PhD : नए साल पर UGC का तोहफा, शुरू किया पीएचडी अवॉर्ड पोर्टल, जानें योग्यता नियम व शर्तें
UGC PhD Award : इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए यूजीसी ने बुधवार को अपने पोर्टल पर पीएचडी उत्कृष्टता अवॉर्ड पोर्टल लॉन्च किया। अब अच्छी थीसिस व शोर्ध कार्य करने वाले रिसर्चर्स को पुरस्कृत किया जाएगा।
UGC PhD Award : नए साल पर यूजीसी ने पीएचडी कर रहे शोधार्थियों को नया तोहफा दिया है। इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने बुधवार को अपने पोर्टल पर पीएचडी उत्कृष्टता अवॉर्ड पोर्टल लॉन्च किया। अब अच्छी थीसिस व शोर्ध कार्य करने वाले रिसर्चर्स को पुरस्कृत किया जाएगा। पीएचडी एक्सीलेंस साइटेशन पोर्टल ( PhD Excellence Citation Portal ) पर विश्वविद्यालय हर साल अधिकतम पांच थीसिस को नामांकित कर सकते हैं। पांच विषयों साइंसेज (एग्रीकल्चर साइसेंज, मेडिकल साइंसेज समेत), इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलोजी, सोशल साइंसेज (एजुकेशन एंड ह्यूमैनिटीज भी), इंडियन लैंग्वेज और कॉमर्स एंड मैनेजमेंट प्रत्येक में एक एक नामांकन होगा।
यूजीसी के चेयरमैन जगदीश कुमार ने पोर्टल लॉन्च के मौके पर कहा, 'आज से विश्वविद्यालय यूजीसी पोर्टल पर अपने सर्वश्रेष्ठ पीएचडी शोध को नामांकित कर सकते हैं। हमने पहले ही सभी विश्वविद्यालयों को इस कार्यक्रम के बारे में सूचित कर दिया है और उनसे अपने सर्वश्रेष्ठ शोधों की पहचान करने और उन्हें नामांकित करने का आग्रह किया है।'
यूजीसी ने विश्वविद्यालयों से अपने शोधकर्ताओं के पीएचडी शोध की पहले से स्क्रीनिंग करने और पोर्टल के माध्यम से उपरोक्त विषयों के उम्मीदवारों को नामांकित करने को कहा है। कुमार ने कहा, 'हमने पहले ही सभी विश्वविद्यालयों को पत्र लिखकर उनसे अपने विश्वविद्यालय में सर्वश्रेष्ठ शोध की पहचान करने और उन्हें यूजीसी पोर्टल पर नामांकित करने का अनुरोध किया है।'
योजना की अहम बातें
- अब अच्छा शोध कार्य करने वाले पीएचडी शोधार्थियों को सम्मानित करेगा। यह पहल विभिन्न विषयों में उत्कृष्ट डॉक्टरल शोध कार्यों को पहचान दिलाने को लेकर है। यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप है, जो नए ज्ञान के सृजन और खोज को भारत के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण मानती है।
- यूजीसी ने फैसला किया है कि हर साल देश के तमाम विश्वविद्यालयों की टॉप 10 पीएचडी थीसिस को चुना जाएगा और उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा। यह पहल नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी), 2020 को ध्यान में रखकर की गई है जिसमें रिसर्च और नए ज्ञान के सृजन पर जोर दिया गया है।
कौन से विश्वविद्यालय के शोधार्थी होंगे इसके योग्य
देश के सभी केंद्रीय विश्वविद्यालय, राज्य विश्वविद्यालय, निजी विश्वविद्यालय व डीम्ड विश्वविद्यालय के शोधार्थी इसके पात्र होंगे। यह भी नियम है कि केवल वे विश्वविद्यालय ही इसमें भाग ले सकते हैं, जो राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (नैक) से मान्यता प्राप्त हैं और यूजीसी अधिनियम की धारा 2(f) के तहत सूचीबद्ध हैं।
इन 5 स्ट्रीम से चुनी जाएंगी बेस्ट 10 थीसिस
- साइंसेज (एग्रीकल्चर साइसेंज, मेडिकल साइंसेज समेत)
- इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलोजी
- सोशल साइंसेज (एजुकेशन एंड ह्यूमैनिटीज भी)
- इंडियन लैंग्वेज
- कॉमर्स एंड मैनेजमेंट स्ट्रीम शामिल है।
यूनिवर्सिटी पांच स्ट्रीम से हर वर्ष 1-1 पीएचडी थीसिस यानी कुल पांच पीएचडी थीसिस की सिफारिश कर सकती हैं। हर साल बीते वर्ष में यूनिवर्सिटी द्वारा 1 जनवरी से 31 दिसंबर के बीच दीक्षांत समारोह में जो पीएचडी डिग्री वितरित की गई होंगी, उनमें से वह चयन कर सकती है। अंतिम चयन यूजीसी स्तर पर एक चयन समिति द्वारा किया जाएगा।
कैसे होगा चयन
देश भर के विश्वविद्यालयों से टॉप 10 थीसिस का चुनाव बेहद चुनौतिपूर्ण होगा। ऐसे में चयन प्रक्रिया दो चरणों में बांटी गई है। पहले चरण में विश्वविद्यालय स्तर पर बनी स्क्रीनिंग समिति शोधार्थियों के कार्यों की समीक्षा करेगी। कैंडिडेट्स को शार्टलिस्ट कर वह अपनी सिफारिश यूजीसी को भेजेगी। इसके बाद यूजीसी की चयन समिति विश्वविद्यालयों की लिस्ट देखेगी और विश्लेषण कर अंतिम चयन करेगी।
साइटेशन के लिए चयन समिति 1 अगस्त तक पीएचडी विजेताओं की सिफारिश करेगी। यूजीसी हर साल 5 सितंबर शिक्षक दिवस के दिन 10 शोधार्थियों को पीएचडी एक्सीलेंस अवॉर्ड से सम्मानित करेगी।
पीएचडी करने वालों में बंपर बढ़ोतरी
यूजीसी के एक अध्ययन के मुताबिक पीएचडी करने वाले छात्रों की संख्या में हाल के वर्षों में बंपर इजाफा हुआ है। 2010-11 में 77,798 पीएचडी दाखिले हुए थे जबकि 2017-18 में यह 1,61,412 हो गए। पीएचडी में दाखिला लेने वालों में हर साल 10 फीसदी की वृद्धि देखी गई।
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