2018 के आदेश के बाद बिगड़ा शिक्षामित्रों की संख्या का अनुपात, बीएसए ने दो से अधिक शिक्षामित्रों की तैनाती के मामले में जांच की पूरी
25 जनवरी 2025
सीतापुर। रेउसा के परिषदीय स्कूलों में दो से अधिक शिक्षामित्रों की तैनाती की शुक्रवार को बीएसए ने जांच की। उन्होंने शिक्षामित्रों की तैनाती, संबद्धता आदेश व अन्य अभिलेख भी खंगाले। पता चला कि वर्ष 2018 के आदेश के बाद यह विसंगति पैदा हुई। इस आदेश के कारण ही शिक्षामित्रों की संख्या का अनुपात बिगड़ा। बीएसए इस मामले में अपर राज्य परियोजना निदेशक संग अन्य उच्चाधिकारियों को विस्तृत रिपोर्ट भेजेंगे।
बता दें कि वैसे तो एक परिषदीय विद्यालय में दो शिक्षामित्रों की तैनाती का नियम है। इस मामले में शिकायतकर्ता रामरतन ने रेउसा के पंद्रह विद्यालयो में कहीं पांच तो कहीं तीन शिक्षामित्रों की तैनाती की शिकायत की थी। इस पर अपर राज्य परियोजना निदेशक एकता सिंह ने बीएसए को जांच के आदेश दिए। बीएसए ने अभिलेखों का परीक्षण कर जांच पूरी कर ली है।
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष राम सेवक पाल ने बताया कि 23 जुलाई 2018 को तत्कालीन बेसिक शिक्षा निदेशक ने एक आदेश जारी किया था। यह तैनाती उसी अनुसार हुई है। महिला शिक्षामित्रों के लिए भी एक आदेश जारी हुआ था। इसमें उनके ससुराल या पति की तैनाती के स्थान पर समायोजित होने का विकल्प दिया गया था। उसी अनुसार तैनाती दी गई थी।
23 जनवरी 2025
सीतापुर : रेउसा ब्लाक के 15 विद्यालयों में मानक से अधिक संख्या में तैनात शिक्षामित्रों को हटाया जाएगा। अपर राज्य परियोजना निदेशक एकता सिंह ने बीएसए अखिलेश प्रताप सिंह को जांच कर कार्रवाई के लिए निर्देशित किया है।
रेउसा के रामरतन ने राज्य परियोजना निदेशक से शिकायत की थी कि ब्लाक के कई विद्यालयों में शिक्षामित्रों की तैनाती मानक से अधिक है। एक विद्यालय में अधिकतम दो शिक्षामित्र तैनात हो सकते हैं, लेकिन यहां 15 विद्यालयों में तीन से लेकर पांच शिक्षामित्र तक तैनात हैं। यह शासकीय निर्देशों का उल्लंघन है।
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