शिक्षकों की कमी एक समस्या है लेकिन इस पर लंबे समय तक ध्यान न दिया जाना अधिकारियों की लापरवाही है – जागरण संपादकीय
किसी विद्यालय में प्रधानाध्यापक ही न हो तो उस विद्यालय की शैक्षिक गुणवत्ता का सहज अनुमान लगाया जा सकता है, लेकिन जब हाई कोर्ट के संज्ञान के बाद भी स्पष्ट कार्रवाई न की जाए तो इससे शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को लेकर संदेह पैदा होता है। ऐसे में उच्च न्यायालय की यह चिंता उचित है कि प्रधानाचार्यों और सहायक अध्यापकों की अनुपलब्धता के कारण छात्र परेशान हैं।
राज्य सरकार के अधिकारियों के बीच कई बैठकों के बावजूद कोई निर्णय नहीं लिया गया। न्यायालय की यह टिप्पणी बांदा के अतर्रा स्थित विद्यालय में ढाई वर्ष से प्रधानाध्यापक व दो सहायक शिक्षकों के रिक्त चल रहे पदों को लेकर है, जिस पर शिक्षा अधिकारियों की अनदेखी के बाद विद्यालय प्रबंध समिति ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की है।
बांदा के विद्यालय का प्रकरण संदर्भ भर है, वास्तविकता यह है कि प्रदेश में अनेक ऐसे विद्यालय हैं, जहां निर्धारित अनुपात में शिक्षक नहीं हैं। यह इसलिए भी गंभीर है कि शिक्षा को मौलिक अधिकार का दर्जा प्राप्त है और किसी भी स्वस्थ समाज के लिए शिक्षा अनिवार्यता भी है। शिक्षकों की कमी एक समस्या है, लेकिन इस पर लंबे समय तक ध्यान न दिया जाना अधिकारियों की लापरवाही है। यह शिक्षा की गुणवत्ता से भी समझौता है जिस पर अविलंब ध्यान देने की आवश्यकता है।
बांदा के कृषि औद्योगिक विद्यालय की याचिका पर हाईकोर्ट ने की टिप्पणी
रिक्तियां न भरे जाने को लेकर दाखिल याचिका पर हाईकोर्ट की टिप्पणी
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि यह सभी जानते हैं कि पूरे उत्तर प्रदेश में प्रधानाचार्य और सहायक अध्यापकों की कमी से छात्र परेशान हैं। शिक्षा का अधिकार एक मौलिक अधिकार है। इसके बाद भी प्रतिवादी अधिकारी रिक्त पदों को न भरकर मौलिक अधिकार का उल्लंघन कर रहे हैं। न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया की पीठ ने यह टिप्पणी कृषि औद्योगिक विद्यालय और एक अन्य की ओर रिक्त पदों को भरने को लेकर दाखिल याचिका पर की।
कोर्ट ने कहा कि वर्तमान मामले में यह स्पष्ट है कि संस्थान के बार-बार अनुरोध के बावजूद आज तक अधिकारियों ने प्रधानाध्यापक और सहायक अध्यापक के पदों को भरने के लिए आवश्यक आदेश पारित नहीं किए। बांदा स्थित कृषि औद्योगिक विद्यालय में एक प्रधानाध्यापक, दो सहायक अध्यापक, एक क्लर्क और दो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पद जून 2022 से रिक्त हैं। स्वीकृत पदों पर नियुक्ति न किए जाने से व्यथित होकर विद्यालय की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।
न्यायालय को बताया गया कि राज्य सरकार ने महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा, उत्तर प्रदेश को स्पष्ट रिपोर्ट या प्रस्ताव का अनुरोध करते हुए पत्र भेजा है। इसके बाद भी आज तक कोई प्रस्ताव नहीं भेजा गया। इसका संज्ञान लेते हुए एकल जज ने महानिदेशक को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने में हुई देरी के संबंध में दस दिनों के भीतर व्यक्तिगत हलफनामा राज्य सरकार को देने का निर्देश दिया। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 17 फरवरी नियत की है।
शिक्षकों की कमी से छात्रों की परेशानी पर हाईकोर्ट ने की तल्ख टिप्पणी
प्रयागराज । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश में शिक्षकों की कमी पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि यूपी में यह सर्वविदित तथ्य है कि प्रधानाचार्यों और सहायक अध्यापकों की अनुपलब्धता के कारण छात्र परेशान हैं। यह टिप्पणी न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने कृषि औद्योगिक विद्यालय एएयू अतर्रा बांदा की प्रबंध समिति ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए की है।
याचिका स्वीकृत पदों के अनुसार शैक्षिक और गैर-शैक्षिक कर्मचारियों की नियुक्तियां न किए जाने को लेकर दाखिल की गई है। याचिका के अनुसार स्कूल में एक प्रधानाध्यापक, दो सहायक अध्यापक, एक क्लर्क और दो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पद जून 2022 से रिक्त हैं।
कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार के अधिकारियों के बीच कई बैठकों के बावजूद अब तक कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है। पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने हेडमास्टर और शिक्षकों की नियुक्ति की समय सीमा को लेकर अस्पष्टता की ओर इशारा किया था। तब कोर्ट ने विशेष रूप से टिप्पणी की थी कि बड़ी संख्या में रिक्तियों के कारण राज्य की शिक्षा की गुणवत्ता से समझौता हो रहा है और इस मुद्दे के समाधान में कोई प्रगति नहीं हुई है। सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि राज्य सरकार ने महानिदेशक बेसिक शिक्षा को स्पष्ट रिपोर्ट या प्रस्ताव के लिए शासन के पत्र भेजे जाने के बावजूद अब तक ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं भेजा है।
इस तथ्य का संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के महानिदेशक बेसिक शिक्षा से राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने में हुई देरी के संबंध में दस दिन के भीतर व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने को कहा है। साथ ही मामले की अगली सुनवाई के लिए 17 फरवरी की तारीख लगाई है।
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