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Thursday, January 30, 2025

अब आवेदन पत्र में अनिवार्य एंटी रैगिंग कॉलम, विद्यार्थियों को दाखिले में शपथपत्र भी देना होगा, सभी उच्च शिक्षण संस्थानों पर लागू, उल्लघंन पर सख्त कार्रवाई का प्रावधान, रैगिंग रोकने में नाकाम और झूठी जानकारी देने पर नियमों के तहत कार्रवाई होगी

अब आवेदन पत्र में अनिवार्य एंटी रैगिंग कॉलम, विद्यार्थियों को दाखिले में शपथपत्र भी देना होगा, सभी उच्च शिक्षण संस्थानों पर लागू, उल्लघंन पर सख्त कार्रवाई का प्रावधान

रैगिंग रोकने में नाकाम और झूठी जानकारी देने पर नियमों के तहत कार्रवाई होगी


नई दिल्ली। उच्च शिक्षण संस्थानों में दाखिला आवेदन पत्र में अनिवार्य एंटी रैगिंग कॉलम होगा। इसमें छात्र रैगिंग गतिविधियों में शामिल न होने का शपथ पत्र देंगे तो संस्थान कैंपस में ऐसे घटनाओं को किसी भी तरह बर्दाश्त (जीरो टॉलरेंस) नहीं करने की जानकारी देंगे।

केंद्र सरकार की एंटी रैगिंग दिशा-निर्देश आईआईटी, एनआईटी, मेडिकल, इंजीनियरिंग समेत सभी उच्च शिक्षण संस्थानों पर लागू होंगे, यदि कोई उल्लघंन करता है तो फिर सख्त कार्रवाई का भी प्रावधान है। खास बात यह है कि पहली बार कुलपति, निदेशक और रजिस्ट्रार की जिम्मेदारी तय की गई है।


यूजीसी ने उच्च शिक्षण संस्थानों में रैगिंग रोकने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसमें लिखा है कि रैगिंग एक कानूनी जुर्म है। कैंपस में इस तरह की घटनाओं को किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उच्च शिक्षण संस्थानों में एंटी रैगिंग कमेटी गठित करें। छात्रों, शिक्षकों और कर्मियों को जागरूक करें। इसके लिए यूजीसी ने छोटे-छोटे वीडियो बनाकर भी दिए हैं। 


डिपार्टमेंट, क्लासरूम, एडमिशन सेंटर, रेस्ट रूम, कैंटीन, हॉस्टल, कॉमन रूम समेत अन्य सभी जगहों पर सीसीटीवी लगाने होंगे। यदि कोई उच्च शिक्षण संस्थान नियमों के तहत रैगिंग रोकने पर काम नहीं करता है और झूठी जानकारी देता है तो यूजीसी रेग्यूलेशन के नियमों के तहत सख्त कार्रवाई होगी। इसमें मान्यता रदद, जुर्माना से लेकर कोर्स की मंजूरी वापिस लेने का भी प्रावधान है।


आत्महत्या, हत्या मामले में कमेटी करेगी जांचः कैंपस आत्महत्या, हत्या समेत अन्य मामलों की जांच के लिए कमेटी गठित की जाएगी। यह कमेटी पूरी रिपोर्ट यूजीसी को भी देगी। यदि किसी मामले में पुलिस जांच होती है तो ऐसे मामलों में लीगल एडवाइजर को भी शामिल किया जाएगा। इसके अलावा पहली बार कुलपति, निदेशक और रजिस्ट्रार को रैगिंग रोकने की जिम्मेदारी तय की गई है। यदि वे ऐसा करने में नाकाम रहते हैं तो यूजीसी नियमों के तहत सख्त कार्रवाई होगी।


ऑनलाइन दाखिले में ईमेल पर शपथपत्रः उच्च शिक्षण संस्थानों में ऑनलाइन दाखिले होते हैं। इसलिए छात्रों को ऑनलाइन ही हर साल शपथपत्र देना होगा। इसमें लिखा होगा कि वे ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं होंगे। इसमें छात्र का पंजीकरण नंबर भी लिखा होगा। आपार आईडी बनने के बाद शपथपत्र में यह नंबर लिखा होगा।

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