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Friday, January 3, 2025

जब एचआरए इतना कम तो दूर के ब्लॉक में क्यों जाएं शिक्षक?

जब एचआरए इतना कम तो दूर के ब्लॉक में क्यों जाएं शिक्षक?

शिक्षकों की भारी कमी के बावजूद ब्लॉक में तबादला नहीं चाहते शिक्षक


लखनऊ: लखनऊ के माल ब्लॉक में शिक्षकों की भारी कमी है लेकिन वहां कोई शिक्षक नहीं जाना चाहता। ऐसा ही हाल सीतापुर के रेउसा और बेहटा ब्लॉक का भी है। वजह यह कि जिला मुख्यालय से दूर यह ब्लॉक 'सी' कैटीगरी में आते हैं। ब्लॉक दूर होने के साथ ही यहां का एचआरए (हाउस रेंट अलाउंस) भी सबसे कम है।


ये हैं तीन श्रेणियां : बेसिक शिक्षा विभाग ने प्रदेशभर में बेसिक स्कूलों की तीन श्रेणियां तय की है। ऐसे जिले जहां नगर निगम है, वहां के शहरी शहरी क्षेत्रों को 'ए' कैटीगरी में रखा है। इसके अलावा अन्य जिलों के शहरी क्षत्रों को 'बी' कैटीगरी में रखा है। अन्य सभी ब्लॉक को 'सी' कैटीगरी में रखा गया है। तीनों कैटीगरी में एचआरए अलग-अलग है। इन तीनों कैटीगरी का एचआरए क्रमशः 4040, 2020 और 1340 रुपये/माह है। लखनऊ का माल ब्लॉक सी कैटीगरी में है। वहीं, अन्य सभी ब्लॉक और शहरी क्षेत्र ए कैटीगरी में आते है। तीन अलग-अलग कैटीगरी होने के कारण शिक्षक सी कैटीगरी वाले ब्लॉक में जाने को तैयार नहीं होते। सामान्य तबादले होते हैं, तब भी वे इन ब्लॉक का चयन करने से बचते हैं। इससे वहां शिक्षकों की भारी कमी रहती है। वहीं, म्यूचुअल तवादलों में दिक्कत इन ब्लॉक के शिक्षकों के लिए है। वहां कोई दूसरा उनके साथ म्यूचुअल पेयर नहीं बनाना चाहता। ऐसे में वे उसी ब्लॉक में पड़े रहते हैं।

इस बारे में प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक असोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष विनय कुमार सिंह कहते हैं कि समय के साथ शहरी सीमा में विस्तार हो रहा है। ऐसे में जरूरी है कि ग्रामीण और शहरी कैडर एक कर दिया जाए। इससे ब्लॉक की कैटीगरी भी समान हो जाएंगी और सभी समस्याओं का समाधान हो जाएगा।


अलग-अलग कैडर और एचआरए की वजह से आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इस बारे में विचार किया जा रहा है। कोशिश होगी कि जल्द कोई निर्णय हो सके। - सुरेंद्र तिवारी, सचिव-बेसिक शिक्षा परिषद


शिक्षा पर कैसे पड़ रहा असर? 
 यहां बात सिर्फ तबादले की नहीं है। कई मुद्दों के अनुसार ब्लॉक की ये तीन कैटीगरी दशकों पहले तय की गई थी, तब से काफी बदलाव आया है। नगर निगम के  निर्णय न लेने के कारण दिक्कते बढ़ती जा रही है। पालिका, नगर पंचायत क्षेत्रों में भी बदलाव आया है। शहरीकरण बढ़ा है लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग ने कैडर नहीं बदला। कई ग्रामीण इलाके ऐसे भी है जो सीमा विस्तार के बाद शहरी सीमा में आ गए लेकिन अभी तक उनका कैडर ग्रामीण ही रखा है। इस कैडर को एक करने की कवायद कई साल से चल रही है लेकिन कोई निर्णय नहीं हो सका। 

हाल ही में लखनऊ और गोरखपुर में शहरी सीमा में शामिल हुए स्कूलों को लेकर हाई कोर्ट भी निर्णय दे चुका है लेकिन उस पर भी अमल नहीं हुआ। इससे शिक्षको को तो परेशानी होती ही है। शिक्षा व्यवस्था पर भी खराब असर पड़ रहा है। शहर के स्कूलों में भी कई स्कूलों में शिक्षक नहीं है। लेकिन कैडर अलग होने के कारण यहां ग्रामीण क्षेत्र से शिक्षकों का तबादला नहीं हो सकता। इससे यहा शिक्षकों की कमी है। वहीं, सी कैटीगरी वाले स्कूलों में शिक्षक नहीं जाना चाहते।



शहरी व ग्रामीण ब्लॉकों का अलग मकान किराया भत्ता बन रहा तबादले के आकर्षण में बाधा

शिक्षकों का परस्पर तबादला : दूर के ब्लॉकों में जाने से कतराते हैं परिषदीय शिक्षक

तबादला प्रक्रिया को लेकर कम नहीं है दिक्कतें


लखनऊ। परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों के परस्पर तबादले में कई पेंच हैं। शहरी और ग्रामीण ब्लॉकों के लिए अलग-अलग मकान भत्ता (एचआरए) होने से शिक्षक मुख्यालय से दूर के ब्लॉकों में स्थानांतरण से कतरा रहे हैं। यही वजह है कि दूर के ब्लॉकों में शिक्षकों की संख्या कम है। वहीं, एक बार सुदूर ब्लॉकों में तैनाती पाने वाले शिक्षकों की शहरी क्षेत्रों में वापसी नहीं हो पाती है।


परिषदीय विद्यालयों में शिक्षक लगभग एक साल से जिले के अंदर व एक से दूसरे जिले में परस्पर तबादले का इंतजार कर रहे हैं। शासन ने हाल ही में जिले के अंदर परस्पर तबादले के लिए दिशा- निर्देश जारी किए हैं। हालांकि अभी इसके लिए समय सारिणी नहीं जारी की गई है। शिक्षक एक से दूसरे जिले में परस्पर तबादले के निर्देश का इंतजार कर रहे हैं। शिक्षकों का कहना है कि दूर के ब्लॉक में एचआरए कम होने से मुख्यालय के पास के शिक्षक उनसे म्युचुअल तबादले को नहीं तैयार होते हैं। लखनऊ में ही माल ब्लॉक को छोड़कर अन्य सभी में प्राथमिक शिक्षक का एचआरए 4040 है जबकि माल ब्लॉक के शिक्षकों का एचआरए सिर्फ 1340 रुपये है।


यही नहीं गोरखपुर में कुल 21 ब्लॉक हैं। लगभग 15 ब्लॉक में एचआरए 4040 और अन्य में 1340 है। शिक्षक नेताओं का कहना है कि यही वजह है कि दूर ब्लॉक में एक बार तबादला या तैनाती पाने वाले शिक्षक मुख्यालय के पास नहीं पहुंच पाते हैं। बेसिक शिक्षा विभाग को इसके लिए कोई रास्ता निकालना होगा नहीं आने वाले समय में यह बड़ी समस्या बनेगी।



10 जनवरी तक अपडेट होगा डाटा तो कब होंगे तबादले

बेसिक शिक्षा परिषद ने जिले के अंदर परस्पर तबादले के लिए 10 जनवरी तक शिक्षकों का डाटा अपडेट करने का निर्देश बीएसए को दिया है। ऐसे में शिक्षक यह कह रहे हैं कि अगर 10 जनवरी तक डाटा अपडेट होगा तो तबादला प्रक्रिया कब शुरू होगी और कब तक पूरी होगी? क्योंकि जाड़े की छुट्टियां 14 जनवरी तक ही हैं। वहीं शिक्षकों ने जल्द तबादला प्रक्रिया का कार्यक्रम जारी करने की मांग की है।


दूर के ब्लॉक में शिक्षकों को नहीं मिलता लाभ

उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारी निर्भय सिंह कहते हैं कि परस्पर तबादले में दूर के ब्लॉक में तैनात शिक्षकों को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। जो दूर के ब्लॉक में नियुक्त शिक्षक हैं, वहां कम एचआरए होने से कोई तबादला नहीं लेना चाहता है। इससे दूर के ब्लॉक में शिक्षकों की कमी हो गई है।

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