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Sunday, February 23, 2025

परिषदीय शिक्षकों के सेवा संबंधी मामलों के निपटारे के लिए बना मानव संपदा पोर्टल बना जी का जंजाल, जानिए क्यों❓


विधान परिषद में उठी ऑनलाइन जीपीएफ व चयन वेतनमान पर हीलाहवाली को लेकर शिक्षक MLC ने उठाई आवाज

शिक्षक एमएलसी ने विधान परिषद में शिक्षकों के समस्याओं के समाधान में हो रही हीलाहवाली पर आवाज तेज की


लखनऊ ।  जीपीएफ और चयन वेतनमान को आनलाइन करने के के निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है। शिक्षक खुद के अधिकारों वंचित किया जा रहा है। शिक्षक एमएलसी राजबहादुर सिंह चंदेल और डा. आकाश अग्रवाल ने यह बात विधान परिषद में कही। दोनों नेताओं ने एक सुर में शिक्षकों के समस्याओं के समाधान में हो रही हीलाहवाली पर आवाज तेज की।

शिक्षक एमएलसी ने कहा कि परिषदीय स्कूलों में कार्यरत शिक्षक और कर्मचारियों का जीपीएफ संबंधी सभी कार्य आनलाइन माध्यम से कराए जाने के लिए निर्देश महानिदेशक स्कूल शिक्षा लखनऊ के पत्र के जरिए 23 दिसंबर को वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा को दिए गए थे। इससे पहले भी कई बार पत्र जारी किए जा चुके है। जिसका पालन अब तक नहीं किया जा सका है। जिससे जीपीएफ से जुड़े शिक्षक और कर्मचारी आनलाइन के माध्यम से अपने भविष्य निधि से ऋण नहीं लेपा रहे है। 

महानिदेशक ने चयन वेतनमान का लाभ आनलाइन पोर्टल के माध्यम से स्वीकृत किए जाने के निर्देश दिए हैं लेकिन पोर्टल कार्य नहीं कर रहा है। जिसका समाधान जरूरी है। शिक्षक विधायक ने जूनियर शिक्षक संघ के कृष्ण शंकर मिश्रा, संजय कुमार कनौजिया, वेदनारायण मिश्रा, दिलीप अवस्थी, अवनीश पाल, दीपक वर्मा पटेल, वीरेंद्र कुमार सैनी, विनीत बाजपेई आदि से मिली जानकारी पर आवाज उठाई है। संगठन के पदाधिकारियों ने कहा करीब तीन हजार शिक्षक कर्मचारी जीपीएफ से जुड़े है। जिन्हें आनलाइन व्यवस्था का लाभ नहीं मिल रहा है। जबकि, 2024 से तीन सैकड़ा से अधिक शिक्षक है जिन्हें चयन वेतन का लाभ नहीं दिया गया।



परिषदीय शिक्षकों के सेवा संबंधी मामलों के निपटारे के लिए बना मानव संपदा पोर्टल बना जी का जंजाल, जानिए क्यों❓


लखनऊ। परिषदीय शिक्षकों की सेवा संबंधी मामले के निपटारे के लिए बना मानव संपदा पोर्टल गुरुजी के लिए ही जी का जंजाल बन गया है।

हालत यह है कि बीते दो महीने से शिक्षकों के किसी भी प्रकार के ऑनलाइन रिक्वेस्ट को पोर्टल न तो दर्ज कर पा रहा है और न ही सेवा से जुड़े प्रकरणों में किसी प्रकार का सुधार हो पा रहा है।



 ऊपर से बेसिक शिक्षा परिषद ने ऑफलाइन संशोधन पर रोक लगा रखी है नतीजा लाखों शिक्षकों की सेवा संबंधी समस्याओं का निस्तारण नहीं हो पा रहा है। पिछले माह तक ऑफलाइन संशोधन हो जा रहा था ,वह भी अब नहीं हो पा रहा क्योंकि बेसिक शिक्षा परिषद ने इसे रोक दिया है। नतीजा, शिक्षक परेशान हैं, उनकी कोई सुनने वाला नहीं है। 


लखनऊ समेत कई अन्य जिलों में शिक्षकों के चयनित वेतनमान तथा अनापत्ति प्रमाण पत्र को ऑनलाइन आवेदन भी मानव सम्पदा पोर्टल के माध्यम से ही लिए जाने का प्रावधान किया गया है लेकिन अब तक एल वन एवं एल टू अधिकारी नहीं बनाए जा सके हैं।

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