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Wednesday, January 1, 2025

जनपद के अंदर म्यूचुअल ट्रांसफर के लिए नीति तो हुई जारी लेकिन तबादलों के लिए करना पड़ सकता है लंबा इंतजार, जानिए क्यों?

जनपद  के अंदर म्यूचुअल ट्रांसफर के लिए नीति तो हुई जारी लेकिन तबादलों के लिए करना पड़ सकता है लंबा इंतजार, जानिए क्यों? 
 

लखनऊ।  बेसिक शिक्षकों के अंतःजनपदीय म्यूचुअल तबादलों के लिए नीति जारी हो गई है, लेकिन तबादलों के लिए लंबा इंतजार करना होगा। तबादला आदेश सर्दियों और गर्मियों की छुट्टियों में ही जारी हो सकते हैं। अभी तबादलों की प्रक्रिया शुरू भी कर दी जाए, तो भी उसमें वक्त लगेगा। तब तक सर्दियों की छुट्टियां बीत जाएंगी।


बेसिक शिक्षा परिषद ने 27 दिसंबर को तबादला नीति जारी की थी। उसके बाद 30 दिसंबर को सभी बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) को आदेश दिए गए कि 10 जनवरी तक शिक्षकों का ब्योरा पोर्टल पर अपलोड कर दें। ब्योरा अपलोड होने के बाद आवेदन मांगे जाएंगे। 


ऑनलाइन आवेदन के लिए कुछ वक्त दिया जाएगा। उसके बाद 15 दिन में उनका सत्यापन BSA को करना होगा। उसके बाद एक महीने में जिला स्तरीय समिति अपना निर्णय लेगी। इस निर्णय पर 15 दिन का समय आपत्तियों के लिए देना होगा। आपत्तियों के निस्तरण के बाद ही तबादला आदेश जारी होंगे। इस तरह तीन महीने का समय इसमें बीत जाएगा। चूंकि तबादला आदेश गर्मियों या सर्दियों की छुट्टियों में ही हो सकते हैं। शिक्षकों की सर्दियों की छुट्टियां 15 जनवरी को बीत जाएंगी। ऐसे में उनको कम से कम गर्मियों की छुट्टियों तक तबादलों का इंतजार करना होगा। 


इस बारे में प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक असोसिएशन के अध्यक्ष विनय कुमार सिंह कहते हैं कि शासनादेश के अनुसार साल में दो बार म्यूचुअल तबादले हो सकते हैं, लेकिन अफसरों की लेटलतीफी के कारण एक तबादले में ही एक से डेढ़ साल का वक्त लग जाता है.


कहां है दिक्कत ?

शासनादेश के आदेश के अनुसार , नई जगह जॉइनिंग और पुरानी जगह रिलीविंग गर्मियों या सर्दियों की छुट्टियों में ही हो सकती है। शासनादेश में यह कहीं नहीं कहा गया है कि प्रक्रिया भी छुट्टियों में ही शुरू होगी। मतलब यह कि पूरे साल में कभी भी प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। ऐसे में अगर छुट्टियों से तीन-चार महीना पहले प्रक्रिया शुरू कर दी जाए तो साल में दो बार म्यूचुअल तबादले हो सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं होता। 

जब सर्दियों या गर्मियों की छुट्टियां शुरू होने वाली होती हैं, उस समय प्रक्रिया शुरू की जाती है। इससे शिक्षकों के तबादले अगली छुट्टियों तक लटक जाते हैं। उन छुट्टियों में भी विलंब हुआ तो फिर उसके बाद वाली सर्दियों या गर्मियों का इंतजार करना होता है। इस तरह यह इंतजार एक- डेढ़ साल का भी हो जाता है।

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