IIT संस्थानों में 6500 सीट तो मेडिकल कॉलेज 10 हजार नई सीट, बजट में बड़ी घोषणाएं
Education Budget: मोदी सरकार ने बजट में शिक्षा के लिए कई बड़ी सौगात दिया है। 5 IIT संस्थानों में 6500 सीट तो मेडिकल कॉलेज 10 हजार नई सीटें जोड़ी जाएंगी।
Education Budget: मोदी सरकार द्वारा 2025-26 के बजट में शिक्षा क्षेत्र के लिए कई बड़ी सौगात दी है। मोदी सरकार ने शिक्षा के लिए 1,28,650.05 करोड़ की राशि का आवंटन किया है। बता दें, ये शिक्षा के लिए आवंटित ये बजट पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 6.65 फीसदी ज्यादा है। बता दें, शिक्षा के क्षेत्र में की गई बड़ी घोषणाओं में पांच नये भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (IIT) में 6,500 और छात्रों की शिक्षा की सुविधा के लिए बुनियादी ढांचे का विस्तार, मेडिकल की 10,000 नयी सीट और शिक्षा के लिए AI उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने के लिए 500 करोड़ रुपये का आवंटन शामिल है।
केंद्रीय बजट 2025-26 में शिक्षा मंत्रालय को 1.28 लाख करोड़ रुपये से अधिक आवंटित किया गया है, जो 2024-25 के संशोधित अनुमान 1.14 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। उच्च शिक्षा विभाग को जहां 50,067 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है, वहीं स्कूली शिक्षा विभाग को 78,572 करोड़ रुपये मिले हैं।
भारतीय भाषा पुस्तक योजना की होगी शुरुआत
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार स्कूल और उच्च शिक्षा के लिए भारतीय भाषाओं की पुस्तकों का डिजिटल रूप उपलब्ध कराने के लिए 'भारतीय भाषा पुस्तक' योजना शुरू करेगी। उन्होंने बताया कि सरकार पांच IIT संस्थानों में अतिरिक्त बुनियादी ढांचे का निर्माण करेगी और IIT पटना का विस्तार करेगी।
चुनाव से पहले IIT पटना के विस्तार का ऐलान
IIT पटना के विस्तार की घोषणा ऐसे समय की गई है जब बिहार विधानसभा चुनाव इस साल के अंत में होने की संभावना है। केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा, "पिछले 10 वर्षों में 23 IIT में छात्रों की कुल संख्या 100 प्रतिशत बढ़ी है और यह 65,000 से बढ़कर 1.35 लाख हो गई है। 2014 के बाद शुरू किए गए पांच आईआईटी में अतिरिक्त बुनियादी ढांचा तैयार किया जाएगा ताकि 6,500 और छात्रों को शिक्षा मिल सके। आईआईटी पटना में छात्रावास और अन्य बुनियादी ढांचे की क्षमता का भी विस्तार किया जाएगा।"
इन IIT कॉलेजों में बढ़ी सीट
बता दें, पांच नये आईआईटी जम्मू, भिलाई, धारवाड़, पलक्कड़ और तिरूपति में हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि इससे विभिन्न मापदंडों में 'बड़ी छलांग' लगेगी। शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, "पांच साल की अवधि में इन IIT में अतिरिक्त 6,500 सीट जोड़ी जाएंगी और उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए बुनियादी ढांचे को उन्नत किया जाएगा। बजट में भारत की मानव पूंजी के सर्वांगीण विकास को सुविधाजनक बनाने पर जोर दिया गया है।"
उन्होंने कहा, "मैंने 2023 में कृषि, टिकाऊ शहरों और स्वास्थ्य के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) में उत्कृष्टता के तीन केंद्रों की घोषणा की थी। अब 500 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ शिक्षा के लिए एआई में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जाएगा।" विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) से लेकर राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (NCERT) तक, शिक्षा मंत्रालय के तहत अधिकांश निकायों के आवंटन में बढ़ोतरी हुई है।
शीर्ष बिजनेस स्कूल - भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM), जिन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए उनके आवंटित बजट में लगातार कटौती का सामना करना पड़ा, को भी पिछले साल के संशोधित अनुमान 227 करोड़ रुपये के मुकाबले 251 करोड़ रुपये का बढ़ा हुआ आवंटन मिला है। केंद्रीय बजट में आईआईटी को 11,349 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो चालू वित्त वर्ष के 10,467 करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान से अधिक है।
बजट : आईआईटी, एसपीए और इग्नू को बड़ी सौगात मिली
नई दिल्ली । राजधानी के शिक्षण संस्थानों के बजट में भी बढ़ोतरी की गई है। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय और स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर के बजट में वृद्धि हुई है।
वहीं, विश्वविद्यालयों के अनुदान में भी इस बार वृद्धि से राजधानी में स्थित केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षण व्यवस्थाएं, मूलभूत सुविधाएं और नियुक्तियों आदि पर इस बजट का प्रभाव देखने को मिल सकता है। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय का वर्ष 2023-24 का वित्तीय बजट 130 करोड़ रुपये था, जिसे वर्ष 2024-25 में बढ़ाकर 147 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
वहीं, देश के आईआईटी के बजट में कुल 956 करोड़ का इजाफा हुआ है। तकनीकी शिक्षा, शोध और नवोन्मेष की तरफ वित्त मंत्री ने अपने बजट में बात की थी। इग्नू की कार्यवाहक कुलपति प्रो. उमा कांजीलाल का कहना है कि वित्तीय बजट बढ़ाया जाना स्वागत योग्य कदम है।
इस अतिरिक्त 17 करोड़ की राशि से शैक्षणिक कार्यक्रमों, डिजिटल अवसंरचना और छात्र सहायता सेवाओं को सशक्त बना सकेंगे। छात्रों को इससे सीखने में सहूलियत होगी।
अगले पांच साल में सरकारी स्कूलों में 50 हजार अटल टिंकरिंग लैब स्थापित करने की घोषणा, माध्यमिक विद्यालयों के विद्यार्थी एआई रोबोटिक्स व थ्रीडी प्रिंटिंग में होंगे दक्ष
लखनऊ। केंद्रीय बजट में अगले पांच साल में सरकारी स्कूलों में 50 हजार अटल टिंकरिंग लैब स्थापित करने की घोषणा की गई है। इसका लाभ प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले लाखों छात्रों को मिलेगा। इसके प्रभावी होने से प्रदेश के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के छात्र भी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, रोबोटिक्स व थ्रीडी प्रिंटिंग आदि में भी दक्ष हो सकेंगे।
प्रदेश में केंद्र सरकार के सहयोग से समग्र शिक्षा के तहत 101 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों (कक्षा नौ से 12 तक) में अटल टिंकरिंग लैब की स्थापना हो चुकी है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में 535 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में इन लैब की स्थापना की जा रही है, जो मार्च 2025 तक पूरी हो जाएंगी। बाद में बचे हुए 300 राजकीय
🔴 535 विद्यालयों में चल रहा काम, 101 में बन चुकी लैब
🔴 अभी 9वीं से 12वीं तक के विद्यालयों में लैब
विष्णुकांत ने बताया कि प्रदेश में 2,400 राजकीय माध्यमिक विद्यालय हैं। इसमें 900 विद्यालय कक्षा आठ से 12 तक के और 1500 विद्यालय कक्षा एक से 10वीं तक के हैं। पहले चरण में 900 विद्यालयों जहां 8वीं से 12वीं तक की पढ़ाई हो रही है, वहां लैब बनाई जा रही है। अगर केंद्र सरकार से सहयोग मिलेगा तो अगले चरण में 10वीं तक के माध्यमिक विद्यालयों में भी इसकी स्थापना करेंगे।
ग्रामीण माध्यमिक विद्यालयों में ऑनलाइन पढ़ाई को बढ़ावा, सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी का लाभ
लखनऊ। केंद्रीय बजट में भारत नेट परियोजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र के सभी सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी देने की घोषणा की गई है। इससे यूपी के सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में डिजिटल माध्यम से लर्निंग और कामकाज को बढ़ावा मिलेगा।
प्रदेश में 2,400 से अधिक राजकीय माध्यमिक विद्यालय हैं। ग्रामीण क्षेत्रों की बात तो दूर शहरी क्षेत्र में स्थित विद्यालयों में भी इंटरनेट की सुविधा न के बराबर है। ऐसे में कुछ विद्यालयों में प्रधानाचार्य की ओर से किसी मद से तो कई जगहों पर शिक्षक खुद की इंटरनेट व्यवस्था से ही कामकाज निपटाते हैं। इसकी वजह से विद्यालयों में डिजिटल माध्यम से पठन-पाठन को बढ़ावा नहीं दिया जा पा रहा है।
इसका माध्यमिक विद्यालयों के ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों को काफी लाभ मिलेगा। ऑनलाइन पढ़ाई को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही अत्याधुनिक लैब का संचालन भी हो सकेगा। समग्र शिक्षा के अपर राज्य परियोजना निदेशक विष्णुकांत पांडेय ने कहा कि यह सुविधा राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में बदलाव लाएगा।
प्रदेश में 3500 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) हैं। यहां पर ब्रांडबैंड कनेक्टिविटी सुविधा होने से बायोमेट्रिक अटेंडेंस, दवाओं के रखरखाव का विवरण, टीके के संबंध में जारी होने वाले निर्देश व आंकड़े तत्काल जारी किए जा सकेंगे।
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