केजी से पीजी तक के बच्चे जानेंगे गोपालन का महत्व, स्कूल पाठ्यक्रम में शामिल करने पर होगा विचार
पशुधन मंत्री ने अधिकारियों को कार्ययोजना बनाने के दिए निर्देश
लखनऊ। पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने गाय, गोसेवा और गोपालन के महत्व से केजी से पीजी तक के बच्चों और युवाओं को जागरूक करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने गोपालन, संरक्षण व उनके संवर्धन को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल कराने के लिए प्राथमिक, माध्यमिक व उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों से संपर्क व समन्वय कर कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं। वे मंगलवार को अपने कार्यालय में अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे।
उन्होंने महाकुंभ में बीती 8 फरवरी को हुई बैठक में विभाग के निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए। मंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास है कि गाय और उनके दूध के महत्व के प्रति बच्चे शुरू से ही जागरूक हों जिससे वे गोमाता के प्रति संवेदनशील हों। उन्होंने कहा कि गाय के दूध के साथ गोबर व गोमूत्र के व्यवसायिक प्रयोग के लिए संबंधित संस्थाओं के साथ मिलकर काम किया जाए। इनमें एनजीओ तथा महिला स्वयं सहायता समूहों की भी भागीदारी सुनिश्चित की जाए। जिलों में गोबर, गोमूत्र आधारित नवाचार के अंतर्गत गोकास्ठ, गोधूप, गोदीप, वर्मी कंपोस्ट व बायोगैस आदि का उत्पादन कर गोशालाओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाएं।
कहा, नाबार्ड के सहयोग से गोआश्रय स्थलों में बाउंड्रीवाल, ब्रिकसोलिंग तथा पानी की चरही का निर्माण कराया जाए। बैठक में विभाग के प्रमुख सचिव के रवींद्र नायक, विशेष सचिव देवेंद्र पांडेय, दुग्ध विकास विभाग के विशेष सचिव राम सहाय यादव, दुग्ध आयुक्त राकेश कुमार मिश्र, निदेशक प्रशासन एवं विकास डॉ. जयकेश पांडेय आदि शामिल हुए।
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