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Saturday, February 1, 2025

परिषदीय शिक्षकों के सेवा संबंधी मामलों के निपटारे के लिए बना मानव संपदा पोर्टल बना जी का जंजाल, जानिए क्यों❓

परिषदीय शिक्षकों के सेवा संबंधी मामलों के निपटारे के लिए बना मानव संपदा पोर्टल बना जी का जंजाल, जानिए क्यों❓


लखनऊ। परिषदीय शिक्षकों की सेवा संबंधी मामले के निपटारे के लिए बना मानव संपदा पोर्टल गुरुजी के लिए ही जी का जंजाल बन गया है।

हालत यह है कि बीते दो महीने से शिक्षकों के किसी भी प्रकार के ऑनलाइन रिक्वेस्ट को पोर्टल न तो दर्ज कर पा रहा है और न ही सेवा से जुड़े प्रकरणों में किसी प्रकार का सुधार हो पा रहा है।



 ऊपर से बेसिक शिक्षा परिषद ने ऑफलाइन संशोधन पर रोक लगा रखी है नतीजा लाखों शिक्षकों की सेवा संबंधी समस्याओं का निस्तारण नहीं हो पा रहा है। पिछले माह तक ऑफलाइन संशोधन हो जा रहा था ,वह भी अब नहीं हो पा रहा क्योंकि बेसिक शिक्षा परिषद ने इसे रोक दिया है। नतीजा, शिक्षक परेशान हैं, उनकी कोई सुनने वाला नहीं है। 


लखनऊ समेत कई अन्य जिलों में शिक्षकों के चयनित वेतनमान तथा अनापत्ति प्रमाण पत्र को ऑनलाइन आवेदन भी मानव सम्पदा पोर्टल के माध्यम से ही लिए जाने का प्रावधान किया गया है लेकिन अब तक एल वन एवं एल टू अधिकारी नहीं बनाए जा सके हैं।

आर्थिक सर्वेक्षण में शिक्षा पर ज्यादा खर्च का संकेत, शिक्षा के ढांचे की मजबूती पर भी जोर

आर्थिक सर्वेक्षण में शिक्षा पर ज्यादा खर्च का संकेत, शिक्षा के ढांचे की मजबूती पर भी जोर
 

स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा के बुनियादी ढांचे की मजबूती का जिक्र करते हुए आर्थिक सर्वेक्षण में शिक्षा पर ज्यादा खर्च का संकेत दिया है।

स्कूली शिक्षा में शत प्रतिशत नामांकन लक्ष्य की ओर बढ़ने के साथ उच्च शिक्षा के लिए मौजूदा शैक्षिक नेटवर्क और बुनियादी ढांचे को दोगुना करने की बात सर्वे में है। सर्वेक्षण में यह भी बताया गया है कि पिछले कुछ वर्षों में उच्च शिक्षा पारिस्थितिकी तंत्र में महत्वपूर्ण परिवर्तन हुआ है। वर्ष 2040 तक सभी उच्चतर शिक्षा संस्थान बहुविषयक संस्थान बन जाएंगे।


आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 रिपोर्ट में शिक्षा और मानव संसाधन विकास को देश की आर्थिक और सामाजिक तरक्की के लिए सबसे अहम बताया गया है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर भी जोर इसके अलावा, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की भूमिका पर भी जोर दिया गया है। भारत में 14.72 लाख स्कूल हैं, जिनमें 24.8 करोड़ छात्र पढ़ते हैं और इन स्कूलों में 98 लाख शिक्षक कार्यरत हैं। सरकारी स्कूल कुल स्कूलों का 69 हिस्सा है, जिनमें 50 छात्र नामांकित हैं और 51 शिक्षक कार्यरत हैं।


स्कूल छोड़ने की दर में लगातार गिरावट दिख रही

आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक बीते वर्षों में स्कूल छोड़ने की दर में लगातार गिरावट देखी गई है। यह प्राथमिक स्तर पर 1.9, उच्च प्राथमिक स्तर पर 5.2, माध्यमिक स्तर पर 14.1 है। शिक्षा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर भी जोर दिया जा रहा है। यूडीआईएसई 2023-24 रिपोर्ट के अनुसार जिन स्कूलों में कंप्यूटर मौजूद हैं, उनका प्रतिशत 2019-20 में 38.5 से बढ़कर 2023-24 में 57.2 हो गया। इंटरनेट सुविधा वाले स्कूलों की संख्या 2019-20 में 22.3 से बढ़कर 2023-24 में 53.9 हो गई।