकरण व वेतन भुगतान के लिए काफी दिनों से संघर्ष कर रहे शिक्षक


लखनऊ। प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों में वर्ष 2000 तक के नियुक्त तदर्थ शिक्षकों के नियमितीकरण व वेतन भुगतान करने के मामले में लापरवाही पर शासन सख्त है। शासन ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक से इस मामले में लापरवाही बरतने वाले मंडलीय समिति के अधिकारियों को चिह्नित कर उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही का प्रस्ताव मांगा है।

माध्यमिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव कृष्ण कुमार गुप्त ने वर्ष 2000 तक के तदर्थ शिक्षकों को जो नियमानुसार नियुक्त किए गए हैं के मामले में नियमितिकरण के प्रकरणों के निस्तारण के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही प्रकरण के निस्तारण की तिथि तक उनका वेतन भुगतान करने का निर्देश दिया गया है।

शासन के संज्ञान में आया है कि इस प्रकरणों में मंडलीय समिति द्वारा अभी तक विचार नहीं किया गया है। कार्यवाही न होने से संबंधित तदर्थ शिक्षकों को राजकोष से लगातार भुगतान किया जा रहा है। इससे संबंधित मामले एक महीने में निस्तारित हो जाना चाहिए था। ऐसे में क्यों न लापरवाही करने वाली मंडलीय समिति से ही वेतन की वसूली की जाए। उन्होंने जल्द से जल्द नियमितीकरण के लंबित प्रकरणों के बारे में जानकारी मांगी है।

उन्होंने कहा कि वेतन कार्य सत्यापन के साथ ही आहरित होने के बाद भी अभी तक क्यों नहीं किया गया, इसकी भी जानकारी दी जाए। साथ ही इसमें लापरवाही करने वाले अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही का भी प्रस्ताव दिया जाए। शासन के इस पत्र से विभागीय अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है। 



माध्यमिक शिक्षा: विनियमितीकरण के अनिस्तारित समस्त प्रकरणों को सम्यक् विचारोपरांत प्रत्येक दशा में 25 दिवस के अन्दर निस्तारित करने तथा संस्था में उनकी कार्यरतता के सत्यापन के पश्चात विनियमितीकरण प्रकरण के निस्तारण की तिथि तक वेतन भुगतान किये जाने के संबंध में 


माध्यमिक शिक्षा : विनियमितीकरण के प्रकरणों के सम्बन्ध में कोर्ट आर्डर के अनुपालन के सम्बंध में  


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